BHOPAL. भोपाल में रविवार यानी 8 जनवरी से करणी सेना प्रदर्शन और अनशन कर रही है। 11 जनवरी बुधवार को चौथे दिन करणी सेना का आमरण अनशन और धरना जारी है। संगठन ने पुलिस कमिश्नर से जंबूरी मैदान में सम्मेलन के लिए एक दिन (रविवार) की अनुमति ली थी, लेकिन संगठन के 5 पदाधिकारी और समर्थक बिना अनुमति आम रास्ता रोककर महात्मा गांधी चौराहे पर आमरण अनशन पर बैठे हैं। संगठन प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर ने बीजेपी को तानाशाही पार्टी बताया। उन्होंने सभी से कहा कि कसम खाओ की बीजेपी को वोट नहीं देंगे।
BJP को वोट मत देना- जीवन सिंह
करणी सेना परिवार के प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर का वीडियो सामने आया। इसमें वे प्रदर्शनकारियों और अपने समर्थकों को बीजेपी को वोट नहीं देने की कसम खिला रहे हैं। उन्होंने कहा- हम परिवर्तन करने आए हैं, व्यवस्था में परिवर्तन तभी आएगा। मर जाना, लेकिन कसम खालो बीजेपी को वोट नहीं देना। अगर जीवन सिंह के मरने के बाद भी उसे जीवित रखना है, तो मेरे मरने के बाद कोई उपद्रव नहीं करना, बल्कि ऐसे ही शांतिपूर्ण तरीके से यहीं बैठे रहना।
ये खबर भी पढ़ें...
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ये कहा
धरने और अनशन पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, प्रदर्शनकारी हमारे अपने हैं। कोई गैर नहीं। हम भाइयों में आपस में कोई बैर नहीं। उनसे चर्चा करेंगे, आग्रह करेंगे, निवेदन करेंगे। मेरा मानना है कि हमारे स्वजन हैं, मान जाएंगे।
प्रदर्शन नें उमड़ी भारी भीड़
संगठनों के समर्थन से यहां भीड़ बढ़ गई है। ऐसे में महात्मा गांधी चौराहे से अवधपुरी तिराहे तक रास्ता बंद है। इससे अवधपुरी और आसपास की 2 लाख की आबादी परेशान है। उन्हें डायवर्टेड रूट से लंबा चक्कर लगाकर आना-जाना पड़ रहा है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 3 हजार पुलिसकर्मी मौके पर तैनात हैं।
अनशन कर रहे 7 लोग
8 जनवरी मंगलवार को 5 लोग भूख हड़ताल पर बैठे थे। मंगलवार को 2 और बढ़ जाने से संख्या 7 हो गई। इनमें एक स्टूडेंट मानवेंद्र सेंगर (22) है। ओरछा (जिला निवाड़ी) के रहने वाले मानवेंद्र बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से एलएलबी कर रहे हैं। पिता का ट्रांसपोर्ट का काम है। दूसरे हैं रतलाम के रानायरा के रहने वाले विनोद सुनार्थी (30)। दोनों 300 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय कर भोपाल आए हैं।
अनशन में शामिल मानवेंद्र सेंगर ने बताया कि मैं अपने घर ओरछा से निकलते वक्त राम राजा मंदिर ओरछा धाम से प्रण लेकर निकला था कि आंदोलन में शामिल होते ही अन्न त्याग दूंगा, लेकिन समिति ने भूख हड़ताल के लिए पहले ही पांच लोग नियुक्त कर दिए थे। जीवन दादा से न मिल पाने की वजह से किसी को पता नहीं चला। मंगलवार की सुबह सबको पता चला कि एक 22 साल का लड़का भी भूख हड़ताल पर है। इस पर मुझे बुलाकर साथ में शामिल किया गया और मेडिकल चेकअप कराया। सरकार बाहर के लोगों को खाना खिला रही है, लेकिन प्रदेश के लोगों की कोई चिंता नहीं है।
प्रदर्शन में अनुसूचित जाति का युवक शामिल
आंदोलन में शामिल विनोद सुनार्थी ने बताया कि मेरा परिवार खेती करता है। अनुसूचित जाति से आता हूं। 340 किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय कर 7 जनवरी को भोपाल पहुंचा। 3 दिसंबर की दोपहर 3 बजे रतलाम से पैदल चले थे। पैरों में छाले पड़ गए। जब मैंने 21 सूत्रीय मांग पढ़ी, तो मुझे भी लगा कि बदलाव होना चाहिए। मन में आया कि इस बदलाव को अपने गांव से ही शुरू करते हैं, बस इसीलिए पैदल ही चल दिया। रोजाना रात 12 बजे तक चलता था। रास्ते में किसी परिचित का घर होता, तो वहीं पर आराम कर लेता, वरना किसी ढाबे पर रुक जाता। इस तरह से भोपाल पहुंचा।
'गरीबी जाति देखकर नहीं आती'
मैं 21 सूत्रीय मांग का समर्थन करता हूं। आरक्षण की जो बात हो रही है, वो इस आधार पर हो रही है कि आरक्षण रहेगा, लेकिन आर्थिक आधार पर। गरीबी जाति देखकर नहीं आती। हर वर्ग में गरीब हैं। जनरल और ओबीसी को भी उनका हक मिलना चाहिए। एससी-एसटी को तो उनका हक मिल ही रहा है। दूसरा एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन होना चाहिए। मैंने करीब 100 मामले ऐसे देखे कि लोग एट्रोसिटी एक्ट का गलत फायदा उठा रहे हैं। जांच नहीं होती है। जो निर्दोष होता है, उसे भी जेल भेज दिया जाता है। मैं इस परिवर्तन के लिए पैदल चलकर आया हूं।
15 दिन के राशन का इंतजाम
करणी सेना परिवार ने भोपाल के जंबूरी मैदान पर 8 जनवरी को धरना-प्रदर्शन शुरू किया था। इस दौरान शाम तक उनकी मांगें नहीं माने जाने पर संगठन प्रमुख जीवन सिंह समेत 5 लोगों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी। इन लोगों ने 9 जनवरी को एमपी नगर की ओर कूच किया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें महात्मा गांधी चौराहे पर ही रोक लिया। तब से करणी सेना के कार्यकर्ता यहीं पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि उनके पास अभी 15 दिन के राशन का इंतजाम है।