BHOPAL. भोपाल नगर निगम ने इस बार रिकॉर्ड 493 करोड़ रुपए की टैक्स वसूली की है। जो पिछले साल की तुलना में करीब 33 करोड़ रुपए ज्यादा है। इस साल सबसे अधिक 220 करोड़ रुपए की वसूली प्रॉपर्टी टैक्स से हुई है। इसके अलावा सीवेज चार्ज में एक करोड़ रुपए की कमाई की गई। बिल्डिंग परमिशन फीस के रूप में निगम को साढ़े 13 करोड़ रुपए वसूले हैं। वसूल किए गए प्रॉपर्टी टैक्स में से 50 फीसदी यानी आधी राशि वार्डों के विकास पर खर्च की जाएगी। इस बार कंपाउंडिंग फीस के रूप में 33.59 लाख रुपए की कमाई बताई जा रही है।
कंपाउंडिंग फीट के तौर पर 33. 59 करोड़ वसूले
भोपाल निगग ने प्रॉपर्टी टैक्स, पानी, सालिड वेस्ट मैनेजमेंट, सीवरेज चार्ज, हाउसिंग फॉर ऑल, कमर्शियल फीस आदि में ही निगम की वसूली का आंकड़ा 342 करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है। बाकी राशि बिल्डिंग परमिशन, होर्डिंग्स चार्ज, शॉप किराया, कंपाउंडिंग फीस, कॉलोनी सेल, बोट चार्ज आदि का है। बिल्डिंग परमिशन से ही निगम को 13 करोड़ 54 लाख रुपए हासिल हुए हैं। वहीं, कंपाउंडिंग फीट के तौर पर 33 करोड़ 59 लाख रुपए की कमाई हुई। शॉप किराए के रूप में 46 करोड़ रुपए से ज्यादा वसूली हुई है। पार्किंग चार्ज में भी नगर निगम को ढाई करोड़ रुपए मिले हैं। वहीं, होर्डिंग चार्ज से 8 करोड़ रुपए वसूले गए हैं।
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दो महीने से टीम जुटी थी वसूली में
बताते हैं कि भोपाल नगर निगम की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसलिए अबकी बार पूरा अमला दो महीने पहले से वसूली में जुट गया था। इसके लिए जरूरत के मुताबिक कुर्की की कार्रवाई भी की गई। वहीं, हर बकायादारों को नोटिस भेजे गए। ताकि वे 31 मार्च से पहले राशि जमा करवा दें। मार्च में वसूली की जानकारी देने और लोगों को टैक्स जमा करने प्रोत्साहित करने हर वार्ड में कैम्प भी लगाए गए।
प्रदेश में 12 फीसदी ज्यादा प्रॉपर्टी टैक्स जमा हुआ
मध्यप्रदेश में नगरीय निकायों द्वारा विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष राजस्व/गैर-राजस्व करों की वसूली में 8 प्रतिशत और संपत्ति कर की वसूली में 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। जानकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2021-22 में नगरीय निकायों को आय के विभिन्न स्रोतों से लगभग 2354 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्त हुई थी। वहीं, वित्तीय वर्ष 2022-23 में लगभग 2532 करोड़ रुपए की आय हुई है। नगरीय निकायों के संपत्ति कर में विगत वर्ष 1083 करोड़ रुपए के विरुद्ध इस वित्तीय वर्ष में 1206 करोड़ रुपए वसूले गए हैं। प्रदेश में राजस्व में सर्वाधिक वृद्धि करने वाले नगर निगमों में उज्जैन, सिंगरौली, छिंदवाड़ा एवं ग्वालियर शामिल हैं। इनमें राजस्व प्राप्तियों में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।