इंदौर में मोनू भाटिया को बड़ा झटका, कांचा ने मप्र गुरुसिंघ के नाम से बनाई कमेटी, मोनू की इसी नाम से है अनरजिस्टर्ड कमेटी

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Neha Thakur
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इंदौर में मोनू भाटिया को बड़ा झटका, कांचा ने मप्र गुरुसिंघ के नाम से बनाई कमेटी, मोनू की इसी नाम से है अनरजिस्टर्ड कमेटी

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर गुरुसिंघ सभा के अगस्त में होने वाले चुनाव से पहले शराब कारोबारी मोनू भाटिया को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। कुलवंत छाबड़ा उर्फ कांचा ने मप्र गुरुसिंघ के नाम से नई कमेटी गठित कर ली है इसे फर्म एंड सासोयटी में रजिस्टर्ड करा लिया है। कांचा ही इसमें अध्यक्ष भी बन गए हैं और बाकी कमेटी गठित करेंगे। मोनू की मप्र-छग केंद्रीय श्री गुरुसिंघ सभा के नाम से पहले ही एक कमेटी बनी है जो सामाजिक कामों में जुड़ी है, लेकिन इसे कभी रजिस्टर्ड नहीं कराया गया है। लेकिन अब इसी के मिलते नाम से कमेटी गठित कर ली है। ऐसा कहा जाता है कि कुलदीप छाबड़ा उर्फ कांचा बॉबी छाबड़ा का करीबी है।



दोनों कमेटियों के काम और उद्देश्य भी एक जैसे-



कांचा ने कमेटी गठित करने की पुष्टि करते हुए कहा कि सिख समाज में गरीब बच्चों को पढाने व अन्य सामाजिक कामों के लिए यह कमेटी बनाई है। जिसमें समाज के सभी लोग मिलकर काम करेंगे। मोनू की भी कमेटी का भी यही काम है, वह मप्र खासकर इंदौर में सामाजिक कामों को लेकर अभियान चलाने के अलावा लगातार आयोजन कराते हैं। जानकारों के अनुसार अब दोनों कमेटियां एक ही नाम के होने से जब भी कोई दोनों के बीच विवाद उठेगा तो रजिस्टर्ड संस्था का इसमें दबदबा रहेगा।



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इससे पहले मोनू की उम्मीदवार की गई थी खारिज



शनिवार (13 मई) को मोनू भाटिया ने जरूर कोशिश की थी कि वह बॉबी के साथ अपना गठबंधन घोषित कर सके, और इसकी घोषणा भी कर दी थी लेकिन एक घंटे बाद ही बॉबी समर्थकों ने इस गठबंधन को ही षडयंत्र करार दे दिया। इस गठबंधन में मोनू को अध्यक्ष पद का और सुरजीत सिंह टूटेजा को सचिव पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था लेकिन बॉबी गुट से जिस तरह से तीखी प्रतिक्रिया आई, उससे इन दोनों के बीच सब-कुछ सही होने को लेकर संशय पैदा हो गया है। 



13 मई को पहले सुबह यह घटनाक्रम हुआ- नाम घोषित हुए-



शनिवार 13 मई को प्रताप नगर गुरुघर में मप्र-छग गुरुसिंघ सभा के अध्यक्ष मोनू भाटिया के स्वर्गीय पिता की याद में हो रहे कार्यक्रम के दौरान प्रितपाल द्वारा घोषणा की गई कि खालसा पैनल की ओर से मोनू भाटिया अध्यक्ष पद के लिए और सचिव पद के लिए उम्मीदवार सुरजीत सिंह टूटेजा होंगे। खालसा पैनल बॉबी छाबड़ा की है। इससे यही संदेश गया कि बॉबी और मोनू के बीच करार हो गया है और दोनों मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं जिसमें बॉबी पर्दे के पीछे रहेंगे। इसमें बताया गया कि बॉबी छाबड़ा हमारे साथ है और हमारे उम्मीदवार तय हो गए हैं। इसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर जारी कर दिए गए।



लेकिन एक घंटे बाद ही इसे षडयंत्र बताया गया-



प्रताप नगर गुरुद्वारे में प्रितपाल (बंटी) सिंह भाटिया ने घोषणा कर दी कि खालसा पैनल की ओर से मप्र-छग गुरुसिंघ सभा के अध्यक्ष मोनू (हरपाल सिंह) भाटिया अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लडेंगे और सचिव पद के लिए सुरजीत सिंह टूटेजा उम्मीदवार होंगे।  खबर सामने आने के एक घंटे बाद ही बॉबी के खास चरणजीत सिंह खनूजा ने टिव्ट कर कहा कि- `यह भ्रामक प्रचार हो रहा है।  खलासा पैनल द्वारा चुनाव के संबंध में उम्मीदवारों की कोई घोषणा नहीं हुई है, प्रितपाल सिंह भाटिया द्वारा जो बोला गया है वह जानकारी के अभाव में त्रुटिवश कूटनीति के तहत उनसे सुरजीत सिंह टूटेजा द्वारा गुरूघर में झूठ बुलवाया गया है। खालसा पैनल द्वारा अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सच्चाई यह है कि प्रितपाल सिंह भाटिया स्वंय पैनल की तरह से संभावित उम्मीदवार है। जब गुरुघर में प्रितपाल बोल रहे थे तब उनके बगल में सुरजीत सिंह पास में ही खड़े थे और वह उनके कान में बोल रहे थे, वहीं घोषणा उन्होंने कर दी।


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