भोपाल में आज कर्मचारियों का बड़ा प्रदर्शन, प्रदेशभर के कर्मचारी जुटेंगे, पुरानी पेंशन स्कीम समेत कई मांगों को लेकर देंगे धरना

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BP Shrivastava
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भोपाल में आज कर्मचारियों का बड़ा प्रदर्शन, प्रदेशभर के कर्मचारी जुटेंगे, पुरानी पेंशन स्कीम समेत कई मांगों को लेकर देंगे धरना

BHOPAL. मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन बहाल करने समेत कई मांगों को लेकर एक बार फिर सरकारी कर्मचारी सड़क पर उतर रहे हैं। कर्मचारी शनिवार, 29 अप्रैल केा भोपाल में बड़े स्तर पर धरना प्रदर्शन करेंगे। जिसमें प्रदेशभर के कर्मचारी शामिल होंगे। इससे पहले ये कर्मचारी सभी जिलों में कलेक्टरों को ज्ञापन सौंप चुके हैं। इस प्रदर्शन को कई कर्मचारी यूनियन का समर्थन मिला है।



नीलम पार्क में होगा धरना प्रदर्शन



मध्यप्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, मध्यप्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ, मध्यप्रदेश वाहन चालक यांत्रिकी कर्मचारी संघ, मध्यप्रदेश पेंशनर एसोसिएशन के आह्वान पर यह धरना प्रदर्शन किया जाएगा। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने बताया कि जहांगीराबाद स्थित नीलम पार्क में यह धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इसके जरिए सरकार तक अपनी बात पहुंचाई जाएगी। धरने से पहले शुक्रवार को कर्मचारी नेताओं ने आंदोलन की रणनीति भी बनाई।



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ये हैं कर्मचारियों की  मांगों 




  • प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्रीय दर एवं केंद्रीय तिथि से महंगाई भत्ता दिया जाए।


  • सेवानिवृत्त कर्मचारियों को महंगाई राहत मिले।

  • पिछले कई साल के एरियर का बकाया दिया जाए।

  • सातवें वेतनमान के अनुसार मकान किराया भत्ता, वाहन एवं अन्य भत्ते प्रदाय किए जाए।

  • चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का पदनाम कार्यालय सहायक किए जाए।

  • पेंशनरों को पेंशन राहत प्रदान करने में धारा 49 समाप्त की जाए।

  • कर्मचारियों की पदोन्नति, समयमान वेतनमान पर फैसला हो।

  • कर्मचारियों की वेतन विसंगति, टेक्सी प्रथा बंद कर वाहन चालकों की भर्ती की जाए।

  • संविदा एवं स्थाईकर्मियों को नियमित किया जाए।

  • सीपीसीटी का बंधन खत्म किया जाए।



  • यह है पूरा मामला



    मध्यप्रदेश में 1 जनवरी 2005 के बाद भर्ती अधिकारी-कर्मचारियों के लिए अंशदायी पेंशन योजना लागू है। इसके तहत कर्मचारी 10 प्रतिशत और इतनी ही राशि सरकार मिलाती है। कर्मचारी संगठन के अनुसार, इस राशि को शेयर मार्केट में लगाया जाता है। इसके चलते कर्मचारियों का भविष्य शेयर मार्केट के ऊपर निर्भर हो गया है। रिटायरमेंट होने पर 60 प्रतिशत राशि कर्मचारी को नकद और शेष 40 प्रतिशत राशि की ब्याज से प्राप्त राशि पेंशन के रूप में कर्मचारी को दी जाती है। पुरानी पेंशन बहाली संघ के अनुसार, पुरानी पेंशन नीति में सैलरी की लगभग आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती थी। डीए बढ़ने पर पेंशन भी बढ़ जाती थी। नई नीति में ऐसा कुछ भी नहीं है।


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