मध्यप्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को सुप्रीम कोर्ट से राहत, बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज; याचिकाकर्ता का आरोप झूठा

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Rahul Garhwal
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मध्यप्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को सुप्रीम कोर्ट से राहत, बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज; याचिकाकर्ता का आरोप झूठा

SAGAR. मध्यप्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उनके खिलाफ लगी एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (किसी व्यक्ति को न्यायालय के समक्ष पेश करने के लिए) को खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता ने खुद कोर्ट में उपस्थित होकर याचिका को वापस लेने का आवेदन लगाया था।



पिता की गुमशुदगी पर बेटे ने लगाई थी याचिका



कोर्ट में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ सीताराम ने अपने पिता की गुमशुदगी के मामले में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई थी। उसका आरोप था कि 22 अगस्त 2016 को उसके पिता को मंत्री राजपूत ने मिलने के लिए बुलाया था जिसके बाद से उसके पिता लापता हैं। उसके पिता ने तहसीलदार कोर्ट में राजपूत के खिलाफ केस लगाया था जो जमीन को लेकर था।



सीताराम का खुलासा, पैसों का लालच देकर झूठा आरोप लगवाया



इस मामले में मंत्री पर आरोप लगाने वाले सीताराम (महेश पटेल) ने खुलासा किया था कि बीजेपी से निष्कासित नेता राजकुमार सिंह धनौरा और विनय मलैया ने शिकायत दर्ज कराने के लिए उसे 2 करोड़ रुपए का लालच दिया था। सीताराम का कहना है कि इन दोनों के लालच में आकर उसने झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई थी। दोनों ने एक गार्डन में उसे बुलाकर रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए उसे 10 हजार रुपए एडवांस भी दिए थे। सीताराम ने दोनों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। सीताराम ने कहा कि दोनों नेता बाद में जोर-जबरदस्ती करके उसे कार से सुप्रीम कोर्ट ले गए और कुछ अज्ञात कागजों पर साइन भी कराए थे। सीताराम के इस खुलासे के बाद पुलिस ने नेता राजकुमार सिंह धनौरा और विनय मलैया के खिलाफ आईपीसी की धारा 342, 506 और 120 बी के तहत केस भी दर्ज कर लिया है।



सीताराम की FIR में क्या लिखा



मैं 31 दिसंबर 2022 को घर पर था। मोबाइल पर विनय मलैया का फोन आया। उन्होंने मुझे अपने मैरिज गार्डन में बुलाया। मैं जब विनय मलैया के गार्डन पहुंचा, तो वहां राजकुमार धनौरा मिले। उन्होंने मुझसे कहा कि तुमको हमारे साथ मिलकर गोविंद सिंह राजपूत को फंसाना है। तुम्हारे पिता की गुमशुदगी रिपोर्ट पहले से ही है, इसमें एक जमीन का विवाद जोड़कर मंत्री को फंसाना है। इसके बदले 1 से 2 करोड़ रुपए मिलेंगे और जमीन भी तुम्हारे नाम करवा दी जाएगी। विनय मलैया ने मुझसे कहा कि इसके लिए तुम्हें राजकुमार धनौरा के साथ जाना पड़ेगा और गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ केस लगवाना पड़ेंगे। उसी समय दोनों ने मुझे लिफाफे में 10 हजार रुपए दिए जिससे मैं पैसों के लालच में आ गया।



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पहले सीताराम ने राजपूत पर क्या लगाया था आरोप



सीताराम ने एक वीडियो में आरोप लगाया था कि उसकी जमीन गोविंद सिंह राजपूत ने अपने नाम करा ली और उस पर स्कूल भी बनवा लिया है। उसके पिता मानसिंह पटेल ने जमीन का केस तहसीलदार कोर्ट में लगाया था। इसके बाद मंत्री ने 22 अगस्त 2016 को पिता को घर पर बुलाया था। इसके बाद से ही पिता लापता हैं। आशंका है कि मंत्री राजपूत ने पिता के साथ कुछ गलत करवा दिया होगा। अब मेरी और मेरे परिवार की जान को भी खतरा हो सकता है। यदि मुझे और मेरे परिवार को कुछ होता है, तो उसका जिम्मेदार मंत्री राजपूत का पूरा परिवार होगा।


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