देव श्रीमाली, GWALIOR. मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई यात्रा को भले ही विकास यात्रा का नाम दिया है लेकिन उसे सत्ताधारी बीजेपी द्वारा हाईजैक करने के बाद ये चुनाव प्रचार अभियान जैसी हो गई। इसमें बीजेपी के नेता, मंत्री और विधायक अपने समर्थकों के साथ पार्टी का झंडा लेकर नारे लगाते हुए चल रहे हैं। इससे एक तो यात्रा के साथ चल रहे अफसर असहज महसूस कर रहे हैं। वहीं जनता विकास की बात सुनने की जगह अपनी शिकायतों की झड़ी लगाकर सबका जायका बिगाड़ रही है।
बीजेपी की विकास यात्रा में रोचक नजारे
बीजेपी की विकास यात्रा में बड़े मजेदार और रोचक नजारे भी देखने को मिल रहे हैं। मंत्री और विधायकों के आगे भूमिपूजन के लिए वांछित जरूरी सामान और पंडित जी चल रहे हैं। वहीं ग्रामीण विधानसभा में एक मंत्री हर गांव में कराए गए कामों के पर्चे साथ लेकर पहुंच रहे हैं जिसे पढ़कर सुनाते हैं और पूछते भी है कि ये काम हुए या नहीं ?
शहर में हालात खराब
शहर में विकास यात्रा को लेकर बड़ी फजीहत हो रही है। जहां से निकलते हैं, वहां सड़कें खुदी पड़ीं हैं और जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह ने अपनी यात्रा की शुरुआत संत रविदास जयंती से की थी। उस दिन उनके मार्ग पर लोगों ने अपने घरों पर बैनर टांगकर सड़कों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए थे। वे दूसरे दिन जब वार्ड-7 में पहुंचे तो स्थानीय लोगों ने कहा दिया ये गंदगी देख रहे हो ? यहां सफाई तो करा नहीं पा रहे विकास क्या कराओगे ? मंत्री जी ने जैसे-तैसे समझाया। इसके बाद जब वे लूटपुरा पहुंचे तो लोगों ने खराब सड़कें दिखाते हुए सीमेंट कॉन्क्रीट की सड़क बनवाने की डिमांड रख दी।
गाड़ी में है भूमि पूजन का सामान
इस विकास यात्रा का नजारा भी बड़ा मजेदार है। इनमें मंत्री के साथ-साथ 2 सेट में गाड़ियां चलती हैं। हरेक में एक पंडित के अलावा दोनों में लोटा, थाली, चावल, रोली, मिठाई, नारियल, कलावा, फूल, गेती, फावड़ा और चूना आदि होता है। एक गाड़ी मंत्री के काफिले के आगे पहुंचकर तैयारी करती है जबकि एक में ये सब सामान रखकर मंत्री जी साथ चलते हैं। दूसरे दिन वे लोकार्पण तो महज 1 लाख 68 हजार के विकास कार्यों का कर सके लेकिन 84 लाख 80 हजार के भूमिपूजन के नारियल फोड़ दिए।
ग्वालियर पूर्व में बड़ी फजीहत
वैसे तो विकास यात्रा सरकार द्वारा आयोजित की जा रही है जिसमें विधायक, सांसद, मेयर, पार्षद से मंत्री तक को अफसरों के साथ घूमकर अपने विकास कार्य बताना है और भूमि पूजन और उद्घाटन कराना है, लेकिन ग्वालियर पूर्व में ये काम उपचुनाव में विधानसभा चुनाव लड़ चुके मुन्नालाल गोयल से करवाया जा रहा है। गोयल 2018 में विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीते थे, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उन्होंने विधायकी और कांग्रेस दोनों छोड़कर कांग्रेस जॉइन कर ली। उपचुनाव में वे बीजेपी से लड़े लेकिन कांग्रेस के सतीश सिकरवार से हार गए। इसके बाद में सिकरवार की पत्नी डॉ. शोभा सिकरवार मेयर भी गईं। अब गोयल की विडंबना ये है कि अगर वे विकास कार्य गिनाते हैं तो सिकरवार दंपति के खाते में जाते हैं। नतीजा, वे लोगों से समस्याएं पूछने लगते हैं, इसके बाद अफसर असहज हो जाते हैं।
दक्षिण में बीजेपी के नेता का टोटा
ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में जहां ऊर्जा मंत्री की यात्रा लगभग 10-12 घंटे घूम रही है। वहीं ग्वालियर दक्षिण में ये सिर्फ एक घंटे में ही निपट रही है। इसकी वजह आपसी गुटबाजी है। इस क्षेत्र में कांग्रेस के विधायक प्रवीण पाठक है। यहां से बीजेपी में सबसे ज्यादा उम्मीदवार है। पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, समीक्षा गुप्ता, कमल माखीजानी, प्रांशु शेजवलजर, मनोज तोमर और अभय चौधरी यहां से टिकट के दावेदार हैं। इसके अलावा सिंधिया के भी कई समर्थक दौड़ में शामिल हैं। इसके चलते इनमें आपसी सामंजस्य नहीं बन पा रहा और यात्रा में भीड़ ही नहीं आ रही है।
क्षेत्र में कई समस्याएं
इस क्षेत्र की ज्यादातर सड़कें खुदी पड़ी है और पानी और सफाई की भी समस्या है। लिहाजा यात्रा जहां जाती है लोग समस्या दिखाकर रोष प्रकट करने लगते हैं। यहां यात्रा वार्ड-35 में गई तो इसका नेतृत्व बीजेपी के जिला अध्यक्ष अभय चौधरी और नगर निगम सभापति मनोज तोमर कर रहे थे। इस वार्ड में पार्षद कांग्रेस की चांदनी चौहान हैं। सो ना तो कोई भूमिपूजन किया गया और ना उद्घाटन। बस विकास कार्य गिनाए गए और राशन के थैले बांटे गए, लेकिन यात्रा बढ़ते ही लोगों ने स्ट्रीट लाइट बन्द होने, चारों तरफ गंदगी फैली होने की शिकायत करते हुए कचरे के ढेर दिखाना शुरू कर दिए। इसके थोड़ी देर बाद ही यात्रा स्थगित हो गई।
ग्वालियर ग्रामीण में मंत्री का अनूठा अंदाज
ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह की यात्रा का अंदाज एकदम अलग है। एक तरफ शहर में नेता पार्टी के नेता पार्टी का झंडा लेकर नारे लगाते हुए जा रहे हैं, लेकिन भारत सिंह कुशवाह का पर्चा यहां चर्चा का विषय बना हुआ है। वे जिस गांव मे पहुंचते हैं, वहां कराए गए और प्रस्तावित कामों और हितग्राहियों की सूची के पर्चे साथ लेकर पहुंचते हैं। पहले वे सब तक पर्चा पहुंचाकर उसे पढ़ने का आग्रह करते हैं और फिर भाषण में भी उसे पढ़कर सुनाते हैं। इसके बाद मंत्री चुनौती देते हैं कि अगर इनमें कोई झूठ हो तो अभी सामने खड़े होकर बताओ ताकि हम अफसरों से आपके सामने ही पूछ सकें।
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कांग्रेस बोली, जनता खुद ही दिखा रही आईना
कांग्रेस का कहना कि ये किसी भी सरकार द्वारा शासन और प्रशासन के दुरुपयोग का सबसे घिनौना उदाहरण है जिसमें अफसरों को अपनी झंडे के साथ नेता अपनी पार्टी का प्रचार करने में जुटे हैं। इस पर करोड़ों रुपए की धनराशि व्यय हो रही है। इतने बड़े आयोजन के लिए कोई बजट नहीं है इसलिए अफसर भ्रष्टाचार के जरिए माफिया से पैसे का इंतजाम करवा रहे हैं जिन्हें आगे लाभान्वित करना होगा। कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह कहते हैं कि जब नेता लोगों के दरवाजे विकास यात्रा लेकर पहुंच रहे हैं तो सब जगह जनता उन्हें आईना दिखाते हुए पूछ रही है- दिखाओ विकास कहां है? वो गंदगी, टूटी सड़कें और सड़क पर बहते सीवेज को दिखाकर उसे विनाश यात्रा साबित कर देती है।
बीजेपी बोली, जब सरकार हमारी तो हम ही दिखेंगे
बीजेपी प्रवक्ता आशीष अग्रवाल को सरकारी विकास यात्रा के भाजपाईकरण में कुछ भी गलत नहीं दिखता। वे कहते हैं कि जब सरकार हमारी है तो उसमें हमारे नेता और कार्यकर्ता जनता के बीच जाकर अपने काम का हिसाब देंगे ही। इसके साथ ही जो लोग योजनाओं से वंचित रह गए हैं। उन्हें भी लाभ मिले इसके लिए अधिकारी भी साथ चल रहे हैं। हमारे कार्यकर्ता पूरे उत्साह से जुटे हुए हैं। जनता द्वारा जगह-जगह समस्या बताने को आशीष अग्रवाल स्वस्थ परंपरा बताते हैं।