Bhopal. प्रदेश में बीजेपी के बड़े नेता और पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन इन दिनों चर्चा में हैं। पहले तो बालाघाट में आरटीओ को गालियां देने के मामले में उनकी काफी चर्चा हुई थी अब उनके बयान की चर्चा है। गौरीशंकर बिसेन ने भोपाल में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि पार्टी कहेगी तो वे छिंदवाड़ा से भी चुनाव लड़ने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ बालाघाट से अब विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ूंगा, क्योंकि वहां से 13 बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। एक बार पत्नी भी चुनाव लड़ चुकी हैं। बहुत हो गया अब नई पीढ़ी को मौका मिलना चाहिए।
आरटीओ वाली घटना पर माफी भी मांगी
गौरीशंकर बिसेन ने भोपाल में बालाघाट में हुई घटना पर माफी मांगी। उन्होंने कहा कि मैने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, मेरे स्वभाव में ऐसे शब्द कभी आते ही नहीं। उन परिस्थितियों में जो कठोर शब्द मुझसे निकले वे अच्छे शब्द नहीं थे। उसके लिए मैं सार्वजनिक रूप से माफी मांगता हूं। मैने एआरटीओ और उनकी जूनियर से भी माफी मांग ली है। मुख्यमंत्री के सामने भी मैने अपनी बात रखी है। पूरे देश के लोगों से माफी मांगता हूं।
कमलनाथ के बयान पर भी दी प्रतिक्रया
गौरीशंकर बिसने का वीडियो वायरल होने के बाद पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि यह उनका स्वभाव है। जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए बिसेन बोले कि मैं कमलनाथ का बहुत सम्मान करता हूं। 10 साल में मेरा और उनका कोई विवाद नहीं हुआ, यदि कमलनाथ इस विषय पर मुझसे बात कर लेते तो वे ऐसा बयान नहीं देते।
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कमलनाथ के खिलाफ केवल सुंदरलाल पटवा ही कर पाए थे करिश्मा
छिंदवाड़ा में कांग्रेस नेता कमलनाथ को बीजेपी की ओर से अब तक केवल दो लोगों ने ही कड़ी चुनौती दी है। पहले थे पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा और दूसरे वर्तमान केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल। बात नब्बे के दशक की है। साल 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा से कमलनाथ की धर्मपत्नी अलका नाथ ने चुनाव जीता था। बाद में अलका नाथ ने सांसद के पद से इस्तीफा दिया और उपचुनाव हुए। इन उपचुनाव में बीजेपी ने सुंदरलाल पटवा को टिकट दिया था। जिसके बाद चुनाव परिणाम पलट गए और सुंदरलाल पटवा छिंदवाड़ा से लोकसभा पहुंचे थे। वहीं साल 2004 में कमलनाथ के खिलाफ प्रहलाद पटेल मैदान में उतरे थे। पहली बार ऐसा हुआ कि छिंदवाड़ा में कमलनाथ के हेलीकॉप्टर को उतरने नहीं मिला था। हालांकि चुनाव कमलनाथ ही जीते थे।