संजय गुप्ता, INDORE. बीजेपी नेता और सीएम के करीबी देपालपुर के पूर्व विधायक मनोज पटेल के रिश्तेदार व पेट्रोल पंप कारोबारी महेश पटेल ने नगर निगम की कचरा गाड़ी के वाहन चालक और हेल्पर पर ही रिवाल्वर तान दी। जिसकी वजह हेल्पर ने उनकी पत्नी को गीला और सूखा कचरा मिक्स होने पर टोकना कारण बताया गया था। इस घटना से निगमकर्मी तुरंत जान बचाकर मौके से भाग गए। जब वह संबंधित की थाने में शिकायत करने पर अड़े तो बीच में नेताजन आ गए और निगमकर्मी को उनके हिसाब से समझा दिया गया और मामला रफा-दफा हो गया।
यह है मामला
जानकारी के अनुसार शनिवार सुबह जोन 13 के वार्ड 78 में रहने वाले पटेल के यहां निगम की गाड़ी कचरा लेने जाती है। वहां पर हेल्पर उनकी पत्नी को गीला-सूखा कचरे को लेकर टोक देता है। इससे पटेल इतना नाराज हो जाता हैं कि वह घर के अंदर जाकर रिवाल्वर निकाल कर ले आते हैं और चालक व हेल्पर पर तान देते हैं। उनका बेटा भी बाहर निकल आता है और जमकर गाली गालौज करते हुए मार डालने की धमकी देता है। वाहन चालक और हेल्पर दोनों वहां से अपनी जान बचाकर भाग जाते हैं।
ऐसे हुआ समझौता
कचरा वाहन चालक, हेल्पर इसकी जानकारी अपने क्षेत्र के अधिकारियों को देते हैं, पार्षद ओपी आर्य के पास भी जानकारी पहुंचती है। इसके बाद जब पता चलता है कि गोली चलाने वाला तो पूर्व विधायक बीजेपी नेता मनोज पटेल का रिश्तेदार है तो फिर वाहन चालक और हेल्पर को ही समझाने के प्रयास शुरू हो जाते हैं। दोनों पक्षों की फोन पर बात कराई जाती है और मामूली खेद व्यक्त कर मामले को खत्म कर दिया जाता है। वहीं पूरे मामले में पुलिस को कोई जानकारी ही नहीं है।
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नेताओं और रिश्तेदारों का रौब दिखाने का पुराना है नाता
इंदौर में यह कोई नई घटना नहीं है जब किसी नेता या उनके रिश्तेदार ने रौब दिखाया हो। कुछ दिन पहले ही आईडीए के उपाध्यक्ष गोलू शुक्ला के जीजा प्रवीण तिवारी पर भी कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने 420 का केस दर्ज किया है। उन पर फरियादी अर्जुन ठाकुर को ब्लैकमेल करने का आरोप है। इसके पहले भी मंत्री, नेताओं के रिश्तेदारों द्वारा सरकारी सिस्टम पर रौब दिखाने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसमें चर्चित बल्ला कांड भी है, जिसमें निगमकर्मी पर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे व विधायक आकाश विजयवर्गीय ने अतिक्रमण कार्रवाई के दौरान बल्ले से मारा था और इसका वीडियो आया था, इस पर बाद में पुलिस केस हुआ।