BHOPAL. 'तिल गुड़ घ्या आणि गोड़ गोड़ बोला' ये मराठी की कहावत है। जिसका अर्थ है, तिल-गुड़ दो और मीठा-मीठा बोलो। आप सभी को मकर संक्रांति पर्व की शुभकामनाएं। अब बात खास खबरों की मध्यप्रदेश में 3 दिन की राहत के बाद बर्फीली हवाओं ने शहरों को ठिठुरा दिया है। मौसम विभाग के अनुसार आज रात के तापमान में और गिरावट होने की संभावना है। उधर चीन में कोरोना का कहर जारी है। चीन के अधिकृत आंकड़ों के अनुसार 8 दिसंबर से 12 जनवरी तक 60 हजार लोगों की मौत हुई। खबरें तो ओर भी हैं अब आप तो सीधे नीचे उतर आइए और राजनीति-प्रशासनिक हलकों की रोचक खबरों की गरमाहट लीजिए।
बैठक दिल्ली में धड़कनें यहां बढ़ीं
दिल्ली बीजेपी राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक होने वाली है लेकिन दिल की धड़कनें यहां के नेताओं की बढ़ी हुई हैं। माना जा रहा है कि हिन्दू कैलेंडर के नववर्ष और चुनावी साल की इस पहली बैठक में मध्यप्रदेश का भी ब्लू प्रिंट तैयार हो जाएगा, सत्ता-संगठन में कोई फेरबदल होगा या नहीं ये तो बैठक के बाद तय होगा लेकिन दिग्गजों की बेचैनी जरूर बढ़ गई है। इसमें फेरबदल चाहने वाले और ना चाहने वाले दोनों पक्ष शामिल हैं। इस बैठक को फेरबदल चर्चाओं का फाइनल मैच माना जा रहा है। इसमें हुए फैसले 2023 तक यथावत रहेंगे। इसलिए हर लिहाज से ये बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
मामा के लिए भारी रहे 7 दिन
पिछले 7 दिन मामा की प्रतिष्ठा पर भारी रहे जिन बड़े आयोजन से मामा को यश मिलना था उनमें छोटी-सी लापरवाही से अपयश का दाग लग गया। प्रवासी भारतीय सम्मेलन में करोड़ों खर्च करने बाद भी कुछ एनआरआई गाली देते हुए वापस गए। तो उसी दिन भोपाल में करणी सेना ने मामा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मोर्चा खोलने तक तो बात ठीक थी लेकिन सोशल मीडिया पर गाली देने के वीडियो वायरल हो गए। बात यहां संभलती कि प्रवासी भारतीय सम्मेलन के बाद हुई इन्वेस्टर्स समिट में प्रदेश के ही बड़े कारोबारियों ने आरोप लगा दिया कि पैसे लेकर उन्हें यहां बुलाया गया और अब एंट्री नहीं दे रहे। सिस्टम की लापरवाही का फायदा चाहने वालों ने उठा लिया। फटाफट ये मामले ऊपर तक पहुंचा भी दिए।
भाई साहब ने उड़ाई चंदा मामा की नींद
संगठन के मुखिया ने हुजूर की मतदाता सूची में अपना नाम क्या जुड़वाया, उसके सियासी मायने निकाले जाने लगे। क्या भाई साहब 2023 में हुजूर से ताल ठोकेंगे, इस सवाल से चंदा मामा की नींद ही काफूर हो गई। भोपाल की सेफ सीटों में शुमार हुजूर विधानसभा का अगला हुजूर कौन होगा ये तो समय बताएगा लेकिन भाई साहब की एंट्री ने जरूर कई लोगों की बेचैनी बढ़ा दी है। पहले भाई साहब दक्षिण-पश्चिम विधानसभा के वोटर थे लेकिन हाल ही में मतदाता सूची अपडेट होने पर उन्होंने अपना नाम हुजूर में जुड़वा लिया। वैसे तो ये साधारण-सी बात है लेकिन सियासी लोग हर साधारण घटना में भी कुछ असाधरण होने की संभावनाएं तलाशते रहते हैं।
रामजी करेंगे बेड़ा पार
विकास के नाम पर राजनीति करने का जमाना गया। अब धर्म समाज के नाम पर राजनीति का जोर चल रहा है। ऐसे ही एक मंत्री ने अपने क्षेत्र में राममय माहौल बनाने का ब्लू प्रिंट तैयार किया है। मंत्री जी अपनी विधानसभा के 17 वार्डों से 17 चांदी की ईंटें बनवाकर रामलला के मंदिर में लगाने का ऐलान कर चुके हैं। अब मंत्री की इवेंट कंपनी इस आयोजन को भव्य रूप देने की तैयारी में है। यदि यूं कहा जाए तो विधानसभा क्षेत्र में अयोध्या का माहौल बनाने का प्लान है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। मंत्री जी हमारी शुभकामनाएं हैं। राम से बड़ा राम का नाम, लेकिन दिल से लेना होगा। ध्यान रखिए, वोट बैंक के लिए खेल खेला तो खेला भी हो जाएगा।
छोटा पड़ गया टॉयलेट
राजधानी की शान माने जाने वाले मिंटो हॉल (अब कुशाभाऊ ठाकरे हॉल) पर उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने सवाल खड़े कर दिए। जलदृष्टि 2047 के आयोजन के बाद सतपाल महाराज टॉयलेट गए तो वहां वे फंस गए, बाहर आकर नाराजगी जताई कि क्या सरकार अच्छे बड़े टॉयलेट भी नहीं बना सकती। महाराज ने चुटकी लेते कहा कि जरूरी नहीं है कि हर आदमी दुबला-पतला ही हो, कुछ खाते-पीते परिवार के भी हो सकते हैं। महाराज की नाराजगी को देखते हुए वहां मौजूद जिम्मेदार अफसर बगले झांकने लगे।
बड़े साहब मेहरबान, मैडम पहलवान, मंत्री हैरान
इन दिनों मंत्रालय में एक जिले की कलेक्टर मैडम के चर्चे ज्यादा हो रहे हैं। हो भी क्यों न साहब मैडम का जलवा भी कुछ ऐसा है। मंत्री सिर पटक-पटककर रह गए, लेकिन मजाल है कि मैडम से किसी ने कुछ कहा भी हो। उल्टा मैडम अब तक दो जिला पंचायत सीईओ और एक एसपी को हटवा चुकी हैं। बताया जा रहा है कि मैडम के पप्पा बड़े साहब के बैचमेट हैं। पप्पा दूसरे राज्य में पदस्थ हैं। बात यहीं नहीं रुकती बड़े साहब का बेटा भी मैडम का बैचमेट है। अब 2-2 वजनदार कारण हैं तो मैडम का पहलवानी करना तो बनता ही है ना। दिलजलों को कोई काम नहीं है बेवजह मैडम को बदनाम करने में लगे हुए हैं। आप तो लगे रहो मैडम जी, जब तक बड़े साहब हैं आप का कोई कुछ न बिगाड़ने वाला।