MLA रामेश्वर के दो बोल: क्या जोधा, अकबर में लव था?; राजपूत भाइयों से 100 बार माफी मांगता हूं

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MLA रामेश्वर के दो बोल: क्या जोधा, अकबर में लव था?; राजपूत भाइयों से 100 बार माफी मांगता हूं

भोपाल/सागर. अपने बिगड़े बोलों के कारण आए दिन सुर्खियों में रहने वाले बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा (Rameshwar Sharma) ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने 26 सितंबर को सागर (Sagar) में एक कार्यक्रम में राजा भारमल की बेटी जोधाबाई (Jodha Bai) और मुगल शासक अकबर (Akbar) के रिश्ते पर टिप्पणी करते हुए कहा, 'जोधाबाई और अकबर के बीच कोई आई लव यू का मामला नहीं था। शर्मा ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से सवाल करते हुए पूछा, क्या जोधाबाई और अकबर में लव था ? दोनों साथ पढ़े थे? कॉफी हाउस में या फिर जिम में मिले थे?' हालांकि बाद में रामेश्वर ने राजपूत समाज से माफी मांगते हुए कहा कि किसी राजपूत भाई को मेरी बात से ठेस लगी हो तो 100 बार माफी चाहता हूं।

ऐसे लुटेरों से भी सावधान रहो- शर्मा

— TheSootr (@TheSootr) September 27, 2021

कार्यक्रम में मौजूद लोगों की तालियां बटोरते हुए रामेश्वर शर्मा ने आगे कहा कि जब लोग सत्ता के लोभी हो जाएं। सत्ता के  लिए अपनी बेटी को भी दांव पर लगा दें, ऐसे लुटेरों से भी सावधान रहो। जो तुम्हारे हैं पर धर्म को धोखा दे सकते हैं। उन्होंने यह बयान सागर में हिंदुत्व धर्म संवाद के दौरान दिया। इस आयोजन में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा (Kapil Mihsra) भी मौजूद थे। 

कौन थी रानी जोधाबाई

जोधाबाई आमेर के राजा भारमल की सबसे बड़ी बेटी थीं। उनका वास्तविक नाम हीरा कुंवारी था, मुस्लिम साहित्य में जोधाबाई का नाम मरियम उज्जमानी बेगम बताया जाता है। मुगल बादशाह अकबर से उनका विवाह 1562 में हुआ था। जोधाबाई अकबर की तीसरी पत्नी थीं। बताया जाता है कि राजा भारमल ने जोधाबाई का अकबर से विवाह राजनीतिक समझौते के तहत किया था।

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हिंदुत्व के रक्षक राजपूतों से क्षमा चाहता हूं

रामेश्वर शर्मा ने बाद में लिखा कि राजपूत समाज शुरू से ही हिंदुत्व का रक्षक रहा है। आदि काल से आज तक क्षत्रिय वीरों की गाथाएं देश को गौरवान्वित करती रहरी हैं। मैं रामेश्वर शर्मा सदैव हिंदुत्व के रक्षक महाराणा प्रताप और पृथ्वीराज चौहान की वीर गाथाओं का गौरव गान करता रहा हूं। इतिहास में भले ही अकबर को महान बताया गया हो, लेकिन मेरे लिए अकबर नहीं महाराणा प्रताप महान हैं। मैं चालाक मुगलों की फूट नीति का वर्णन कर रहा था, राजपूत समाज को ठेस पहुंचाना मकसद नहीं था। 

सागर में आयोजित हिंदुत्व धर्म संवाद कार्यक्रम में अकबर और जोधाबाई के प्रसंग का वर्णन का उद्देश्य मुगलों की चालाकी और फूट नीति का उल्लेख करना था। महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी और पृथ्वीराज चौहान से प्रेरणा पाकर हिंदुत्व के लिए लड़ने वाला रामेश्वर शर्मा कभी भी राजपूत समाज पर उंगली उठा ही नहीं सकता। फिर भी मेरे किसी शब्द से किसी भी राजपूत हिंदू भाई को ठेस पहुंची हो तो आपका भाई रामेश्वर शर्मा 100 बार आपके सामने झुकने को तैयार है और आपसे क्षमा चाहता है। 

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