Bhopal. राज्यसभा चुनाव के लिए तमाम अनुमानों और अटकलों को झुठलाकर एकदम नए चेहरों को उम्मीदवार बनाकर चौंकाने वाली बीजेपी महापौर पद के उम्मीदवार तय करने के मामले में चौंका सकती हैं। इसी क्रम में भोपाल और इंदौर से महापौर पद के लिए बीजेपी से नए और चौंकाने वाले दो नाम सामने आए हैं। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, ये नाम भोपाल से भारती कुंभारे और इंदौर में पेशे से वकील और संघ परिवार से नजदीकी रखने वाले मनोज द्विवेदी का है। बताया जा रहा है कि यदि बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक में विधायक को महापौर प्रत्याशी नहीं बनाने का क्राइटेरिया फाइनल होता है तो मनोज द्विवेदी और भारती कुंभारे के नाम पर सहमति की मुहर लग सकती है।
बीजेपी कोर कमेटी की बैठक में फैसला
प्रदेश की 16 नगर निगमों में महापौर पद के उम्मीदवारों के नामों पर विचार करने के लिए शनिवार (11 जून) को शाम 6 बजे प्रदेश बीजेपी कार्यालय में कोर ग्रुप की बैठक हो रही है। संभावना जताई जा रही है कि इस बैठक में महापौर पद के प्रत्याशियों के नाम पर संगठन की मुहर लग जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इंदौर से चौंकाने वाला नाम सामने आ सकता है वो है मनोज द्विवेदी का। मनोज पेशे से सीनियर एडवोकेट हैं और संघ परिवार के करीबी माने जाते हैं। इनका नाम हाईकोर्ट जज की नियुक्ति के लिए भी सामने आ चुका है।
इसी तरह भोपाल से भारती कुंभारे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (AVBP) की प्रांत मंत्री रह चुकी हैं। वे मध्य प्रदेश में ABVP की पूर्णकालिक सदस्य के साथ राष्ट्रीय कार्यसमिति की सदस्य भी रही हैं। इस नाते वे मप्र एबीवीपी के पूर्व संगठन मंत्री और वर्तमान में प्रदेश बीजेपी के मुखिया वीडी शर्मा से जुड़ी रहीं हैं।
इसलिए दोनों नामों पर लग सकती है मुहर
बताया जा रहा है कि यदि बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक में पार्टी के वर्तमान विधायकों को महापौर पद के लिए प्रत्याशी नहीं बनाने का क्राइटेरिया तय होता है तो भोपाल से भारती कुंभारे और इंदौर से एडवोकेट मनोज द्विवेदी के नाम फाइनल हो सकते हैं। इसकी एक वजह उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय से नजदीकी है। वे अखिल भारतीय विद्या परिषद से भी जुड़े रहे हैं। इसी के चलते वीडी शर्मा से भी उनका सामंजस्य बेहतर है। ऐसे में संघ परिवार का समर्थन के साथ विजयवर्गीय का भी साथ मिलने मनोज द्विवेदी की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। द्विवेदी स्वदेशी जागरण मंच से भी जुडे़ रहे हैं। इंदौर हाईकोर्ट बेंच में 2 बार अतिरिक्त महाधिवक्ता (एडिशनल एडवोकेट जनरल, AAG) रह चुके हैं।
इंदौर: मेंदोला, जिराती और सुदर्शन गुप्ता भी दावेदारों में
इंदौर से महापौर पद के लिए विधायक रमेश मेंदोला, जीतू जिराती और पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता का नाम भी दावेदारों में शामिल बताया जा रहा है।
रमेश मेंदोला: इंदौर शहर से तीन बार के विधायक हैं। उनका नाम प्रदेश में सबसे ज्यादा वोटों से जीतने वाले विधायक के रूप में शुमार हैं। पार्टी के लिए कुक्षी, सांवेर, महेश्वर से लेकर झाबुआ तक के विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालने और ज्यादातर जीत सुनिश्चित कराने वालों में मेंदोला पार्टी के सेफ्टी वॉल्व कहे जाते हैं। जहां कोई कुछ नहीं कर पाता, वहां पार्टी मेंदोला पर दांव चलती है। वे 'जनबल के विधायक' हैं और जरूरत पड़ने पर कांग्रेस के संजय शुक्ला के धनबल का मुकाबला भी करने में सक्षम हैं। शिवराज मंत्रिमंडल में जगह पाने से दो बार चूक गए हैं, इसलिए संभावना है कि पार्टी उसकी भरपाई के लिए इंदौर में महापौर पद के लिए मेंदोला पर दांव पर लगाए।
जीतू जिराती: जीतू जिराती राऊ से विधानसभा टिकट पाने से चूक गए थे, इसलिए महापौर पद पर दावा जता रहे हैं। उनके कैलाश विजयवर्गीय के साथ-साथ सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ भी गहरे संबंध हैं। लेकिन मुश्किल ये है कि एक तो वे अर्धग्रामीण विधानसभा से आते हैं, दूसरा उनके साथ अभी भी शहरव्यापी पहचान कायम करने का संकट बरकरार है।
सुदर्शन गुप्ता: इंदौर से महापौर पद के दावेदारों में एक नाम पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता का भी है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सीएम शिवराज सिंह चौहान के नजदीकी संबंधों पर राजनीति चलाने वाले गुप्ता यूं भले ही दावेदार हों, लेकिन मैदान में उनका दावा कमजोर हो सकता है। इसकी सबसे बड़ी वजह उनका पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के संजय शुक्ला से हारना है। उनका कार्यक्षेत्र भी इंदौर-1 नंबर विधानसभा तक ही सीमित है, जबकि महापौर का चुनाव पूरे इंदौर नगर निगम क्षेत्र 18.35 लाख मतदाता करेंगे।