BHOPAL. राजीव गांधी की पुण्यतिथि के दिन को जन्म दिवस बताने वाले कमलनाथ के बयान को लेकर बीजेपी ने उन्हें घेरना शुरू कर दिया है। नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि उम्र हावी हो गई है। वहीं कमल पटेल ने कहा कि कमलनाथ को इलाज कराना चाहिए। कमलनाथ ने रविवार को बीजेपी नेताओं को कांग्रेस की सदस्यता दिलाते हुए ये बयान दिया था। कमलनाथ ने पुण्यतिथि को जयंती बताते हुए कहा था कि ये शुभ दिन है।
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का तंज
मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सिर्फ जयंती वाली बात नहीं, कमलनाथ ने ये भी कहा कि शुभ दिन है। इससे उनकी उम्र का अंदाजा समझ लीजिए। 75 साल से ऊपर की उम्र का अंदाजा ऐसा हो गया है कि दीपक सक्सेना जी से दिग्विजय सिंह को जिताने की अपील कर गए थे। वे विधानसभा की कार्रवाई को बकवास कह देते हैं। महिला नेता को आइटम कह देते हैं। अब उन पर उम्र हावी हो गई है। जो घोषणाएं वे कर रहे हैं, चुनाव आते-आते सारी घोषणाएं भूल जाएंगे।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने दी इलाज की सलाह
मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री, राजीव गांधी की पुण्यतिथि को जयंती बता रहे हैं। शुभ दिन बता रहे हैं। कमलनाथ जी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। उन्हें इलाज की जरूरत है। कांग्रेस के नेताओं से अपील है कि वे कमलनाथ जी का इलाज कराएं। वरना हम इलाज कराने को तैयार हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान से भी आग्रह है कि कमलनाथ जी का अच्छे अस्पताल में इलाज कराएं, ताकि उनकी मानसिक स्थिति ठीक हो जाए।
रविवार को क्या बोल गए थे कमलनाथ
रविवार को पीसीसी में बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस जॉइन की थी। इस मौके पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कमलनाथ समेत पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी कार्यक्रम में शामिल हुए थे। संबोधन के दौरान कमलनाथ ने राजीव गांधी की पुण्यतिथि की बजाय जन्मदिवस होना बताया था। उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने वाले बीजेपी नेताओं से कहा था कि मुझे खुशी है कि आप सबने आज कांग्रेस में प्रवेश इस शुभ दिन में किया है।
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खुलकर सामने क्यों आए कमल पटेल
रविवार को हरदा से बीजेपी नेता दीपक सारण ने कांग्रेस जॉइन कर ली। उनके साथ सैकड़ों कार्यकर्ता भी कांग्रेस में शामिल हो गए। दीपक सारण कृषि मंत्री कमल पटेल के करीबी रहे हैं। उन्होंने अचानक कांग्रेस जॉइन करके कृषि मंत्री और बीजेपी को झटका दे दिया। दीपक करीब 15 साल से बीजेपी में थे। मंत्री पटेल की कोर टीम ही बूथ पर बैठने से लेकर चुनाव संचालन की पूरी जिम्मेदारी भी उन्होंने संभाली थी। इसलिए वे खुलकर पीसीसी चीफ कमलनाथ के सामने आ गए हैं।