कमलेश सारडा, NEEMUCH. नीमच में नारकोटिक्स विभाग के प्रधान आरक्षक प्रमोद पाटीदार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में पाटीदार किसी से पैसे वाली पार्टी को उठाकर (गिरफ्तार कर) उसे ब्लैकमेल कर माल (पैसे) लेने की बात कर रहे हैं। एक ओर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी पर रोक की बात कर रहे हैं और बदमाशों के घरों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं, वहीं नीमच में खाकी की वर्दी को बदनाम करने वाले नारकोटिक विंग में पदस्थ प्रधान आरक्षक प्रमोद पाटीदार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए अंकुश लगाने का जिम्मा जिस खाकी पर हैं वहीं खाकी विभाग में तस्करों को पकड़ कर छोड़ना और समझौते की बात बातचीत का वीडियो सामने आने के बाद का सीएम के अभियान को लेकर सवाल खड़े हो गए। बताया जा रहा है कि इस वीडियो में 50 लाख वसूलने की बात कही जा रही है।
पुलिस की जोड़तोड़ की प्लानिंग
जो वीडियो सामने आया, उसमें खाकी को दागदार करते हुए कार्रवाई करने वाली पुलिस ही जोड़तोड़ की प्लानिंग करते दिखाई दे रही है और स्पष्ट कहती है कि रात्रि में ही कार्रवाई करेंगे ताकि माल भी कमा सकते हैं और आरोपियों को छोड़ने में भी आसानी रहेगी। वायरल वीडियो के अनुसार नीमच में पदस्थ प्रधान आरक्षक नारकोटिक्स विंग नीमच में बैठकर ही कहता दिखाई देता है कि अभी टीआई साहब मीडिया की खबरों से डरे हुए हैं इसलिए बीच में जोड़तोड़ के लिए मना कर दिया था। अब रात्रि मैं अच्छी पार्टी देखो, जिसे पकड़ कर करेंगे और माल अच्छा मिला तो खड़ा तोड़ भी कर देंगे। नीमच जिला अफीम की पैदावार के नाम से पूरे विश्व में विख्यात है और यहां पर अफीम से निकलने वाले पोस्ता का डोडा चूरे की खूब तस्करी होती है और इसी की आड़ में पुलिस द्वारा ब्लैकमेल का खेल या लंबे समय से देखने को मिल रहा है। पिछले साल भी यहां पर एक ऐसा ही कांड सामने आ चुका है। जिसके बाद भी कई पुलिसकर्मियों को निलंबित कर प्रकरण दर्ज किया गया था जिले में कई थाना प्रभारी लंबे समय से तबादले नहीं होने के चलते यहां पर अवैध वसूली के खेल हो रहे हैं। पूर्व में भी एक तस्कर के साथ थाना प्रभारी का वीडियो सामने आया था जिसके बाद थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया था।
पहले हो चुके हैं 5 पुलिसकर्मी हो चुके हैं बर्खास्त
बता दें कि नीमच में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में लोगों को झूठे केस में फंसाने और तोड़ बट्टे किए जाने के अनेक मामले पहले भी चर्चा में रहे हैं। 5 पुलिसकर्मियों को 1 व्यापारी के खिलाफ NDPS अधिनियम के तहत झूठा मामला दर्ज करने के आरोप में बर्खास्त किया जा चुका है। जिले के जावद थाने में पदस्थ ये पुलिसकर्मी अपने वरिष्ठ अधिकारी को बताए बिना केंट थाना क्षेत्र में गए और व्यवसायी अक्षय गोयल के खिलाफ संदेहास्पद कार्रवाई की थी। बर्खास्त किए गए पुलिसकर्मियों में उप निरीक्षक कमलेश गौड़, आरक्षक सतीश कुशवाहा, चंदन सिंह, कमल सिंह और आनंदपाल सिंह शामिल हैं।
भ्रष्ट अफसर पद पर नहीं रहेंगे
इस मामले में भाजपा जिला अध्यक्ष पवन पाटीदार का कहना है कि जो वीडियो दिखाया है, उससे प्रतीत होता है कि लोगों को फंसाकर पैसे ऐंठने का काम कर रहा है। निश्चित रूप से ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों-अफसरों को पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। वहीं, नारकोटिक्स विंग, मंदसौर के एडिशनल एसपी सुनील तिवारी का कहना है कि अभी वीडियो हमें आफिशियली नहीं पहुंचाया है। सिर्फ सोशल मीडिया पर ऐसी चर्चा होने की सूचना मिली थी। जिस पर प्रधान आरक्षक प्रमोद पाटीदार को उसकी मूल इकाई पुलिस विभाग में उज्जैन भेज दिया गया है। यदि तथ्यात्मक रिपोर्ट हमारे पास आई तो निलंबित भी किया जाएगा और उसकी सेवाएं समाप्त करने की कार्रवाई भी की जाएगी।