संजय गुप्ता, INDORE. नायब तहसीलदार से तहसीलदार और तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर बनने के लिए सालों से तरस रहे अधिकारी पदोन्नत तो हो गए हैं, लेकिन फिलहाल उन्हें पदोन्नित के हिसाब से प्रभार नहीं मिल रहे हैं। तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर बनकर इंदौर आए अधिकारियों को 20 दिन से ज्यादा हो गए हैं और उन्हें 25 अप्रैल, मंगलवार को जाकर कुछ कामकाज दिया गया है। लेकिन अभी भी इन्हें किसी तहसील का जिम्मा देते हुए एसडीएम/एसडीओ का जिम्मा नहीं सौंपा गया है। कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने ऑफिस की कुछ शाखाएं देने का आदेश जारी किया है। माना जा रहा है कि मई-जून में जब यहां से पुराने अधिकारियों की एक-एक कर विदाई होगी। इसके बाद ही उन्हें किसी तहसील का जिम्मा सौंपा जाएगा।
इन अधिकारियों के लिए यह हुआ आदेश
विनोद राठौर को लोक सूचना अधिकारी बनाया गया है और प्रोटोकॉल, काल सेंटर आदि शाखाएं भी दी गई है। डॉ. निधि वर्मा को नजूल शाखा के साथ मुआवजे मामले, लोकायुक्त व ईओडब्ल्यू शाखा दी गई है। प्रियंका चौरसिया को नजारत, कॉलोनी शाखा, कलेक्टर हेल्पलाइन जैसी शाखाएं दी गई है। वहीं अजय भूषण शुक्ला को शिकायत शाखा की जिम्मेदारी दी गई है।
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अभी इन अधिकारियों के पास है तहसीलों में एसडीएम का जिम्मा
फिलहाल एसडीएम /एसडीओ का जिम्मा इस तरह से यह अधिकारी संभाल रहे हैं। अंशुल खरे को जूनी इंदौर, मुनीष सिकरवार को मल्हारगंज, शाशवत शर्मा को कनाडिया, प्रिय वर्मा को बिचौली हप्सी, अक्षय मरकाम को खुडैल, विजय मंडलोई को राउ, राजेंद्र सिंह को डॉ. अंबेडकर नगर यानी महू, रवीश श्रीवास्तव को सांवेर, विशाखा देशमुख को हातोद और देपालुपर का जिम्मा रवि वर्मा के पास है।
तीन साल से ज्यादा वाले अधिकारियों का होगा ट्रांसफर
- इस साल विधानसभा चुनाव है, ऐसे में कलेक्टोरेट में तीन साल और इससे ज्यादा समय से पदस्थ अधिकारियों के ट्रांसफर होना है। कलेक्टर के तौर पर तो मनीष सिंह का नंवबर में ट्रांसफर हो चुका है और डॉ. इलैया राजा टी को कमान संभाले हुए अभी पांच माह ही हुआ है।