Gwalior, देव श्रीमाली. नब्बे के दशक में अपने विशाल जनाधार से स्थापित सियासी दलों की जड़ें हिला देने और कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर देने वाली बहुजन समाज पार्टी बीते एक दशक से लगातार हाशिए पर पड़ी हांफ रही है और अपनी पुरानी शक्ति वापस लाने के लिये एड़ी और चोटी का जोर लगा रही है । लेकिन अभी भी पुराना रसूख पाना उसके लिए दूर की कौड़ी ही लग रहा है । बुधवार को ग्वालियर में बीएसपी की फ्लॉप रैली से उंसके नेताओं के भी चेहरे पर बेचैनी साफ नजर आई।
नहीं दिखा सकी जनशक्ति
मध्यप्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे ही कांग्रेस और बीजेपी सहित सभी सियासी दलों की सक्रियता भी बढ़ने लगी है। हर कोई अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने और अपनी ताकत दिखाने के लिए आयोजन कर रहा है। इसी श्रृंखला में आज वुधवार को ग्वालियर में बहुजन समाज पार्टी ने भी आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर शक्ति प्रदर्शन किया। जिसमें बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश से लेकर ग्वालियर चंबल अंचल के सभी पदाधिकारी और विधायक पूर्व विधायकांे को शामिल करते हुए संभाग स्तरीय जोन स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया था। मकसद था अपनी शक्ति दिखाना लेकिन उसके प्रयासों की हवा निकल गयी क्योंकि इसमें भीड़ ही नहीं जुटी और इसमें रखी गईं आधी कुर्सियां खाली पड़ी रहीं ।
बीएसपी अंचल में देगी कड़ी टक्कर
अब विधानसभा चुनावों में महज आठ माह का समय शेष है और इन बार भी सबकी निगाहें ग्वालियर चम्बल अंचक पर ही हैं। बीजेपी और कांग्रेस पहले से ही यहां लगातार सक्रियता बनाए हुए हैं तो वहीं अभी हाल में ही आप पार्टी ने भी यहां पर सक्रियता बढ़ा दी है।अब इन तीनों राजनीतिक दलों के बाद बहुजन समाज पार्टी भी मैदान में आ गयी है।इसी को लेकर बहुजन समाज पार्टी के वरिष्ठ नेता काशीराम की जयंती पर आयोजित समारोह में पार्टी के सभी प्रदेश पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए।इस मौके पर उनका मकसद शक्ति प्रदर्शन करना था। जयंती के मौके पर ग्वालियर चंबल अंचल से पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी और सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओ ने अपना दम दिखाने का यह शो फ्लॉप ही रहा। कार्यक्रम के दौरान पार्टी ने नेताओं ने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी बीजेपी और कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती बन कर उभरेगी।
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बीएसपी को सीएम फेस की तलाश
बहुजन समाज पार्टी के इस शक्ति प्रदर्शन आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद और मुख्य प्रदेश प्रभारी इंजीनियर राम जी गौतम एवं प्रदेश प्रभारी सुनील बघेल शामिल हुए। साथ ही मध्य प्रदेश की सबसे चर्चित और बसपा विधायक रमाबाई भी इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए पहुंची।मुख्य प्रदेश प्रभारी राम जी बघेल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी हर विधानसभा में अपना प्रत्याशी उतारेगी और उन्हें उम्मीद है कि अबकी बार मध्यप्रदेश के विधानसभा में सबसे ज्यादा उम्मीदवार चुनकर आएंगे क्योंकि प्रदेश की जनता बीजेपी और कांग्रेस से पूरी तरह ऊब चुकी है।साथ ही उन्होंने कहा है कि अभी मध्य प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी मुख्यमंत्री का चेहरा तलाश रही है।
खास बात यह रही कि आज बहुजन समाज पार्टी का विधानसभा चुनाव को लेकर पहला विशाल कार्यक्रम आयोजित हुआ था।लेकिन यह कार्यक्रम पूरी तरह से फ्लॉप नजर आया। भले ही ग्वालियर चंबल अंचल के सभी जिलों से नेताओ और टिकट पाने की दौड़ में शामिल नेताओं की भीड़ इकट्ठी हुई लेकिन कार्यकर्ता और दलित युवाओं की भीड़ नजर नही आई । यही वजह रही कि इस कार्यक्रम में आधी से अधिक कुर्सियां खाली पड़ी रही। इस कार्यक्रम को लेकर कार्यकर्ताओं ने ज्यादा रुचि नहीं दिखाई और चंबल अंचल के अन्य जिलों से जो लोग आने थे वह नहीं आए।
अंचल में तीसरे नंबर की पार्टी है बीएसपी
ग्वालियर चंबल अंचल में बहुजन समाज पार्टी कई सीटों पर अपना जनाधार रखती है और लगभग एक दर्जन ऐसी सीट है जहां पर वह बीजेपी और कांग्रेस का खेल बिगड़ने की हैसियत रखती है। इनके अलावा अंचल में कई सीटें ऐसी हैं जिन पर कड़ी टक्कर होती है।
पुराने नेताओं की हो रही है वापिसी
अब की बार खास बात यह है कि बहुजन समाज पार्टी में ऐसे नेता शामिल हो रहे हैं जो बीजेपी और कांग्रेस में गए थे लेकिन अब फिर बीएसपी में लौट रहे है । यह नेता अपने आप में कद्दावर है और अगर बसपा ने टिकट देती है तो यह बीजेपी और कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती होंगे। अभी हाल में ही मुरैना जिले के पूर्व विधायक बलबीर सिंह दंडोतिया बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुए हैं और वह बताया जा रहा है कि वे एक बार फिर दिमनी विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे।ऐसे में वह बीजेपी और कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी करेंगे। साथ ही मुरैना जिले की 6 विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी का अच्छा खासा वर्चस्व है और सभी सीटों पर कड़ी टक्कर देती है तो वही ग्वालियर भिंड और दतिया में भी बहुजन समाज पार्टी अच्छा खासा वर्चस्व रहती है यही कारण है कि ग्वालियर चंबल अंचल में अगर बहुजन समाज पार्टी ने जातिगत गणित के आधार पर उम्मीदवारों को टिकट दिया तो या बीजेपी और कांग्रेस के लिए बड़ी मुश्किल पैदा हो जाएगी।