Jabalpur. सेना के प्रति युवतियों का रुझान आर्मी अधिकारियों के लिए उम्मीद से कहीं ज्यादा लग रहा है। इतनी बड़ी तादाद में अग्निवीर बनने के लिए आए युवतियों के आवेदन को देखते हुए सैन्य अधिकारियों ने कटआफ लगाकर छंटनी की। मैट्रिक के अंकों को आधार बनाकर 32 हजार से ज्यादा आवेदनों में से 1601 युवतियों को भर्ती रैली में शामिल होने के लिए बुलावा भेजा गया था। भर्ती रैली में सफल युवतियां अब अगली बड़ी चुनौती की तैयारी करेंगी वहीं जो असफल हुई हैं वो अगली बार और ज्यादा तैयारी करके आने का दम भरकर वापस गई हैं। यह कहना है मध्यभारत एरिया के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल एम के दास का। दास ने महिला अग्निवीर बनने आई युवतियों को आर्मी मैदान में हरी झंडी दिखाकर 1600 मीटर की दौड़ में रवाना किया।
भर्ती रैली के लिए बुलाई गईं 1601 अभ्यर्थियों में से 611 ने शारीरिक दक्षता पास की है। मंगलवार को इनका मेडिकल टेस्ट कराया गया। मेडिकल चरण से पास होने के बाद अग्नीवीर अभ्यर्थी लिखित परीक्षा की कसौटी पर परखी जाऐंगी।
सेना पुलिस में होगी भर्ती
अग्निवीर योजना के जरिए हुई इस भर्ती रैली के माध्यम से चयनित महिला अग्निवीरों को सेना पुलिस के लिए भर्ती कराया जा रहा है। इनके लिए भर्ती के नियम, मानदेय और सेवा शर्तें पुरूष अग्निवीरों की तरह ही होंगी। इनकी 6 माह की ट्रेनिंग होगी और सेवाकाल साढ़े 3 वर्ष का होगा।
भविष्य में प्रक्रिया में बदलाव के संकेत
लेफ्टिनेंज जनरल दास ने बताया कि सेना में टेलेंट के साथ मजबूत कद काठी वालों को आगे बढ़ने का अवसर मिल रहा है। ऐसा नहीं है कि जो पढ़ाई में होशियार रहे हैं वो शारीरिक रूप से कमजोर ही हों। हालांकि इस संभावना से भी इनकार नहीं कर सकते कि शारीरिक रूप से मजबूत कुछ अभ्यर्थी रैली में शामिल होने वंचित रह गई हों। संभव है कि भविष्य में भर्ती प्रक्रिया में कुछ सकारात्मक बदलाव किए जाएं।