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योगेश राठौर, INDORE. शहर के जाने-माने रूकमणि मोटर्स कार डीलर्स ट्रू वेल्यू द्वारा जानकारी छिपाकर वाहन बेचना भारी पड़ा। इसकी पोल तब खुली जब वाहन चालक का चालान बना, पुराने रिकार्ड सामने आए तो पता चला कि इस वाहन के नाम पर 20 चालान लंबित है। तब वाहन चालक ने बताया कि यह कार तो हाल ही में रूकमणि मोटर्स के ट्रू वेल्यू से खरीदी है। जानकारी सामने आने के बाद एजेंसी से दस हजार रुपए का चालान भरवाया गया।
यह है मामला
बुधवार 15 मार्च 2023 को सूबेदार सुमित बिलोनिया राजीव गांधी चौराहे पर यातायात प्रबंधन का कार्य कर रहे थे, इस दौरान मारुति सुजुकी वैन क्रमांक एमपी 09-बीडी-1208 के चालक विकास मौर्य को मोबाइल से बात करने पर रोका गया। यातायात प्रबंधन केंद्र से उक्त वेन के पूर्व के लंबित ई- चालानो की जानकारी ली गई तो पाया वेन के 20 ई-चालान लम्बित है। वाहन चालक द्वारा यह बताया गया कि मेरे द्वारा रुक्मणी मोटर्स ट्रू वैल्यू से वाहन खरीदा गया है एवं इनके द्वारा जानकारी छिपाकर वाहन मुझे बेचा गया।आज दिनांक को ट्रू वैल्यू के स्टाफ से बात कर उनके स्टाफ द्वारा 20 लंबित ई- चालान का जुर्माना 10,000 रुपए जमा करवाया गया। साथ ही ट्रू वैल्यू मैनेजर और सेल्स डिपार्टमेंट से समझाइश दी गई या कि भविष्य में इस प्रकार की जानकारी छिपाकर वाहन अन्य लोगों को ना बेचें।
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पुराने वाहन खरीदें तो देख लें पहले से चालान तो नहीं
ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि यदि आप किसी शो-रूम या व्यक्ति से कोई पुराना वाहन खरीद रहे है तो सम्बन्धित से यह जरूर लिखवाले की इस वाहन के पूर्व में लंबित कोई ई-चालान नही है, अन्यथा बाद में आपको ई-चालानों के जुर्माने का भुगतान करना पड़ सकता है।
ट्रैफिक थाने में जाकर पता कर सकते हैं कितने चालान लंबित
पुराने वाहनों पर कितने चालान लंबित है, इसके लिए कोई ऑनलाइन व्यवस्था नहीं है। ट्रैफिक प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इंदौर में ट्रैफिक थाने एमटीएच कंपाउंड में बने ट्रैफिक मैनेजमेंट हॉल में आकर किसी भी वाहन पर लंबित चालान की जानकारी ली जा सकती है। ऐसे ही हर शहर में व्यवस्था रहती है। वाहन जिस शहर में रजिस्टर्ड है सामान्य तौर पर वहीं अधिक चलता है, ऐसे में संबंधित शहर के थाने से जानकारी ले लेन चाहिए। क्योंकि कई बार किसी को वाहन बेचना होता है तो वह चालान नहीं भरता है और चुपचाप वाहन बेचकर निकल जाता है। ऐसे में बाद में वाहन स्वामी क लिए मुश्किल होती है। पहले आरटीओ में भी ट्रैफिक विभाग ने व्यवस्था कराई थी कि वाहन ट्रांसफर होने से पहले लंबित चालान चेक कर लें, ट्रैफिक पुलिस से जानकारी ले लें, लेकिन बाद में ई-पोर्टल व्यवस्था होने से उसमें यह अभी सुविधा शुरू नहीं हुई है।