दीपांशु जैन, GHATTIYA. उज्जैन में दो दिन पहले घट्टिया तहसील के झितरखेड़ी में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हुई थी। कार्रवाई के बाद वापसी के समय प्रशासन की टीम व पुलिस पर पथराव किया गया था। इस मामले में पुलिस ने 26 लोगों पर केस दर्ज कर लिया है। पथराव के कारण पुलिस विभाग के आधा दर्जन जवानों को चोटें आई थी। घट्टिया थाना पुलिस ने अधिकारियों से चर्चा कर केस दर्ज कर लिए हैं। आरोपियों में कुछ महिलाएं भी शामिल हैं। गांव में हुए इस बवाल के स्थानीय लोगों ने वीडियो बना लिए थे। वीडियो में महिलाएं और बच्चे भी पत्थर फेंकते नजर आ रहे थे। इस दौरान कई पुलिसकर्मी अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर दौड़ लगा रहे थे।
यह था मामला
दलित वर्ग द्वारा शासकीय जमीन पर कब्जा कर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के आसपास तार फेंसिंग कर कब्जा कर लिया था। इसके कारण सार्वजानिक जगह एक धर्म विशेष के कब्जे में आ रही थी। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत प्रशासन से की थी। कब्जे को हटाने के लिए प्रशासन की टीम पुलिस अमले के साथ मौके पर पहुंची थी और अतिक्रमण हटाया था। जब टीम कार्रवाई कर गांव से वापसी कर रही थी। तभी सैंकड़ों की संख्या में लोग एकत्रित हुए और टीम पर पथराव कर दिया था। इस दौरान शासकीय वाहनों में भी तोड़फोड़ हुई थी।
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झितरखेड़ी में 100 से ज्यादा दलितों के घर हैं
झितरखेड़ी में 100 से ज्यादा घर दलितों और करीब 90 घर पाटीदार समाज के हैं। दोनों वर्ग के लोग 40-40 प्रतिशत है। बाकी बचे लोगों में राजपूत, ब्राह्मण और अन्य जाति के लोग रहते हैं। गांव की जनसंख्या करीब एक हजार हे। गांव में अधिकांश दलित वर्ग के लोग विवादित भूमि के पीछे वाले हिस्से में रहते हैं। इधर, पाटीदार समाज के लोग जमीन वाले हिस्से में रहते हैं।
प्रशासन ने बिना सत्यता जाने उक्त कार्रवाई की
दलितों के अनुसार प्रशासन ने बिना सत्यता जाने उक्त कार्रवाई की। किसी भी सरकारी भूमि पर से कब्जा हटाने का कार्य राजस्व विभाग के अंतर्गत आता है न कि पुलिस-प्रशासन के अंतर्गत। बावजूद भी ग्रामीण लोगों पर झूठी कार्रवाई केस दर्ज किया गया।