इंदौर ईडी में 11 साल से भूमाफिया दीपक मद्दा पर चल रहा है केस, न्यायनगर के साथ ही देवी अहिल्या और त्रिशला संस्था तीनों में हुआ खेल

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Neha Thakur
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इंदौर ईडी में 11 साल से भूमाफिया दीपक मद्दा पर चल रहा है केस, न्यायनगर के साथ ही देवी अहिल्या और त्रिशला संस्था तीनों में हुआ खेल

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) में भूमाफिया सुरेंद्र संघवी, प्रतीक संघवी के साथ दीपक मद्दा उर्फ जैन के यहां हुए छापे के बाद इनके जमीन घोटाले फिर उजागर होने लगे हैं। लेकिन ईडी की मद्दा के खिलाफ यह पहली कार्रवाई नहीं है। द सूत्र के पास दस्तावेज मौजूद है, इसके अनुसार ईडी में पहले से ही खजराना की 9 करोड़ की 6 हेक्टेयर जमीन (साल 2006 के अनुसार सौदा कीमत) को लेकर ईडी में ECIR/02/2010/AZO/IDR के तहत मनी लॉड्रिंग केस की जांच पहले से चल रही है। इसमें दिलावर, सोहराब और इस्लाम पटेल के साथ ही दीपक मद्दा भी शामिल है। ईडी 13 दिसंबर 2012 को इस मामले में मद्दा से पूछताछ कर चुकी है। इस पूरे विवाद में दीपक मद्दा के साथ ही उसकी पत्नी समता जैन और सौदा कराने में भूमिका निभाने वाले संजय उर्फ गोलू पाटनी, शैलेंद्र यादव और नरसिंह गुप्ता की भी भूमिका शामिल रही है। जिला प्रशासन ने अक्टूबर 2021 में इस केस में मद्दा के साथ ही दिलावर, सोहराब, इस्लाम और जाकिर पटेल पर खजराना थाने में केस भी करवा दिया था।





विवादित जमीन की कीमत 100 करोड़ से ज्यादा





दीपक मद्दा पर दिलावर, सोहराब और इस्लाम पटेल ने आरोप लगाए कि उसने दिलीप सिसौदिया और दीपक जैन 2 लोगों के नाम से अनुबंध लेख बनाए और खजराना के सर्वे नंबर 172/1, 172/2, 173, 174/3 की कुल 6 हेक्टेयर (15 एकड़) जमीन का सौदा, 9 करोड़ में किया (आज के हिसाब से यह जमीन 100 करोड़ से ज्यादा कीमत की है)। इसके लिए 20-20 लाख के 3 चैक के जरिए 60 लाख रुपए दिए गए, 90 लाख कैश दिए, इसके साथ ही बिना तारीख वाले 1.41-1.41 करोड़ के 3 चैक दिए। यह 3 चैक देवी अहिल्या संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष रणवीर सिंह सूदन (बॉबी छाबड़ा का ड्राइवर) द्वारा दिए गए, जबकि सौदा मद्दा ने किया था। लेकिन जमीन की रजिस्ट्री मद्दा ने त्रिशला गृह निर्माण संस्था में कराई, जब वह उस संस्था का अध्यक्ष था। लेकिन जमीन का पूरा पेमेंट नहीं हुआ। वहीं देवी अहिल्या ने इस मामले में पेमेंट होने के बाद भी जमीन नहीं मिलने पर पटेल परिवार पर केस दर्जा करा दिया। इसी आधार पर ईडी इंदौर ने यह केस मनी लाण्ड्रिंग एक्ट में ले लिया।





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मद्दा ने रच दिया पूरा खेल





मद्दा ने इस खेल में 3 संस्थाओं को चूना लगाया। न्याय नगर संस्था के साथ पटेल परिवार ने यह सौदा कर लिया था, लेकिन जमीन उन्हें नहीं मिली और पटेल परिवार के साथ मद्दा ने अपने दिलीप सिसौदिया नाम से जमीन का सौदा 9 करोड़ में कर लिया। सौदे में 20-20 लाख के 3 चैक तीनों भाईयों को देवी अहिल्या से दिलवाए। वहीं जमीन की रजिस्ट्री नवंबर 2006 में त्रिशला गृह निर्माण संस्था के नाम से कराई, जिसका वह उस समय खुद अध्यक्ष था। इस तरह मद्दा ने 3 गृह निर्माण संस्थाओं को एक साथ अपने फायदे के लिए उपयोग कर लिया।





प्रशासन ने नए सिरे से कराई है FIR





इस मामले में भूमाफिया अभियान के तहत मद्दा पर 18 अक्टूबर 2021 को खजराना थाने में FIR क्रमांक 1032 के जरिए 420 का केस दर्ज कराया गया है। जिसमें मद्दा के साथ दिलावर, सोहराब, इस्लाम और जाकिर पटेल भी आरोपी है। FIR में है कि मद्दा ने 6 हेक्टेयर जमीन जो पहले से न्याय नगर गृह निर्माण संस्था के साथ कृषकों से अनुबंधित थी, इसकी रजिस्ट्री उन्हीं किसानों से मिलीभगत कर अध्यक्ष त्रिशला संस्था दिलीप सिसौदिया के नाम रजिस्ट्री करा दी। त्रिशला संस्था ने न्याय नगर को राशि लौटाने का अनुबंध किया लेकिन राशि नहीं लौटाई। पुराने अनुबंध को निरस्त किए बिना त्रिशला के नाम पर मद्दा ने जमीन कराई और कूटरचित दस्तावेज बनाए।



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