Seoni. सिवनी जिले के केवलारी तहसील में कूटरचित दस्तावेज तैयार कर फर्जी तरीके से जिंदा व्यक्तियों को मृत बताकर 11.16 करोड़ रुपए के गबन के मामले में तहसीलदार पर कार्रवाई की गाज गिरी है। केवलारी तहसील के तत्कालीन तहसीलदार और वर्तमान मे लखनादौन में पदस्थ तहसीलदार गौरीशंकर शर्मा को जबलपुर कमिश्नर ने निलंबित कर दिया है। जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा कलेक्टर सहित वरिष्ठ अधिकारियों को फटकार लगाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई है। 22 जुलाई 2019 से 110 अक्टूबर 2020 तक अपनी पदस्थापना के दौरान 52 लाख रुपए का भुगतान किया था जो फर्जी तरीके से किया गया था।
सिवनी कलेक्ट्रेट में किया अटैच
निलंबन की अवधि के दौरान तहसीलदार गौरीशंकर शर्मा को जिला मुख्यालय सिवनी में अटैच किया गया है। बता दें कि राहत राशि के घोटाले में सिवनी पुलिस ने नागपुर से नाजिर सचिन दहायत को गिरफ्तार किया था। जिसने पूछताछ में बताया था कि उसने गबन की राशि अपने रिश्तेदारों को बांटी थी, साथ ही क्रिकेट के सट्टे, ऑनलाइन गेमिंग और अय्याशी में उक्त रकम को खर्च कर दिया था।
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निलंबन के आदेश में यह साफ लिखा गया है कि तहसीलदार द्वारा महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही और उदासीनता बरती है। जो कि कदाचरण की श्रेणी में आता है। निलंबन के दौरान शर्मा को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता रहेगी।
यह था मामला
दरअसल सिवनी में आरबीसी 6-4 के तहत प्राकृतिक आपदाओं के शिकार लोगों और उनके परिजनों को दी जाने वाली राहत राशि में करीब 11.16 करोड़ रुपए के गबन का मामला सामने आया था। मामला सामने आने के बाद केवलारी तहसीलदार हरीश लालवानी के निर्देश पर पुलिस थाना केवलारी में सहायक ग्रेड-3 कर्मचारी सचिन दहायत के खिलाफ कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। वहीं इस गबन में उच्च अधिकारियों की मिलीभगत के अंदेशे के तहत हाईकोर्ट ने संभागायुक्त को जांच कर कार्रवाई की निर्देश भी दिए थे। उक्त जांच में दोषी पाए जाने पर अब जाकर तहसीलदार पर कार्रवाई की गाज गिरी है।