Jabalpur. जबलपुर में एक आदिवासी ने दूसरे आदिवासी की 1 एकड़ से ज्यादा जमीन फर्जी रजिस्ट्री से अपने नाम पर करा ली थी। एसडीएम कोर्ट ने उक्त रजिस्ट्री को शून्य घोषित करते हुए दस्तावेजों में मूल भूमि स्वामी का नाम दर्ज करने का आदेश दिया है। जबलपुर एसडीएम पीके सेनगुप्ता ने बताया कि बरगी तहसील के रानी दुर्गावती समाधि रोड निवासी जगत सिंह गोंड ने न्यायालय में शिकायत दी थी।
झांसा देकर जमीन अपने नाम कराई थी
जगत सिंह ने शिकायत में बताया कि दुर्गा नगर निवासी मनोहरलाल मरावी ने उसकी डुंगरिया स्थित 1 एकड़ 60 डेसीमल जमीन धोखाधड़ी कर अपने नाम करा ली थी। उसने दस्तावेजों में अपना नाम दर्ज करवा लिया था। मामले की शिकायत कलेक्टर से जनसुनवाई में की गई थी। साथ ही बरगी थाने में भी मामले की शिकायत की थी लेकिन पुलिस ने कोई मामला दर्ज नहीं किया।
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खसरे में भी चढ़ गया था नाम
जगत सिंह ने बताया कि खसरे की नकल निकलवाने पर उसमें भी मनोहरलाल का नाम था। शिकायत में यह बताया गया कि जमीन के बदले 5 लाख 80 हजार रुपए देने की बात भी झूठी है। रजिस्ट्री के समय जिन गवाहों के नाम दिए गए वह उन्हें नहीं जानता। एसडीएम ने शिकायत पर अनावेदक को अपना पक्ष रखने नोटिस जारी किया। नायब तहसीलदार से जांच प्रतिवेदन मंगाया गया।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह तथ्य सामने आया कि अनावेदक मनोहरलाल ने छलकपट से भूमि की रजिस्ट्री कराई थी। इसलिए रजिस्ट्री को शून्य घोषित किया गया है। खसरे से भी मनोहर का नाम विलोपित कर जगत सिंह का नाम दर्ज करने का आदेश दिया गया है।