Jabalpur. सिविल जज और एडीजे की भर्ती प्रक्रिया को चुनौती देने संबंधी उस याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है जिसमें उम्मीदवारों की आंसरशीट्स सूचना के अधिकार के तहत सार्वजनिक किये जाने की मांग की गई थी। उक्त याचिका में संविधान महत्व के 8 प्रश्नों के उत्तर हेतु सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल किए जाने के लिए हाईकोर्ट से प्रमाणपत्र की मांग की गई है। जिसमें एक प्रश्न संविधान की व्याख्या का भी प्रश्न है जिसकी व्याख्या करने का अधिकार सिर्फ सुप्रीम कोर्ट को है। दरअसल हाईकोर्ट में मौजूद नियामक अनुसार आंसरशीट्स सिर्फ संबंधित अभ्यर्थी को ही दी जा सकती है, तीसरे पक्ष को नहीं।
दरअसल उक्त याचिका को हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उत्तरपुस्तिकाएं संबंधित उम्मीदवार की व्यक्तिगत जानकारी है। याचिका खारिज किए जाने से विधि के अनेक प्रश्न खड़े हो गए थे जिनके समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट में पृथक से याचिका दाखिल की गई है। उक्त याचिका में हाईकोर्ट के निर्णय की संवैधानिकता का भी प्रश्न है जिसकी व्याख्या करने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए हाईकोर्ट से प्रमाणपत्र की मांग की गई है।
प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू और जस्टिस डीडी बंसल की खंडपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर और विनायक प्रसाद शाह ने पैरवी की।