JABALPUR. जबलपुर के IIITDM (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी, डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग) में 26 अप्रैल, बुधवार को सीबीआई ने छापा मारा। संस्थान के दो पूर्व डायरेक्टर के कार्यकाल में तीन करोड़ के कम्प्यूटर खरीदी घोटाले की शिकायत की गई थी। इसके अलावा वित्तीय अनियमितता की भी शिकायत मिली थी।सीबीआई द्वारा कई दस्तावेज जब्त किए हैं और संस्थान के लेखा जोखा की भी जांच की जा रही है। संस्थान के एचओडी और डीएसडब्ल्यू से पूछताछ जारी है।
जितने कंप्यूटर खरीदे गए, उतने संस्थान तक नहीं पहुंचे
बताया जा रहा है कि IIITDM के पूर्व प्रबंधकों के कार्यकाल में कंप्यूटर खरीदी घोटाला सहित सामग्री खरीदी में वित्तीय अनियमितताएं की गई। जितने कंप्यूटर खरीदे गए, उतने कंप्यूटर संस्थान तक नहीं पहुंचे। जिसकी शिकायतें सीबीआई को लगातार मिल रही थी। इसके बाद आज सीबीआई ने संस्थान में दबिश देकर छापामार कर्रवाई की है। इस दौरान अलग-अलग विभागों में आवंटित किए गए कंप्यूटरों का भी भौतिक सत्यापन टीम द्वारा किया गया है।
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देर शाम तक जारी रही जांच, वित्त विशेषज्ञ भी पहुंचे
कंप्यूटर घोटाले में जांच करने पहुंची सीबीआई की टीम ने देर शाम तक जांच की। इस दौरान विभागाध्यक्षों व अधिष्ठाता छात्र कल्याण से भी पूछताछ की गई है। वहीं सीबीआई ने वित्त विभाग में भी जांच की है और कंप्यूटर की हार्ड डिस्क भी जांच के लिए अपने पास रख ली है। इसके साथ ही वित्त विभाग के कई दस्तावेज भी जब्त किए हैं, जिनकी जांच सीबीआई के वित्त विशेषज्ञों द्वारा की जाएगी।
IIITDM जबलपुर की 2005 में हुई थी स्थापना
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी, डिजाइन और विनिर्माण संस्थान, जबलपुर (IIITDM जबलपुर) की स्थापना 2005 में हुई थी। इसे पंडित द्वारका प्रसाद मिश्रा भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी, डिजाइन और विनिर्माण संस्थान के नाम से भी जाना जाता है। IIITDM जबलपुर को IIIT अधिनियम के तहत राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया था। नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) ने इस संस्थान को भारत के इंजीनियरिंग कॉलेजों में 75वां स्थान दिया है। IIITDM जबलपुर ने स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग को बीटेक स्पेशलाइजेशन में से एक के रूप में पेश किया है। स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग के साथ, आईआईआईटी जबलपुर द्वारा दी जाने वाली विशेषज्ञताओं की कुल संख्या पांच है। सभी विशेषज्ञताओं के लिए प्रवेश प्रक्रिया समान है।