जितेंद्र सिंह, ग्वालियर। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर में सीबीआई ने कुछ नर्सिंग कॉलेजों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की है। रिपोर्ट के अनुसार जांच में 50 फीसदी से अधिक कॉलेज निर्धारित मानदंडों के अनुसार संचालित होते नहीं पाए गए। बाकी कॉलेजों में भी अनियमितताएं पाई गई हैं। सीबीआई की रिपोर्ट देखकर उच्च न्यायालय ने न सिर्फ सरकार और नर्सिंग कॉलेजों के प्रति नाराजगी जाहिर की, बल्कि सीबीआई अधिकारी से कहा कि आपको पूरा प्रदेश देख रहा है। राज्य की जनता के लिए यह जांच अहम है। जांच पूरी शिद्दत से करें। कोई भी दिक्कत आए तत्काल न्यायालय को अवगत करवाएं। उच्च न्यायालय ने बिंदु निर्धारित कर सीबीआई से 12 मई तक विस्तृत जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।
4 बिंदुओं में मांगी प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों की कुंडली
उच्च न्यायालय ग्वालियर में 28 अप्रैल, शुक्रवार को नर्सिंग कॉलेजों के मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई प्रारंभ हुई। न्यायालय के आदेश पर सीबीआई ने प्रदेश के 47 जिलों में संचालित 364 नर्सिंग कॉलेजों में से 25 कॉलेज की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की। 25 नर्सिंग कॉलेज में से 11 कॉलेज कॉमन थे, जिसकी रिपोर्ट पूर्व में शासन द्वारा न्यायालय में सौंपी जा चुकी है। सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार 11 नर्सिंग कॉलेज में से 06 कॉलेज निर्धारित मानदंडों के अनुसार संचालित होते नहीं पाए गए हैं। बाकी के 05 कॉलेजों में भी अनियमितताएं हैं। सीबीआई की रिपोर्ट देखकर जस्टिस रोहित आर्या और जस्टिस सतेंद्र कुमार सिंह ने नर्सिंग कॉलेज की हालत को लेकर चिंता जाहिर की। न्यायालय ने सीबीआई के डिप्टी एसपी दीपक पुरोहित को 12 मई तक चार निर्धारित बिंदुओं में विस्तृत जांच कर नर्सिंग कॉलेजों की कुंडली पेश करने के आदेश दिए हैं।
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...तो प्रदेश के 364 कॉलेजों की क्या हालत होगी
उच्च न्यायालय ने सीबीआई द्वारा प्रस्तुत सैंपल जांच रिपोर्ट देखने के बाद चिंता जाहिर की। युगलपीठ ने कहा कि जब 11 नर्सिंग कॉलेज में से 50 फीसदी से अधिक कॉलेज मानदंड पूरा नहीं करते तो प्रदेश के 364 कॉलेजों की क्या हालत होगी। माननीय न्यायालय ने सीबीआई के डिप्टी एसपी दीपक पुरोहित को 4 बिंदुओं में प्रदेश के 364 कॉलेजों की जांच रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। सीबीआई को सत्र 2020-2021 की स्थिति में सरकारी नर्सिंग कॉलेज, 10 वर्ष से अधिक पुराने कॉलेज, 5 वर्ष से अधिक पुराने कॉलेज तथा 05 वर्ष से कम पुराने कॉलेजों में निर्धारित मानदंड की जांच कर उक्त प्रारुप में रिपोर्ट प्रस्तुत करना है।
नर्सिंग कॉलेजों में क्या जांच करना है यह भी बताया
न्यायालय ने सीबीआई अधिकारियों को कहा कि सत्र 2020-21 की स्थिति में नर्सिंग कॉलेजों में विद्यार्थियों के एडमिशन रिकॉर्ड के साथ-साथ उनसे ली जाने वाली फीस का जानकारी भी एकत्रित करना है। उन्हें देखना है कि विद्यार्थियों से फीस एक साथ ली गई है या सेमेस्टर अनुसार ली गई है। इसके अलावा विद्यार्थियों का उपस्थिति रजिस्टर की गंभीरता से जांच करना है। इस उपस्थिति रजिस्टर की उस अस्पताल के रिकॉर्ड से मिलान करना है, जहां उन्हें प्रशिक्षण दिलवाए जाने का नर्सिंग कॉलेज दावा करते हैं। कॉलेजों का ट्रेनिंग मोड्यूलर की जानकारी भी रिपोर्ट में शामिल की जाए। इसके अलावा नर्सिंग कॉलेज का इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ शिक्षकों की जानकारी भी एकत्रित करना है। सीबीआई को उक्त समस्त जानकारी न्यायालय द्वारा बताई बिंदुवार 4 श्रेणी में विभाजित कर प्रस्तुत करना है। सीबीआई को प्रदेश के 47 जिलों के 364 नर्सिंग कॉलेज का आंकड़ा एवं जानकारी देने साथ जांच में सहयोग करने के लिए नर्सिंग काउंसिल और मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी को आदेश दिए हैं। साथ ही समस्त जिला कलेक्टर को सीबीआई अधिकारियों को जांच में सहयोग एवं सुविधा उपलब्ध करवाने के आदेश भी दिए गए हैं।