Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व में दिए गए निर्देश के पालन में केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) जबलपुर में रिक्त पद के मामले में केंद्र सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया। इसमें बताया गया कि देश भर के विभिन्न कैट में 15 प्रशासनिक सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। हाईकोर्ट के प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू और जस्टिस वीरेंद्र सिंह की डबल बेंच ने जवाब को रिकॉर्ड में लेते हुए मामले की अगली सुनवाई दिसंबर माह के दूसरे सप्ताह में निर्धारित की है।
केंद्र सरकार की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल पुष्पेंद्र यादव ने कोर्ट को अवगत कराया कि इस सिलसिले में केंद्र सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन मंत्रालय ने 5 नवंबर को आदेश जारी किया है। हाईकोर्ट में सितंबर में याचिका दायर कर कहा गया था कि कैट जबलपुर में जज का एक पद खाली है। इस कारण युगलपीठ के समक्ष सुने जाने वाले कई प्रकरणों की सुनवाई नहीं हो पा रही है।
जीआइएफ जबलपुर में पदस्थ जयप्रकाश की ओर से याचिका दायर की गइ्र है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अजय रायजादा ने कहा कि दो साल पहले ऑर्डिनेंस फैक्ट्री ने इन हाउस प्रमोशन के लिए कई पद निकाले थे। जबलपुर में चार्जमैन मेटालर्जिकल का एक पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित था। याचिकाकर्ता ने उस पद के लिए आवेदन किया था। इसके अलावा एक अन्य ने भी आवेदन किया था, लेकिन उसके पास अर्हता नहीं थी।
अनावेदक ने कैट में याचिका दायर कर प्रक्रिया में शामिल होने के लिए अंतरित राहत ले ली थी। इस बीच मुंबई सहित अन्य जगह के कैट और संबंधित हाईकोर्ट ने ऐसी अनुमति देने से इनकार कर दिया था। उसी मामले में याचिकाकर्ता ने भी हस्तक्षेप याचिका प्रस्तुत कर मांग की है कि पात्र होने के नाते उसे ही पदोन्नति दी जाए। याचिका में कहा गया कि कैट में प्रशासनिक सदस्य नहीं है, इस वजह से उस मामले की सुनवाई नहीं हो पा रही है।