indore.चाय के प्याले में जब तक शकर नहीं मिलती, चमचा दौड़कर नहीं आता । मैं जानता हूं ताई ज्यादा प्रसिद्ध नहीं हैं, उसके बावजूद इंदौर ने पचाया और उन्हें आठ बार जिताया । इसके लिए इंदौर की जनता अभिनंदनीय है। इंदौर पहुंचे केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जब ताई के लिए यह कहा तो हाल तालियों से गूंज उठा। वे पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पद्ममश्री सुमित्रा महाजन की किताब 'ताई' का विमोचन करने इंदौर पहुंचे थे। आयोजन लाभ मंडपम में हुआ।
उधर, सुमित्रा ताई जब भाषण देने खड़ी हुईं तो रोचक वाकया हो गया। भाषण के लिए लगाया गया डायस काफी ऊंचा था। ताई के लिए पहले छोटा स्टूल लगाया गया, उसे हटाया, फिर बड़ा लगाया गया और ताई से पूछा-ये ठीक है। ताई ने मुस्कराते हुए कहा-ठीक है, पर अब ज्यादा ऊंचाई पर खड़े होने से डर लगता है। ताई ने किताब के बारे में कहा यह किताब युवाओं को बताएगी कि लोकसभा अध्यक्ष की भूमिका सिर्फ सदन को संभालने तक नहीं रहती है, बल्कि पूरी लोकसभा में कार्यरत 4500 लोगों को संभालने की रहती है। किताब मेधा किरीट सौमया ने लिखी है।
अब तो ये देखते हैं कि चुनाव कौन जितवाएगा
गडकरी ने ताजा राजनीति के संदर्भ में कहा आज की राजनीति इस बात पर टिकी है कि चुनाव कौन जितवाएगा। टिकट भी उसी व्यक्ति को मिलता है। भले ही दूसरे लोग कितने ही कुशल और योग्य क्यों न हो। ईमानदारी, छल-कपट से दूरी, स्पष्टवादिता ये बातें सिर्फ भाषणों में ही अच्छी लगती है। राजनीति में ये बातें अलोकप्रिय मानी जाती हैं लेकिन ताई ने इन्हें अपनाकर राजनीति की। वे जो हैं, वहीं दिखाने की कोशिश करती हैं। आडंबर नहीं है उनके जीवन में। स्पष्ट जीवन पद्धति है।
जेब कट गई, पर्स रखना छोड़ दिया
आयोजन में स्वागत समारोह लंबा खिंचने पर गड़करी ने एक किस्सा बताते हुए कहा -मोटे-मोटे हार पहनना मुझे पसंद नहीं । मैं जब बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना तो स्वागत के लिए भारी भीड़ होती थी। दो-तीन बार तो मेरी जेब कट गई। तब से मैंने पर्स रखना छोड़ दिया ।
मुझे शब्दों पर टोक दिया ताई ने- शर्मा
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वी.डी. शर्मा बोले ताई की स्पष्ट सोच मुझे अच्छी लगती है। आजकल गलतियों पर कोई टोकता नहीं है बल्कि इस इंतजार में रहते हैं कि आगे और गलती करे लेकिन ताई ने मुझे एक बार मेरे भाषणों में उल्लेखित कुछ शब्दों पर ऐतराज जताते हुए फोन पर टोक दिया । आयोजन में सांसद शंकर लालवानी सहित कई विधायक और गणमान्य नागरिक मौजूद थे ।