मल्हारगढ़ विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित, यहां प्रत्याशी को जीत के लिए पाटीदार और राजपूत वर्ग को साधना चुनौती

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Rahul Garhwal
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मल्हारगढ़ विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित, यहां प्रत्याशी को जीत के लिए पाटीदार और राजपूत वर्ग को साधना चुनौती

MANDSOUR. मध्यप्रदेश की कुछ महत्वपूर्ण सीटों में शामिल है मंदसौर की मल्हारगढ़ विधानसभा सीट। ये सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। किसान बाहुल्य वाले इस क्षेत्र में करीबन 174 गांव आते हैं। महू-नीमच हाईवे के पास बसे इस नगर में सोयाबीन, मकई, लहसुन, प्याज, गेहूं इत्यादि की खेती मुख्य रूप से की जाती है।





मल्हारगढ़ विधानसभा सीट का सियासी मिजाज





मल्हारगढ़ में सीधा मुकाबला ज्यादातर कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही रहा है। सीट पर फिलहाल बीजेपी काबिज है और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा यहां से विधायक हैं। देवड़ा की पकड़ यहां इतनी मजबूत है कि 2008, 2013, 2018 के चुनावों में भी बीजेपी के टिकट पर जगदीश देवड़ा ने जीत हासिल की थी। प्रदेश में किसान आंदोलन की आग इसी इलाके से भड़की थी जिसमें 7 किसानों की मौत हो गई थी। इस इलाके में सबसे बड़ी चुनौती किसानों को साधना ही है।





मल्हारगढ़ विधानसभा सीट का सियासी समीकरण





स्वतंत्रता सेनानियों की जन्मस्थली वाले मल्हारगढ़ के परेशान लेकिन तेज-तर्रार किसानों का मल्हारगढ़ की सियासत पर भारी पड़ना नया नहीं है। यहां से जन्मे किसान आंदोलन ने सरकार के लिए भारी परेशानी खड़ी कर दी थी। किसानों पर गोली इसी इलाके में चली थी जिसमें 7 किसानों की मौत हो गई थी। साल 2018 में यहां बीजेपी के जगदीश देवड़ा और कांग्रेस के परशुराम सिसोदि‍या के बीच मुकाबला था। इस सीट से देवड़ा परशुराम सिसोदिया से 11 हजार 872 वोटों से जीत दर्ज कर प्रदेश के वित्त मंत्री की कुर्सी संभाल रहे हैं।





मल्हारगढ़ विधानसभा सीट के जातिगत समीकरण





इस सीट पर अनुसूचित जाति के वोटर्स की संख्या ज्यादा है। इसके बाद पाटीदार, राजपूत समुदाय भी यहां के जातिगत समीकरणों में अहम स्थान रखते हैं। पिछले चुनाव में बीजेपी ने किसान आंदोलन के बाद नाराज पाटीदार समाज को साधने के लिए गुजरात से सांसद और केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री को लगाया था। इस इलाके में सोंधिया राजपूत 15 हजार, दांगी ओबीसी 10 हजार, मुस्लिम 22 हजार और एससी वर्ग के करीब 70 हजार से ज्यादा मतदाता हैं।





मल्हारगढ़ विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे





मल्हारगढ़ में पानी की कमी और खाद-बीज की समय पर उपलब्धता नहीं होने के किसानों को भारी पेरशानी का सामना करना पड़ता है। लोगों से बात करने पर पता चलता है कि समस्याओं पर अभी तक कुछ खास काम नहीं हुआ है। गांधी सागर बांध के नजदीक होने के बावजूद भी यहां किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता। इसे अलावा जनता को मुलभूत सुविधाओं का भी इंतजार है। इलाके में सड़क-बिजली-पानी-शिक्षा और स्वास्थ सेवाओं की भी हालत खराब है।





इन सवालों के जवाब में जब हमने कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं से बात को एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। इसके अलावा द सूत्र ने इलाके के प्रबुद्धजनों, वरिष्ठ पत्रकारों और आम जनता से बात की तो कुछ सवाल निकलकर आए।





द सूत्र ने मल्हारगढ़ विधायक जगदीश देवड़ा से पूछे सवाल







  • मूलभूत सुविधाओं के लिए विधायक निधि से करवाए कोई 4 काम बताएं ?



  • वित्त मंत्री होने के नाते गृह क्षेत्र में विकास के कामों में कितनी राशि खर्च की ?


  • शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए कितने स्कूल-कॉलेजों का निर्माण करवाया ?


  • कितने किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिला, संख्या बताइए ?


  • लोगों को पीने का पानी बड़ी मुश्किल से मिलता है, इस समस्या को आप कैसे दूर करेंगे ?






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    सवालों से भागे विधायक और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा





    विधायक और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा के पास इन सवालों के कोई जवाब नहीं थे। वे जनता के सवालों से भागते नजर आए।



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