/sootr/media/post_banners/b0836af861372c037892e68426be78216810281f6229cd72923a5a03bfafd8f8.jpeg)
CHHINDWARA. छिंदवाड़ा से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। यहां एक किसान नरेश पवार ने जमीनी विवाद में न्याय नहीं मिलने के चलते अपने खेत में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। नरेश ने सुसाइड नोट के नाम पर एक पर्ची लिखी। इसमें बताया- मेरा सही से काम नहीं किया, मुझे बहुत परेशान किया गया, बाकी सब घर पर निपटेंगे। किसान का परिवार खेत पहुंचा तो उन्होंने घर के मुखिया को फांसी के फंदे पर लटका देखा तो उनके होश उड़ गए। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुटी है। इससे पहले 2021 में नरेश ने कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई में आत्महत्या की कोशिश की थी, लेकिन तब बचा लिया गया था।
नरेश ने जब दो साल पहले खुदकुशी की कोशिश की थी, तब भी द सूत्र ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था।
ये है मामला
मोहखेड़ नरसाला निवासी नरेश पवार की 12 एकड़ पुश्तैनी जमीन बेहरिया भुताई में है। नरेश पवार ने इसी जमीन के कुछ हिस्से पर किसी और के कब्जे करने की शिकायत को लेकर न्याय नहीं मिलने की बात की थी। लगातार परेशान होने और सुनवाई ना होने के चलते उसने कलेक्टर की जनसुनवाई में 7 दिसंबर 2021 को कलेक्ट्रेट में जहर पीकर खुदकुशी की कोशिश की थी। प्राथमिक इलाज के बाद उसे नागपुर रैफर किया था। हालत में सुधार होने पर आला अफसरों ने किसान को आश्वासन दिया था कि समस्या का समाधान हो जाएगा, लेकिन नहीं हुआ। किसान ने इसके बाद दोबारा छिंदवाड़ा जिले की मोहखेड़ तहसील परिसर के भीतर जहर खाने की कोशिश की, लेकिन उसे रोक दिया गया।
बेटे ने कहा- न्याय नहीं मिला
मृतक किसान नरेश पवार के बेटे संदीप का कहना है कि पिता, हमारे दादा की जमीन पर हक चाहते थे। इसके लिए प्रशासन, अधिकारियों के पास कई बार गए। दफ्तरों के चक्कर लगाते रहे, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसी से परेशान होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली। एक अन्य परिजन सुनील पवार ने बताया कि जमीनी विवाद का मामला था। कुछ लोगों ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया था। इसके लिए नरेश कभी कलेक्टर, तहसीदार तो कभी पटवारी के चक्कर काटते रहे। इसके चलते वे मानसिक रूप से काफी परेशान थे। कहीं से कोई रास्ता नहीं दिखा तो दो बार आत्महत्या की कोशिश कर चुके थे। आज भी उन्होंने किसी को बिना बताए टेंशन में खुदकुशी कर ली।
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us