बीके पाठे, CHINDWADA. जिले की मोहखेड़ तहसील के अंतर्गत आने वाले राजेगांव के मृतक किसान रामपत चौधरी की पत्नी कुसमीरा चौधरी ने बैंककर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कुसमीरा चौधरी का आरोप है कि कर्ज जमा करने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा था। उनके पास महज 4 एकड़ जमीन है जिस पर रबी सीजन की फसल का उत्पादन ज्यादा बारिश के कारण नहीं हुआ है, इसके चलते वे कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं थे।
बैंक की ओर से बनाया जा रहा था दवाब
कर्ज तले दबे किसान रामपत चौधरी के खुदकुशी करने के बाद अब प्रशासन जांच और छानबीन में जुटा हुआ है, लेकिन मृतक किसान के पड़ोसी किशनराम पवार का कहना है कि कर्ज चुकाने का दबाव किसान पर था यह बात पूरी तरह से सही है। क्रेडिट लोन था जिसे वह ब्याज समेत जमा भी करना चाह रहा था। लेकिन मौसमी मार के कारण वह सक्षम नहीं था और बैंक की ओर से उसे किसी प्रकार की राहत नहीं दी जा रही थी।
किसान ने जहर खाकर दी थी जान
छिन्दवाड़ा जिले की मोहखेड़ तहसील के राजेगांव के निवासी किसान रामपत चौधरी ने बीते 2 नवंबर को जहर खाया था। जिसे बेहोशी की हालत में परिवार के सदस्यों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के दौरान किसान ने दोपहर करीब 2.30 बजे छिंदवाड़ा जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया।
पुलिस मामले की जांच में जुटी है
किसान के खुदकुशी करने के मामले पर प्रभारी एसपी विनायक वर्मा का कहना है कि फिलहाल मर्ग कायम कर मामले की जांच की जा रही है। जांच और पूछताछ के बाद प्रकरण में आगे की कार्रवाई की जाएगी।