सुनील शर्मा, BHIND. भिंड जिले में चिकनगुनिया बुखार का विस्फोट हो गया है। मेहगांव इलाके के शंकरपुरा गांव में एक साथ 69 केस एक्टिव सामने आए हैं। चिकनगुनिया की बीमारी के लक्षण सामने आते ही 16 लोगों के सैंपल कराए गए थे जिनमें से जिनमे 13 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद ग्वालियर स्थित जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के वायरोलॉजी लैब के विशेषज्ञों की टीम द्वारा दोबारा लिए गए 66 में से 56 सैंपल पॉजिटिव आये हैं। इतनी बड़ी तादाद में चिकनगुनिया के सैंपल पॉजीटिव आने के बाद भिंड जिला स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।
वर्षो बाद एक बार फिर लौटा चिकुनगुनिया
एक बार फिर वर्षों बाद भिंड जिले में चिकुनगुनिया ने दस्तक दे दी है यहां एक या दो नहीं बल्कि 69 से मरीज एक ही गांव में एक्टिव हुए हैं, जिला स्वास्थ्य विभाग ने भी अलर्ट जारी कर दिया है।
अब कल्चर जांच के लिए पुणे जाएंगे सैंपल
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ डीके शर्मा ने बताया कि जिले में चिकनगुनिया फैलने लगा है अब तक डॉक्टर की टीम दो गांव शंकरपुरा और सुखवासीपुरा में जांच भी कर चुकी है सैंपल भी लिए गए हैं। शंकरपुरा के सैंपल की रिपोर्ट आ गई है वहां पॉजिटिव केस हैं. हालांकि जांच टीम द्वारा कुल 66 मरीजों के सैंपल लिए गए जिनकी वायरोलॉजी लैब में जांच करने पर 56 सैंपल चिकनगुनिया के पॉजिटिव पाए गए जो कि लगभग 85 फ़ीसदी थे जांच टीम द्वारा वायरल कल्चर के लिए भी सैंपल कलेक्ट किए गए हैं जिन्हें एनआईबी पुणे भेजा जाएगा। डॉ डीके शर्मा ने बताया कि लगातार जिलेभर में अब सतत निगरानी की जा रही है। मुख्यतः स्वास्थ्य विभाग का पूरा फोकस लार्वा नष्ट कराने पर है।
स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
खासकर मच्छर से पनपने वाला लार्वा चाहे फिर वह मलेरिया का हो डेंगू का हो चिकनगुनिया का हो या मच्छर से पनपने वाली किसी भी अन्य बीमारी का क्योंकि अगर समय रहते लारवा नष्ट कर दिया जाएगा तो कोई भी बीमारी को पनपने से पहले रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिला मलेरिया विभाग की दो टीमें भिंड शहर की मॉनिटरिंग में लगी हुई हैं। वही ब्लॉक स्तर पर भी टीमें अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जिले में दूसरे नेशनल प्रोग्राम ज्यादा चल रहे हैं। जिनकी वजह से किसी एक प्रोग्राम पर फोकस नहीं हो पा रहा है। हालांकि सभी बीएमओ को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि उनके क्षेत्र की सभी एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को अलर्ट कर दें कि जहां भी किसी बीमार व्यक्ति को बुखार और जोड़ों में दर्द की शिकायत हो तो इसकी सूचना तुरंत स्वास्थ्य विभाग को दें जिससे चिकनगुनिया को फैलने से रोका जा सके.
मेडिकल टीम गांव में तैनात
चिकनगुनिया फैलने की जानकारी मिलते ही पहले सैंपल कराए गए थे गांव में इलाज के लिए दवाइयों के साथ एक टीम को तैनात किया गया है जो लगातार पीड़ित मरीजों की मॉनिटरिंग करने के साथ साथ ही दवाइयों का भी वितरण का काम कर रही है।
पीड़ादायक है चिकुनगुनिया
चिकुनगुनिया बीमारी, डेंगू के मुकाबले कम जोखिम वाली बीमारी है इसमें किसी भी कैजुअल्टी की संभावना न के बराबर है, इस बीमारी से किसी की मौत नही होती लेकिन इस बीमारी से गुज़र रहे मरीज बीमारी के साइड इफेक्ट्स परेशान करते हैं, चिकुनगुनिया से ग्रसित मरीज शारीरिक तौर पर सभी जॉइंट पेन महीनों तक परेशान कर सकते हैं।
इस प्रकार के होते हैं लक्षण
चिकनगुनिया मच्छर के काटने से फैलने वाली बीमारी है। इस बीमारी से ग्रसित मरीज को बुखार आता है चिकनगुनिया से ग्रसित मरीज को बुखार के अलावा पूरे शरीर में तेज दर्द रहता है कभी-कभी मरीज के शरीर में कहीं-कहीं जॉइंट्स में सूजन भी आ जाती है इसके साथ ही मरीज को पसीना आना, उल्टी आना, चक्कर आना भी है
इस प्रकार कर सकते हैं बचाव
डॉ डीके शर्मा के मुताबिक कुछ चीजों का ध्यान रखकर हम चिकनगुनिया जैसी गंभीर बीमारी से भी बच सकते हैं अपने आसपास मच्छर को न पनपने दें, क्योंकि चिकनगुनिया मच्छरों के काटने से होता है। जब भी समय मच्छरदानी का उपयोग करें , हमेशा फुल कपड़े पहने ना कि हाफ कपड़े जिससे कि डेंगू मलेरिया और चिकनगुनिया तीनों ही बीमारियों से बचा जा सके। सोने से पहले अपने आसपास नीम के पत्तों का धुंआ करें, जिससे सभी प्रकार के मच्छर भाग जाएं। भिंड जिले में पैर फैलाते चिकिनगुनिया को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है और माना जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में यह बीमारी दोबारा प्रचंड रूप ले सकती है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार लार्वा नष्ट करने के साथ ही जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को बीमारी से बचाव के तरीके भी बताए जा रहे हैं।.