भोपाल. प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) अपने बयानों के कारण सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन इस बार शिशु मंदिर में नफरत फैलाने वाला उनका बयान मुश्किलें बढ़ा सकता है। 27 सितंबर को दिग्विजय सिंह पर कार्रवाई करने के लिए राष्ट्रीय बाल आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) विवेक जौहरी को एक पत्र लिखा है। इस लैटर में आयोग ने कहा कि सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल (Saraswati Shishu Mandir School) में पढ़ने वाले कुछ बच्चों ने संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। शिकायत में उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह के बयान से उनके सम्मान को ठेस पहुंची है। इस कारण आयोग ने DIG को दिग्विजय के खिलाफ एफआईआर कर 7 दिन में रिपोर्ट देने को कहा है।
बच्चों ने कहा- लोग हमें दंगाई कहते हैं
आयोग के मुताबिक, उनकी टिप्पणी भारतीय दंड संहिता की धारा 153A (A)(B), 504 व 505 का उल्लंघन है। इसके साथ ही किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धाराओं का उल्लंघन भी हुआ है। छात्रों ने आयोग से की शिकायत में कहा था कि दिग्विजय ने एक कार्यक्रम में कहा था कि सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ने वाले बच्चे नफरत का पाठ सीखकर दंगा करते हैं। इस कथन से हमें बेहद आघात लगा है, हमारी प्रतिष्ठा धूमिल हुई है, हमारे आसपड़ोस के बच्चे हमारे साथ खेलने, मेल-जोल करने में हिचकिचा रहे हैं और हमको दंगाई कहकर चिढ़ा रहे हैं।
दिग्विजय सिंह ने जमकर बोला था हल्ला
25 सितंबर को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने भोपाल (Bhopal) में आयोजित संयुक्त विपक्ष के धरने में हिस्सा लिया था। इसी दौरान दिग्विजय सिंह ने विद्या भारती संस्था के सरस्वती शिशु मंदिर स्कूलों पर बड़ा आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि 'ये लड़ाई बहुत लंबी है। हम उनसे लड़ रहे हैं, उन्हें शिशु मंदिर में ही नफरत सिखाई जाती है। इनकी नफरत के कारण ही देश मे दंगे होते हैं। अंग्रेज जानते थे हिन्दू-मुसलमान को एक साथ नहीं रखना है। इसलिए सावरकर को अंडमान जेल से लेकर आए। जो अंग्रेज चाहते थे वो काम सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar) ने किया।'