योगेश राठोर, INDOR. इंदौर शहर में दो महीने पहले बीआरटीएस कॉरिडोर के आस-पास शुरू किए गए नाइट मार्केट के प्रयोग को लेकर सवाल खड़े होना शुरू हो गए हैं। निरंजनपुर से भंवरकुंआ चौराहे तक करीब 11.50 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर के दोनों ओर रात भर दुकानें खोलने के बाद लगातार बढ़ रही गुंडागर्दी और आपराधिक घटनाओं से चिंतित शहर के सामाजित संगठनों ने आवाज उठाना शुरू कर दिया है। 11 नवंबर को सामाजिक संगठन अभ्यास मंडल की पहल पर रायशुमारी के लिए जुटे प्रबुद्ध नागरिकों ने कहा कि इंदौर में नाइट बाजार का प्रयोग रात में कॉमर्शियल एक्टिविटी और नाइट शिफ्ट में काम करने वाले वर्किंग प्रोफेशल्स की सुविधा के नाम पर शुरू किया गया था। लेकिन देखने में आ रहा है कि नाइट बाजार में देर रात आवारागर्दी और नशाखोरी करने वाले तत्वों की सक्रियता बढ़ गई है। इसे रोकने के लिए यदि पुलिस –प्रशासन ने समय रहते कड़े कदम नहीं उठाए तो शहर का माहौल और कल्चर बिगड़ने में देर नहीं लगेगी।
परिचर्चा का आयोजन
ये विचार विभिन्न प्रभुद्ध जनों और छात्र-छात्राओं के हैं, जो उन्होंने अभ्यास मंडल द्वारा प्रेस क्लब में आयोजित शहर की बिगड़ती संस्कृति पर परिचर्चा में व्यक्त किए। विषय प्रवर्तन करते हुए मनीषा गौर ने कहा कि इंदौर शहर संस्कारों की नगरी है और यह इस शहर की धरोहर है। इसको किसी भी कीमत पर बचाना हर इंदौरी का दायित्व है। चर्चा की शुरूआत करते हुए समाजसेवी जयंत भीसे ने परिवार को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अच्छे संस्कार वहीं से शुरू होते हैं।
पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मदन राने ने कहा कि जो बच्चे बाहर से यहां पढ़ने आते हैं, वे यहां की आधुनिक संस्कृति को देखकर भटक जाते हैं। हमें ऐसे बच्चों को समझाइश दें। एडवोकेट सुशीला यादव ने कहा कि इंदौर में नशे का कारोबार पिछले 25 वर्षो से चल रहा है। विजय नगर और महालक्ष्मी नगर में ऐसे हॉस्टल्स खुल गए हैं, जहां अवैध गतिविधियां चलती है। देर रात को पीने खाने का कार्य चलता है। प्रोफेसर स्वप्निल व्यास ने कहा कि इंदौर मेट्रो बनने के पहले उड़ता इंदौर बन रहा है, जहां रात को लड़के लड़कियां नशे में धूत होकर घूम रहीं हैं। डॉ. अर्चना श्रीवास्तव ने कहा कि शहर में पब संस्कृति वर्षों से जारी है और अगर अभी भी नहीं जागे तो शहर को बचाना मुश्किल हो जाएगा।
शरहवासियों ने जताई चिंता
गौरव रावल ने कहा कि हाल ही में इंदौर में 27 करोड़ की ड्रग पकड़ी गई, जो इसका प्रमाण है कि यहां संभ्रांत परिवार के ऐसे बच्चे हैं, जो देर रात जन्मदिन पार्टी के नाम पर नशा करते हैं और वे एक दिन ड्रग पेडलर बन जाते हैं। ओपी श्रीवास्तव ने कहा कि आज युवाओं को काउंसलिंग देने की आवश्कता है और नशे के कारोबार को ध्वस्त करना है। दीप्ति गौर ने कहा कि हम अपने संस्कार भूलते जा रहे हैं। इसलिए पुलिस प्रशासन को दोष देना गलत है। अर्पण जैन ने कहा कि पब संस्कृति इंदौर को बर्बाद कर रही है। ऐश्वर्या डंगावकर ने कहा युवाओं को काउंसलिंग की जरूरत है।
पत्रकार मुकेश तिवारी ने कहा कि ऐसे युवाओं को सजा मिलनी चाहिए, जो समाज को बिगाड़ रहे हैं और पब संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं। शिक्षाविद् रूपल कुंभज ने कहा कि बाहर से जो बच्चे यहां पढ़ने आते हैं, वे जल्द भटक जाते हैं और उन्हें समय रहते बचा लिया जाए तो इसमें हम सबका हित है। शरयु वाघमारे ने कहा कि हमारे यहां अधिक नशा मुक्ति केंद्र की जरूरत है। वरिष्ठ पत्रकार जयश्री पिंगले ने कहा कि प्रशासन द्वारा शहर में कई तरह के अभियान चलाए जाते हैं लेकिन वे अपना असर नहीं छोड़ पाते हैं। जगदीश डंगावकर ने कहा कि हमें अब खामोश नहीं बैठना चाहिए। बाहर से जो आ रहे हैं उस पर कड़ी नजर जरूरी है। किशन सोमानी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन माला सिंह ठाकुर ने किया। आभार माना वैशाली खरे ने किया। इस मौके पर रामेश्वर गुप्ता, प्रभु त्रिवेदी, हरेराम वाजपेई, प्रवीण जोशी,अशोक मित्तल, रोहित मिश्रा, नयनी शुक्ला, गौरव संचार, आदित्य प्रताप सिंह, हरिकृष्ण खले, नेहा पित्रे, शरयू वाघमारे, स्वाति उखले, डॉ. श्रद्धा दुबे, प्रदीप नवीन, लक्ष्मीकांत पंडित, पीसी शर्मा, सहित बड़ी संख्या में विभिन्न कॉलेजों के छात्र छात्राएं उपस्थित थे।