ग्वालियर में 2018 के दलित-सवर्ण हिंसा से जुड़े दोनों पक्षों से मिले CM, बंद कमरे में की बात, एट्रोसिटी एक्ट के केस हो सकते है वापस

author-image
BP Shrivastava
एडिट
New Update
ग्वालियर में 2018 के दलित-सवर्ण हिंसा से जुड़े दोनों पक्षों से मिले CM, बंद कमरे में की बात, एट्रोसिटी एक्ट के केस हो सकते है वापस

देव श्रीमाली, GWALIOR. आगामी विधानसभा चुनावों से पहले ग्वालियर-चम्बल अंचल के दलितों के मन में वर्ग संघर्ष के बाद से बीजेपी को लेकर चले आ रहे गुस्से को खत्म करने के प्रयासों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोई कोर असर नहीं छोड़ना चाहते हैं। यही वजह है कि दलितों को रिझाने के लिए सरकार द्वारा आयोजित अंबेडकर महाकुंभ के समारोह में जाने से पहले सीएम ने एट्रोसिटी एक्ट से प्रभावित दोनों पक्षों के प्रतिनिधि मंडलों से भेंट कर उनसे बातचीत की और उनकी समस्याएं जानी। अब माना जा रहा है कि आज, 16 अप्रैल हो रहे महाकुंभ में सीएम 2018 में दर्ज किए गए, दोनों पक्षों के आपराधिक मामले वापस लेने की घोषणा कर सकते हैं। 



क्या हुआ था 2018 में 



2 अप्रैल 2018 को दलित संगठनों द्वारा सोशल मीडिया के जरिए आरक्षण बचाओ आंदोलन के तहत भारत बंद के ऐलान किया था और इस दौरान निकाले जा रहे जुलूस के बाद जातीय हिंसा भड़क उठी थी। जिसके चलते ग्वालियर में दो लोगों की मौत हो गई थी और दर्जनों लोग घायल हुए थे। इसके अलावा भिंड और मुरैना में भी कुछ मौतें हुई थी और जमकर आगजनी जैसी घटनाएं हुईं थीं। सबसे ज्यादा तनाव ग्वालियर में हुआ था जिसके चलते लम्बे अरसे बाद ग्वालियर  के कुछ इलाकों में कर्फ्यू भी लगाना पड़ा था। आंदोलन शांत होने के बाद इन घटनाओं में केस दर्ज  करने और गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरू हुआ था। उस समय प्रदेश में बीजेपी की ही शिवराज सिंह के नेतृत्व में ही सरकार थी। इसके बाद दलितों ने अपने युवाओं को पुलिस द्वारा झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया और ऐसा ही आरोप सवर्ण वर्ग द्वारा भी लगाया जाता रहा।  इस बीच चुनाव आ गए और दोनों ही वर्गों के गुस्से का खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ा था और नबंवर 2018 में हुए चुनाव में बीजेपी इस अंचल में बुरी तरह से हार गई थी।



ये भी पढ़ें...








अब मुकद्दमे ले सकते हैं वापस 



आज, 16 अप्रैल को यहां पहुंचने से पहले ही सीएम ने प्रशासन को खबर की थी कि 2018 हिंसा से जुड़े पक्षों और दलित और सवर्ण नेताओं से उनकी भेंट की व्यवस्था कराई जाए।  दो दिन पसीना बहाकर प्रशासन ने इन लोगों से संपर्क साधा और कुछ लोगों को सीएम से मिलने के लिए तैयार किया गया। इन लोगों को एयरपोर्ट रोड पर स्थित एक निजी कॉलेज में बैठाया गया और एयरपोर्ट पहुंचते ही सीएम को इसकी जानकारी दी गई।  इसके बाद सीएम सीधे वहां पहुंचे और दोनों पक्षों से बंद कमरे में बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनी और उनके निराकरण का आश्वासन दिया। दोनों ही पक्ष युवाओं के खिलाफ दर्ज किए गए फर्जी केस वापस करवाना चाहते हैं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री जल्द ही इसकी घोषणा कर सकते हैं। 


शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश न्यूज सीएम शिवराज सिंह चौहान दलित महाकुंभ ग्वालियर On reaching Gwalior CM met both sides related to Dalit-Savarna violence of 2018 talked in closed room Atrocity Act cases may be withdrawn ग्वालियर में सीएम शिवराज