BHOPAL. भोपाल में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गांव के गरीब से गरीब व्यक्ति को भी लगता है कि कुछ बेचकर भी पढ़ाना पड़े तो भी मैं अपने बच्चों का एडमिशन इंग्लिश मीडियम स्कूल में करवा दूं। मैंने एक बच्चे को इसलिए मेडिकल कॉलेज छोड़ते हुए देखा क्योंकि उसे अंग्रेजी नहीं आती थी। उन्होंने डॉक्टरों को सुझाव देते हुए कहा कि दवा के पर्चे पर Rx के बजाए 'श्री हरि' लिखें। दवाई का नाम क्रोसिन लिखना है, तो क्रोसिन हिंदी में भी लिखा जा सकता है। उसमें क्या दिक्कत है? ऊपर 'श्री हरि' लिखो..और क्रोसिन लिख दो।
मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj ने भोपाल के भारत भवन में चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित "हिंदी की व्यापकता एक विमर्श" कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया।इस दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री @VishvasSarang जी व अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। #MP_में_हिंदी_में_MBBS pic.twitter.com/Vw1t7x90Ld
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) October 15, 2022
हम व्यवहारिक नहीं होंगे तो फेल हो जाएंगे- सीएम शिवराज
देश में पहली बार हिंदी में MBBS की पढ़ाई होगी। इसकी शुरुआत मध्य प्रदेश से होने जा रही है। 16 अक्टूबर को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में गृहमंत्री अमित शाह मेडिकल की हिंदी भाषा में लिखी 3 किताबों का विमोचन करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भारत भवन में आयोजित 'हिंदी विमर्श' कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। यहां पर उन्होंने कहा कि हम व्यवहारिक नहीं होंगे तो फेल हो जाएंगे। जो शब्द चलन में हैं, उन्हें उसी प्रकार चलने दो। अगर हम हर एक शब्द का हिंदी में अनुवाद कहीं से ढूंढकर लाएंगे तो लोग समझ ही नहीं पाएंगे। इसलिए चालू शब्द को चलने देना है। उन्होंने कहा कि बड़े बुजुर्ग हिंदी के प्रति बच्चों की मानसिकता बनाएं। आप जब हिंदी के प्रति गौरव का प्रकटीकरण करेंगे तो बच्चे सहजता से ग्रहण करेंगे। सीएम ने कहा कि मुझे ज्यादा कुछ कहना नहीं है। क्योंकि हमें करना है। सीएम ने कहा मैं मानता हूं कि हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई के रूप में भोपाल से नए युग का प्रारंभ हो रहा है। आज आपसे बात करके बहुत आनंदित इसलिए हूं कि यह चीज नीचे तक जाना चाहिए। यही इसका उद्देश्य है। यह भाव नीचे तक जाएगा और दृढ़मूल होगा।
भारत भवन, भोपाल में आयोजित हिन्दी विमर्श कार्यक्रम https://t.co/O3soUvWLl1
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जिनका बोर्ड हिंदी में नहीं, उनका लाइसेंस निरस्त हो
कार्यक्रम में अंग्रेजी में बोर्ड का मुद्दा उठा। इस पर सीएम ने आश्वस्त किया कि आने वाले समय में बोर्ड हिंदी में लगवाएंगे। सीएम ने कहा कि मुझे एक नौजवान बड़ा दु:खी-सा मिला। मैंने कहा क्या बात है तो उसने कहा कि मेरे फादर डेड हो गए। मतलब सब को लगता है कि अंग्रेजी कैसे भी बोलो अंग्रेजी आनी चाहिए। पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा ने कहा कि राजधानी में सभी बोर्ड, दुकान, संस्थान के नाम हिन्दी में होने चाहिए। ऐसा न करने वालों के लाइसेंस निरस्त कर देना चाहिए।