बीजेपी के किस फरमान के बाद हाय-हाय गर्मी कहेंगे सांसद, मध्यप्रदेश में लूप लाइन नहीं जानते मामा और एसपी साहब क्यों हुए दीवाने?

author-image
Harish Divekar
एडिट
New Update
बीजेपी के किस फरमान के बाद हाय-हाय गर्मी कहेंगे सांसद, मध्यप्रदेश में लूप लाइन नहीं जानते मामा और एसपी साहब क्यों हुए दीवाने?

BHOPAL. 'ये मौसम आया है, कितने सालों में, आ जा के खो जाएं, ख्वाबों ख्यालों में...' ये गाना 1975 में आई फिल्म आक्रमण का है। फिलहाल 2023 में मौसम जो रंग दिखा रहा है, उससे नि:शब्द हूं। वैशाख चल रहा है, लेकिन मौसम सुहाना (Pleasant) बना हुआ है। सरकारी और निजी मौसम विभाग में मानसून को लेकर खींचतान मची है कि इस साल बारिश कैसी होगी। एक ने कहा है- सामान्य, एक ने कहा- सामान्य से कम। कुल मिलाकर कहें तो वैशाख का सुहाना मौसम आषाढ़-सावन-भादों में भारी पड़ सकता है। खैर...। देश में इस समय खबरों में एक पूर्व राज्यपाल छाए हुए हैं। 'सरकार' के खिलाफ काफी कुछ बोल गए हैं। उन्हें सीबीआई ने समन भी भेज दिया है। ये तो होना ही था। सिविल सर्विस डे पर 'साहेब' ने एक बार फिर पुरानी सरकारों पर तंज कसा। कहा कि लाखों फर्जी गैस कनेक्शंस तो लाखों फर्जी लोगों को पैसे बांटे गए। भई, समझने की कोशिश कीजिए, इस साल कई राज्यों तो अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। इधर, मध्यप्रदेश में भी राजनीतिक बयानबाजी (छींटाकशी) जारी है। 'राजा' और 'महाराज' अपने-अपने तरीके से बाबा महाकाल से मन की मुराद पूरी होने की गुहार लगा रहे हैं। 'राजा साहब' के युवराज भी पीछे नहीं हैं। वे कह गए कि 'महाराज' को एक पार्टी में सीधे ऊंचे पद पर लैंडिंग करा दी गई, इससे सालों-साल पार्टी के लिए काम करने वाले फिर मन मसोसकर रह गए। पर वे कुछ कर नहीं सकते। तो साहब...मौसम भले ही सुखद अहसास करा रहा हो, सियासी गलियारों में तपिश बढ़ी हुई है। इस बीच कई खबरें पकीं, कई की खुशबू बिखरी, कुछ की खुशबू बिखरने से पहले ही देग ढक्कन से ढांक दी गई। आप तो सीधे अंदरखाने उतर आइए...



सांसद कहेंगे हाय-हाय गर्मी



बीजेपी हाईकमान के फरमान ने सांसदों की बेचैनी बढ़ा दी है। नए फरमान के चलते सांसदों को 1 महीना एसी रूम को छोड़कर भरी दोपहरी में अपने संसदीय क्षेत्र में भ्रमण करना होगा। सांसद कोई फर्जीवाड़ा ना कर पाएं, इसके लिए उन्हें रोजाना नमो एप पर भ्रमण के 4 फोटो अलग-अलग टाइम पर अपलोड करने होंगे। सांसदों का भ्रमण 15 मई से 15 जून तक रहेगा। इसी दौरान नौतपा भी होता है, ऐसे में यदि सांसद हाय-हाय गर्मी कहते मिल जाएं तो बड़ी बात नहीं होगी।



लूप लाइन क्या होता है हमसे पूछो



सिविल सर्विस डे पर अफसरों को मामा ने दिव्य ज्ञान देते हुए कहा कि अक्सर लोग कहते हैं कि लूप लाइन में पदस्थ कर दिया। अरे भाई ये लूप लाइन क्या होता है, सभी विभाग सरकार ने ही बनाए हैं, सरकार का ही काम करने के लिए नौकरी में आए हो तो ये मेन और लूप लाइन क्या होता है। मामा का उद्बोधन सुन रहे कुछ अफसर आपस में खुसर-पुसर करते दिखे कि मामा क्या जानें लूप लाइन क्या होती है, हमसे पूछो हम झेल रहे हैं। तभी दूसरे अफसर ने कहा कि सरकार जाने के बाद मामा समझ पाते कि लूप लाइन क्या होती है, इसी बीच फिर से मेन लाइन मिल गई। अब जब मेन लाइन से हटेंगे तब समझ आएगा कि लूप लाइन क्या होता है।



अध्यक्ष मेरा, उपाध्यक्ष तेरा के फेर में फंसा मामला



चुनावी बयार में नाराज नेताओं को साधने निगम मंडल और प्राधिकरणों में धड़ल्ले से नियुक्तियां की जा रही हैं। लेकिन इन सबसे ग्वालियर-चंबल अंचल महरूम है। यहां हर बार की तरह महाराज भाजपा और शिवराज भाजपा के बीच पेंच फंस गया है। ग्वालियर विकास प्राधिकरण, ग्वालियर व्यापार मेला और साडा में अध्यक्ष मेरा बनेगा उपाध्यक्ष तेरा, मामला इसी बात को लेकर फंसा हुआ है। महाराज की मानी तो शिवराज भाजपा नाराज और शिवराज की चली तो महाराज भाजपा नाराज। दोनों को साधने के लिए संगठन माथा-फोड़ी कर रहा है, लेकिन हल अभी तक निकला नहीं।



वल्लभ भवन की नजर हाईकोर्ट पर



ग्वालियर हाईकोर्ट ने रेत के अवैध उत्खनन पर टिप्पणी क्या कर दी, वल्लभ भवन में बैठे आला अफसरों के पेशानी पर बल पड़ गए। हाईकोर्ट जज ने लापरवाह अफसरों पर नाराज होते हुए सोमवार को सजा देने की भी बात कह दी। इसके बाद से सरकार में हड़कंप मचा हुआ है। चिंता इस बात की नहीं है कि लापरवाह अफसर को सजा हो रही है, सरकार इस बात से परेशान हैं कि यदि रेत खनन के मामले में सरकारी अधिकारी को सजा हो गई तो प्रदेश में रेत माफिया होने की बात प्रमाणित हो जाएगी और विपक्ष इसे चुनावी मुद्दा बनाएगा। यही वजह है कि रविवार को भी लॉ डिपार्टमेंट से लेकर सरकारी वकीलों का जत्था इस मामले की गुत्थी सुलझाने में लगा है कि जज साहब को किन कानूनी पॉइंट पर कैसे संतुष्ट किया जाए।



महाकौशल के सांसदों के बीच अबोला



बीजेपी हाईकमान मिशन 2024 की तैयारी में जोर-शोर से लगी है, लेकिन मध्यप्रदेश के महाकौशल क्षेत्र के सांसदों में आपसी खींचतान मची हुई है। इन सांसदों के आपसी मनमुटाव की बात बीजेपी मुख्यालय में चर्चा का विषय बनी हुई है, बताते हैं कि इनके बीच अबोला चल रहा है। अब सांसदों के समर्थक एक-दूसरे को निपटाने की बात भी करने लगे हैं। सांसदों के कोल्ड वॉर से बीजेपी संगठन चिंता में है, इन्हें बैठाकर समझाने का प्रयास भी किया गया, लेकिन बात नहीं बनी। अब ऐसे में 2023 में सांसदों और उनके समर्थकों की नाराजगी कहीं पार्टी के लिए भारी ना पड़ जाए।



एसपी साहब हुए दीवाने



मालवा के एक जिले के एसपी साहब की दीवाने होने की चर्चा आम है, साहब का दिल जिले के एक प्रशासनिक अफसर की पत्नी पर आ गया है। बताया जा रहा है कि साहब प्रशासनिक अफसर के घर पर ही पाए जाते हैं, जिस समय एसपी घर पर होते हैं प्रशासनिक अफसर उस समय अपने दफ्तर में बैठकर शहर के विकास के नाम पर धन कूटने में व्यस्त रहते हैं। साहब को भी पता है कि एसपी साहब का उनके घर आना-जाना बढ़ गया है, लेकिन साहब नौकरी के पक्के हैं, यही वजह है कि साहब घर पर ध्यान देने की बजाय शहर का विकास पर ज्यादा फोकस किए हुए हैं। आप नाम जानना चाहते हैं तो मालवा के चर्चित एसपी के नामों पर नजर दौड़ाइए, शायद तीर निशाने पर बैठ जाए।



कभी हंस भी लिया करो पाजी



बड़े साहब ने अफसरों को सक्सेसफुल की बजाय जॉयफुल होने का फॉर्मूला क्या दिया, अब लोग एक-दूसरे से पूछने लगे कि कोई बड़े साहब से जाकर ये तो पूछो कि जॉयफुल कैसे रहें साहब। सारा सुख-चैन तो आपने छीन रखा है। मंत्रालय के आला अफसरों से लेकर कलेक्टरों के व्हाट्सएप ग्रुप में बड़े साहब का ये ज्ञान जुमला बनकर दौड़ रहा है। लोग कह रहे हैं जो कभी खुद मुस्कराते तक नहीं है, वो दूसरों को जॉयफुल रहने का मंत्र बता रहे हैं। कुछ अफसर कह रहे हैं कि बड़े साहब पर पर उपदेश कुशल बहुतेरे वाली बात फिट बैठती है। तो कोई कह रहा है...कभी हंस भी लिया करो पाजी...


मध्यप्रदेश की राजनीति CM Shivraj सीएम शिवराज Gwalior High Court ग्वालियर हाईकोर्ट Madhya Pradesh Politics BJP decree cold war between MPs बीजेपी का फरमान सांसदों के बीच कोल्ड वॉर