BJP हाईकमान ने मांगी मंत्रियों के विवाद की रिपोर्ट, आनन-फानन में CM ने ली मीटिंग; नरेंद्र तोमर-प्रहलाद पटेल को दिल्ली से बुलाया

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The Sootr CG
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BJP हाईकमान ने मांगी मंत्रियों के विवाद की रिपोर्ट, आनन-फानन में CM ने ली मीटिंग; नरेंद्र तोमर-प्रहलाद पटेल को दिल्ली से बुलाया

BHOPAL. मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को कुछ महीने ही बचे हैं। ऐसे माहौल में अगर सरकार के मंत्रियों के बीच ही तकरार हो जाए और हाईकमान उसकी रिपोर्ट मांग ले तो सीएम के माथे पर चिंता की लकीरें लाजिमी हैं। 23 मई को मंत्री गोपाल भार्गव और गोविंद सिंह राजपूत, मंत्री भूपेंद्र सिंह की शिकायत लेकर सीएम से मिले थे। सूत्रों के मुकाबले मंत्रियों के विवाद की रिपोर्ट बीजेपी हाईकमान ने दिल्ली बुलाई है, इसलिए आनन-फानन में सीएम शिवराज ने उमरिया से लौटते ही सीएम हाउस में मीटिंग बुलाई। नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल को देर शाम दिल्ली से अचानक बुलाया गया। दोनों शाम 7 बजे भोपाल पहुंचे थे।



बीजेपी हाईकमान ने मांगी मंत्रियों के विवाद की रिपोर्ट



दिल्ली में बीजेपी हाईकमान ने मंत्रियों के विवाद की रिपोर्ट मांगी है। इसलिए सीएम शिवराज ने मंत्रियों के बीच हुए विवाद के बाद अचानक बैठक बुलाई। इस बैठक में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और हितानंद शर्मा भी मौजूद रहे। सीएम हाउस में करीब 2 घंटे तक मीटिंग चली। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में मंत्री भूपेंद्र सिंह को भी चर्चा के लिए बुलाया गया था। 23 मई को मंत्री गोपाल भार्गव और गोविंद सिंह राजपूत, मंत्री भूपेंद्र सिंह की शिकायत लेकर सीएम से मिले थे। वीडी शर्मा और नरेंद्र सिंह तोमर का ग्वालियर प्रवास था, लेकिन संगठन की बैठक की वजह से दोनों ने प्रवास निरस्त कर दिया।



बैठक में केपी यादव के बयान का मुद्दा भी उठा



सीएम हाउस में हुई बैठक में केपी यादव के ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर दिए विवादित बयान का मुद्दा भी उठा। बताया जा रहा है कि इस मामले में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने केपी यादव से बात की है और उन्हें अनुशासन में रहने की समझाइश भी दी है।



बीजेपी में दो-फाड़



23 मई को मध्यप्रदेश बीजेपी में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया था। बीजेपी के कद्दावर नेता और मंत्री गोपाल भार्गव और गोविंद सिंह राजपूत सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा से मिले थे। पूरे मामले को लेक एक विधायक ने द सूत्र से बातचीत की। अपना नाम ना छापने की शर्त पर उन्होंने कहा कि सरकार में भूपेंद्र सिंह की जरूरत से ज्यादा दखलअंदाजी हो रही है। वे सागर के सीएम बने हुए हैं। हमने संगठन को इस बारे में बताया है। अगर जरूरत पड़ी तो दिल्ली तक जाएंगे। इससे पार्टी में दो-फाड़ सामने आई है।



ऐसा रहा घटनाक्रम



गोपाल भार्गव के एक करीबी के मुताबिक, 23 मई को कैबिनेट की बैठक के पहले सुबह करीब 11.30-11.45 बजे का भैया (गोपाल भार्गव) का फोन आया, बोले कि वल्लभ भवन चलो। वल्लभ भवन आकर पूछा कि कहां चलना है। उन्होंने कहा कि जहां सीएम बैठते हैं, वहां चलो। फिर पूछा कि कहां चलना है, तो उन्होंने कहा कि गोविंद सिंह के चैंबर में चलना है। गोविंद सिंह का चैंबर थर्ड फ्लोर पर है। वहां पहले से तीन लोग शैलेंद्र जैन, प्रदीप लारिया और जिलाध्यक्ष गौरव सिरोठिया भी थे। इन सबका सीएम से मिलने का समय फिक्स था। कैबिनेट के बाद इन लोगों की मुलाकात होनी थी। कैबिनेट की बैठक लेट हुई तो ये लोग लोक अभियोजन की बैठक के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान से उनके चैंबर में मिले। ये लोग सीएम से मिलने के बाद में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और हितानंद शर्मा के पास भी गए। इन लोगों ने भूपेंद्र सिंह के तानाशाही रवैये की शिकायत की। साथ ही बताया कि अफसरों को निर्देश हैं कि इनकी (भूपेंद्र सिंह) की ही सुनना है। बता दें कि भूपेंद्र सिंह, सीएम शिवराज सिंह के पुराने दोस्त हैं।



आग काफी दिनों से सुलग रही है...



सूत्रों की जानकारी के मुताबिक, सागर में एक अटल पार्क है, जिसमें पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्ति लगी है। 20-25 दिन पहले ही इसका उद्घाटन हुआ था। इस कार्यक्रम में चीफ गेस्ट गोपाल भार्गव थे। कार्यक्रम में पहुंचे तो 50-100 लोग थे। जब भार्गव पहुंचे थे तो कहीं ये नहीं लग रहा था कि वो (गोपाल भार्गव) मुख्य अतिथि हैं। अफसरों गोपाल भार्गव से टोका-टोकी कर रहे थे। कटआउट-पोस्टर्स भूपेंद्र सिंह, मेयर और मेयर के पति सुशील तिवारी के लगे हुए थे। इतना ही नहीं, सुशील तिवारी ने भाषण में भूपेंद्र सिंह को सागर का विकास पुरुष तक बता दिया। ये भी कहा कि अटल जी सिर्फ दो लोगों को जानते थे- भूपेंद्र सिंह और सुशील तिवारी। भूपेंद्र सिंह ने अपने भाषण में कहा कि जब अटल जी सागर आते थे तो वे एक ही नाम लेते थे- सुशील तिवारी।



यह सब सुनकर गोपाल भार्गव काफी नाराज हुए। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि हम उस पार्टी के नेता हैं, जिसमें कभी दो सांसद हुआ करते थे। हम उस वक्त (1984) के विधायक हैं। अटल जी से मेरी पहली मुलाकात 1974 में हुई थी। गोपाल भार्गव ने भाषण में शरद यादव का भी जिक्र किया। गोपाल भार्गव 1984-85 में सागर जिलाध्यक्ष भी थे। जानकारों का कहना है कि अटल जी को क्षेत्र में वे (भार्गव) ही लेकर आते थे।


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