theSootrLogo
theSootrLogo
MP News- मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी मध्यप्रदेश में बीजेपी ने बदल दिया डेढ़ दशक का इतिहास, BJP के नारों से गायब हुए शिवराज, क्या टूट गया मामा का तिलिस्म?
undefined
Sootr
6/1/23, 1:45 AM (अपडेटेड 6/1/23, 12:35 PM)

BHOPAL. मध्यप्रदेश का आने वाला विधानसभा चुनाव कई मायनों में अलग है। खासतौर पर बीजेपी के लिए और चौथी बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए। पिछले डेढ़ दशक में बीजेपी की राजनीति पूरी तरह बदल गई है। कभी बीजेपी की जीत का पर्याय माने जाने वाले शिवराज अब पार्टी के नारों से ही गायब हो गए हैं। शिवराज पिछले 3 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के एकमात्र जिताऊ चेहरा कहे जाते थे। लिहाजा नारे भी उनके आस-पास ही बुने जाते थे। इन नारों में शिवराज का नाम होना अनिवार्य हो गया था, लेकिन अब राजनीति बदल गई है। चुनाव हैं, नारे भी हैं, लेकिन नारों में शिवराज नहीं हैं।



  • 2008 - शिवराज है तो विश्वास है

  • 2013 - फिर भाजपा-फिर शिवराज

  • 2018 - माफ करो महाराज-हमारे नेता शिवराज

  • 2023 - अबकी बार 200 पार-बंटाढार से आर-पार


नारों की पंचलाइन से शिवराज गायब


पिछले 3 चुनावों से शिवराज सिंह चौहान ही बीजेपी की चुनावी नैया के खेवनहार रहे हैं। वे एक गरीब किसान पुत्र की छवि को लेकर सत्ता में दाखिल हुए और फिर बच्चों के मामा और बहनों के भैया बन गए। यही छवि उनको विजेता बनाती रही, लेकिन डेढ़ दशक तक रिकॉर्ड होल्डर सीएम रहे शिवराज अब शायद बीजेपी के लिए गुजरे जमाने की बात हो गए हैं। वे अब सिर्फ समझौता सरकार के मुखिया के तौर पर ही जाने जा रहे हैं। चुनाव सिर पर हैं, लेकिन चुनाव के नारों की पंच लाइन से शिवराज गायब हैं। वरिष्ठ पत्रकार जयराम शुक्ला कहते हैं कि ये बीजेपी की बदलती बयार है जो शिवराज के बिना बह रही है।


बीजेपी को शिवराज ट्रंपकार्ड नजर नहीं आते


2023 के नारे में सिर्फ बीजेपी की सरकार बनाने की बात की जा रही है। हाल ही में हुई बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति में नया चुनावी नारा निकलकर सामने आया। अबकी बार 200 पार-बंटाढार से आरपार। यानी मतलब साफ है कि अब बीजेपी को शिवराज, ट्रंपकार्ड नजर नहीं आते हैं। नारा नया है, लेकिन उसमें शिवराज नहीं हैं। इस बात से बीजेपी की नई राजनीति के कई संकेत मिलते नजर आते हैं। अब बीजेपी पहले की तरह शिवराज की सकारात्मक छवि से नहीं बल्कि कांग्रेस की नकारात्मक छवि बताकर चुनाव जीतना चाहती है। नारे के फोकस में दिग्विजय सिंह और कमलनाथ को रखा गया है। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इस नए नारे का खुलासा भी कर दिया है।


मोदी ही बीजेपी के तारणहार


अब बात शिवराज के विकास की नहीं बल्कि पीएम मोदी की गरीब कल्याण की योजनाओं की हो रही है। प्रदेश में विधानसा चुनाव हैं और प्रचार-प्रसार के लिए बीजेपी के सारे नेता घर-घर तक जा रहे हैं, मोदी की योजनाओं को लेकर। यानी अब मोदी ही बीजेपी के तारणहार बन गए हैं और पूरा फोकस उनके चेहरे, उनकी योजनाओं पर ही है। वीडी शर्मा प्रदेश में अगली सरकार बीजेपी की ही बनाने का दम तो भरते हैं, लेकिन बात शिवराज की नहीं टीम की होती है।


2018 में मिली हार से शुरू हुआ मामला


दरअसल, ये पूरा मामला 2018 के चुनाव में बीजेपी को मिली हार से शुरू हुआ है। राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि क्या शिवराज का तिलिस्म अब टूट गया है। कांग्रेस तो कुछ इसी तरह की बात कह रही है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शोभा ओझा कहती हैं कि शिवराज सरकार ने प्रदेश में सिर्फ भ्रष्टचार किया है जिससे लोग नाराज हैं इसलिए बीजेपी भी उनको अपना चेहरा नहीं मानती।


किसके नेतृत्व में होगा चुनाव?


बीजेपी में चल रही सियासी हलचल भी कुछ इसी बात की गवाही देती है। बार-बार बात नेतृत्व बदलाव की होने लगती है। संगठन नेतृत्व में बदलाव के लिए भी शिवराज के विरोधी माने जाने वाले नेता प्रहलाद पटेल और कैलाश विजयवर्गीय के नाम की अटकलें लगाई जाने लगती हैं। बार-बार बीजेपी के नेता ये कहते भी नजर आते हैं कि चुनाव शिवराज और वीडी के नेतृत्व में ही होगा। अगर सबकुछ ठीक है तो फिर बार-बार ये बात कहने की जरूरत क्यों पड़ रही है। राजनीतिक गलियारों में सवाल तो कई हैं जिनके जवाब आने बाकी हैं।


द-सूत्र के व्हाट्सप्प चैनल से जुड़ें
theSootr whatsapp channel
द-सूत्र के व्हाट्सप्प ग्रुप से जुड़ें
द-सूत्र ऐप डाउनलोड करें
thesootr androidthesootr ios
Madhya Pradesh assembly elections BJP changed history Shivraj name is not there in bjp slogans cm Shivraj bjp State Working Committee मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव बीजेपी ने बदला इतिहास बीजेपी के नारों में शिवराज का नाम नहीं सीएम शिवराज बीजेपी प्रदेश कार्य समिति
ताजा खबर