बाढ़ पीड़ितों को राहत: मृतक के परिजन को 4 लाख, बेघरों को 6 हजार, बहे पशुओं के लिए मिलेंगे 30 हजार

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बाढ़ पीड़ितों को राहत: मृतक के परिजन को 4 लाख, बेघरों को 6 हजार, बहे पशुओं के लिए मिलेंगे 30 हजार

भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायता के संबंध में रविवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए समीक्षा की। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी बैठक में जुड़े। सीएम ने कहा कि पिछले दिनों भयंकर वर्षा के कारण उत्तरी मध्य प्रदेश के कई जिलों में विशेषकर ग्वालियर और चंबल संभाग और विदिशा जिलों में बाढ़ ने तबाही मचा दी। अतिवृष्टि भी साधारण नहीं थी। अकेले श्योपुर जिले में 101 सेमी बारिश हो गई। बारिश ने रिकॉर्ड सारे तोड़ दिए। नदियों में भयंकर बाढ़ आ गई। गांव के गांव तबाह हो गए। कई जगह जब पानी नीचे उतरा तो हजारों मकान मलबे के ढेर में तब्दील हो गए। गृहस्थी उजड़ गई। फसलों को नुकसान पहुंचा। बिजली के सबस्टेशन डूब गए। कुछ जगह तो पुल भी बह गए। ऐसी भयानक त्रासदी कभी देखी नहीं गई।

जिंदगी बचाने में सफल हो गए- सीएम

उन्होंने कहा कि आपदा के आते ही मैं भी सक्रिय हो गया। प्रशासन भी सक्रिय था। मंत्री अपने प्रभार के जिलों में पहुंच गए। प्रधानमंत्री जी से मैंने कई बार बात की। प्रधानमंत्री जी ने भी फोन किए। हमारे आग्रह पर तत्काल एयरफोर्स के 6 हेलीकॉप्टर, बीएसएफ के जवान, सेना के जवान, आर्मी के कालम भेज दिए गए। अपनी एसडीआरएफ की टीम ने भी खूब काम किया। पुलिस, प्रशासन, निचले स्तर तक के कर्मचारी, कई नौजवान समाजसेवी, बचाव के काम में लग गए। मेरे बहनों- भाइयों मैं भी दिन-रात बचाव कार्य की मॉनिटरिंग करता रहा। एक बात की राहत है कि हम लोगों की जिंदगी बचाने में सफल हो गए। 

12 मंत्रियों की टास्क फोर्स

सीएम ने कहा कि 8900 लोग, जो बाढ़ के पानी में अलग-अलग जगह फंस गए थे। एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर ने, सेना के जवानों ने, एसडीआरएफ के जवानों ने, पुलिस ने इन लोगों का रेस्क्यू किया और बीच पानी में उन्हें बचाने में सफलता प्राप्त की। 32900 लोग निकालकर ऊंचे स्थानों पर पहुंचाकर राहत शिविरों में रखे गए। हमने जान बचा ली। लेकिन माल नहीं बचा पाए। दुकानों और घरों के अंदर रखा सामान खराब हो गया।काम धंधे चौपट हो गए। लेकिन मेरे बहनों और भाइयों निराश होने की जरूरत नहीं है। हम तत्काल राहत के काम में लग गए हैं। मैंने राहत के कार्य के लिए 12 मंत्रियों की टास्क फोर्स बनाई है। 

किसे, कितना क्या मुआवजा?

सीएम ने कहा कि राहत के कामों के लिए, सहायता करने के लिए, पुनर्वास के काम के लिए, पुनर्निर्माण के काम के लिए मैं स्वयं, मंत्रियों की टीम और अधिकारी जुटेंगे। क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियां भी सहयोग देंगी। तत्काल हमने कोशिश की कि कम से कम जिनका सबकुछ उजड़ गया, उनको भोजन मिल जाए। पशु बहे हैं तो भी चिंता न करें। दुधारू पशु गाय, भैंस बहे होंगे तो उसे लिए 30 हजार रुपए की राहत राशि दी जाएगी। गैर दुधारू पशु बैल, भैंसा के लिए भी 25 हजार रुपए की राहत की राशि दी जाएगी। अगर भेड़-बकरी बह गई होंगी तो 3 हजार रुपए की राहत की राशि देंगे। भोजन और स्वच्छ पेय जल की व्यवस्था हमारी प्राथमिकता है। उस काम में हम लगे हुए हैं। हमने फैसला किया कि तत्काल प्रत्येक बाढ़ पीड़ित परिवार को जो नियमित राशन मिलता है, उसके अतिरिक्त 50 किलो राशन और दे दिया जाए।जहां संभव होगा, वहां गेंहूं पिसवाकर उन्हें पहुंचाने की कोशिश करेंगे। 

मृतक के परिजन को 4 लाख

सीएम ने कहा कि 6000 रुपए तत्काल राहत के रूप में, जिनके घर पूरी तरह से नष्ट हो गए, उनके लिए। ताकि वे चाहें तो किराए के कमरे में भी कुछ दिन रह सकें, जब तक मकान की व्यवस्था नहीं होती और चाहें तो तिरपाल इत्यादि की व्यवस्था कर सकें। मेरे भाई-बहनों, जिनके मकान ढह गए हैं, पूर्णतः नष्ट हो गए हैं, निराश मत होना। उनके मकान बनवाने के लिए राशि दी जाएगी।यदि बाढ़ के कारण किसी भाई-बहन की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हो गई होगी तो उसके परिजनों को 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दे जाएगी।

नाव बही तो 12 हजार रुपये 

सीएम ने कहा कि बाढ़ से फसलों को क्षति पर आकलन करने के बाद राहत की राशि दी जाएगी। दुकानों में रखे सामान के नष्ट होने पर भी क्षति का आकलन कर राहत की राशि देंगे। मछुआरे की नाव बही है या पूरी तरह नष्ट हुई है तो उसके लिए 12 हजार रुपए की राशि देंगे। कई तरह की अधोसंरचनाएं नष्ट हुई हैं। हमारी प्राथमिकता है कि युद्ध स्तर पर हम बिजली की व्यवस्था बहाल करें। जहां पानी भरा हुआ है, वहां इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि भरे पानी में हम बिजली चालू नहीं कर सकते। सड़कों की अस्थाई मरम्मत के प्रयास में हम लग गए हैं। पेयजल स्रोत ठीक करने के लिए युद्ध स्तर पर पीएचई के कर्मचारी जुट गए हैं। हम तरह की आवश्यक व्यवस्था बनाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। 

सीएम ने की अपील

सीएम शिवराज ने कहा कि मैं जानता हूं आपका कष्ट बड़ा है। दर्द गहरा है। सरकार के लिए भी चुनौती बड़ी है। लेकिन हमारा हौसला भी बड़ा है। तकलीफ आई है। परेशानी है, संकट है। लेकिन इस संकट के पार आपको निकालकर ले जाएंगे। चिंता मत कीजिए बहनों और भाइयों। मैं सभी समाजसेवियों से दानदाताओं से अपील करना चाहता हूं कि पीड़ित मानवता की सेवा सबसे बड़ा पुण्य है। इसलिए आप जो भी सहयोग कर सकते हैं अपने पीड़ित भाई-बहनों के लिए, भोजन, सूखे राशन, बर्तन, कपड़े की व्यवस्था इस संकट के समय जरूर कीजिए।

मध्यप्रदेश शिवराज सिंह बाढ़ मुआवज़ा