कवि छोकर, SEHORE. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सपरिवार अपने गृह ग्राम जैत के गौरव दिवस समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जन्म-भूमि का कर्ज उतारना हम सबका कर्त्तव्य है। अपने गांव, अपनी माटी को न भूलें। वर्ष में एक बार अपने गांव अवश्य जाएं। अपने गांव के बुजुर्गों का पैर छूकर आशीर्वाद अवश्य लें। आज मैं परिवार सहित अपने गांव का गौरव दिवस मनाने आया हूं। मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी ने माँ नर्मदा की आरती और पूजन किया। इस अवसर पर उन्होंने मां नर्मदा से सबकी खुशहाली और सुख-समृद्धि की प्रार्थना की।
ग्राम की प्रतिभाओं का किया सम्मान
कार्यक्रम के दौरान सीएम ने ग्राम की प्रतिभाओं का सम्मान किया, बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया और मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया। साथ ही गांव वालों को नशामुक्ति, पेड़ लगाने, बेटियों का सम्मान करने, अपने गांव को स्वच्छ रखने और सुंदर बनाने तथा बिजली और पानी बचाने का संकल्प दिलाया। स्व-सहायता समूह की बहनों को आजीविका एक्सप्रेस और लैपटॉप प्रदान किए। नौका दौड़ सहित अन्य खेल गतिविधियों के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया।
आज मैं जो कुछ भी हूं मां नर्मदा की कृपा से हूं
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मैं जो कुछ भी हूं मां नर्मदा और अपने गांव जैत की कृपा से हूं। जो कुछ मैंने सीखा, जैत की माटी से सीखा। गांव से जुड़ी कई पुरानी यादें आज आ रही हैं। मैं तैरकर नर्मदा पार जाया करता था, कछार पर घंटों ध्यान लगाता था। गांव में सुबह उठकर सब बच्चे पानी भरते थे और देवी-देवताओं पर चढ़ाते थे।
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प्रदेश में बेटियों का सर्वोच्च सम्मान है
सीएम ने कहा कि आज ग्राम जैत के गौरव दिवस समारोह में बाहर से आए सभी व्यक्ति हमारे मेहमान हैं। मैं कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर, एसपी सहित सभी का स्वागत करता हूं। प्रदेश में ग्राम, नगर के गौरव दिवस मनाने की परम्परा इसीलिए प्रारंभ की गई है कि हम अपने गांव, नगर का न भूलें, इनसे निरंतर जुड़े रहें और उनकी प्रगति और विकास में पूरा योगदान दे सकें। परिवार, समाज और राष्ट्र के विकास में महिलाओं का पूरा योगदान रहता है। मेरी पत्नी साधना सिंह मेरे हर कार्य में पूरा साथ देती हैं। बहन-बेटियों की इज्जत करना और उनके कल्याण के लिए निरंतर कार्य करना हम सभी का कर्त्तव्य है। प्रदेश में बेटियों का सर्वोच्च सम्मान है, उनके साथ दुराचार करने वालों के विरुद्ध फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है।
गांव में कम्पोजिट पंचायत भवन बनेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। गांव में कम्पोजिट पंचायत भवन बनाया जाएगा, जिसमें स्व-सहायता समूह की बहनों को बैठने के लिए स्थान, रूरल मार्ट, एटीएम, बीसी कक्ष आदि होंगे। उन्होंने जैत में स्टेडियम बनाने की घोषणा भी की।स्व-सहायता समूह से महिलाओं को सशक्त किया जा रहा है। हमारा लक्ष्य है कि हर बहन की आमदनी कम से कम 10 हजार रुपए प्रतिमाह हो।
सीएम ने पूरे प्रदेश का नक्शा बदला: सांसद
गौरव दिवस समारोह में सांसद रमाकांत भार्गव ने संबोधित करते हुए कहा कि जैत के लाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने न केवल जैत का बल्कि पूरे प्रदेश का नक्शा बदल दिया है। उनकी प्राथमिकता गरीबों का कल्याण, किसानों का हित, युवाओं को रोजगार बेटियों को संरक्षण और शिक्षा के साथ प्रदेश का चहुंमुखी विकास हुआ है।
मुख्यमंत्री ने खेड़ापति हनुमान मंदिर में पूजा की
मुख्यमंत्री ने नर्मदा जयंती के अवसर पर अपने गृह ग्राम जैत पहुंचे। यहां पहुंचने पर ग्रामवासियों ने उनका आत्मीय स्वागत किया। सर्वप्रथम उन्होंने खेड़ापति हनुमान मंदिर में पूजा कर प्रदेश के नागरिकों की सुख-समृद्धि की कामना की। जैत गांव के जन्मदिन को गौरव दिवस के रूप में मनाया।
ग्रामीण आजीविका एक्सप्रेस का किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने पत्नी साधना सिंह के साथ ग्राम जैत में मां शारदा स्वसहायता समूह को ग्रामीण आजीविका एक्सप्रेस की चाबी सौंपकर इसका शुभारंभ किया। यह वाहन 6 लाख 30 हजार रुपए की राशि से क्रय किया गया है। यह ग्रामीण आजीविका एक्सप्रेस वाहन डोबी, सरदारनगर, जैत, आमोन, खितवई तथा बकतरा के आंतरिक मार्गों से ग्रामीण यात्रियों को लाने एवं ले जाने का कार्य करेगा। मां शारदा स्व सहायता समूह की अध्यक्ष कुंती विश्वकर्मा, सचिव रामबाई को वाहन की चाबी सौंपी गई है।
रायसेन में नर्मदा जयंती पर जगह-जगह निकली चुनरी यात्रा
पवन सिलावट, RAISEN. 28 जनवरी को नगर सहित दर्जनों ग्रामीण क्षेत्रों के कई स्थानों से विशाल चुनरी यात्रा का आयोजन किया गया, जो अपने गृह ग्राम से अलीगंज और घाट पिपरिया नर्मदा तट पहुंची। विशाल चुनरी यात्रा मैं नृत्य करते घोड़े आकर्षण का केंद्र रहे। महिलाओं और पुरुषों के द्वारा चुनरी यात्रा में बढ़-चढ़कर भाग लिया। बरेली नगर से होते हुए यह चुनरी यात्रा नयागांव, महेश्वर, बाग पिपरिया, अलीगंज पहुंची। यहा मां नर्मदा की चुनरी का विसर्जन किया और विशाल भंडारा हुआ। चुनरी यात्रा पर जगह-जगह की गई। शाम को मां की महा आरती के बाद दीपदान किया गया।