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संजय गुप्ता, INDORE. बीएम फार्मेसी कॉलेज की महिला प्रिंसिपल विमुक्ता शर्मा की मौत के बाद कोर्ट में 300 पन्नों के पेश हुए चालान से साफ हो गया है कि आरोपी छात्र का यह काम कोल्ड ब्लडेड मर्डर (ठंडे दिमाग से सोची समझी हत्या) था। चालान मे साफ है कि आरोपी छात्र आशुतोष श्रीवास्तव घटना वाले दिन पहले सुबह 20 फरवरी को कॉलेज गया और प्रोफेसर विजय पटेल को फोन किया कि वह चाकूबाजी केस में राजनीमा कर लें, लेकिन उन्होंने मना किया। फिर छात्र कोर्ट में पेशी के लिए गया। इसके बाद उसने दोस्त से ऑनलाइन उधार लेकर 700 रुपए का पेट्रोल बाइक में भरवाया, फिर 50 रुपए की बाल्टी ली और बाइक से बाल्टी में पेट्रोल निकलाने के लिए 39 रुपए की नली खरीदी। कॉलेज में गया, वहां बाइक में नली डालकर बाल्टी में पेट्रोल निकाला और फिर महिला प्रिंसिपल को ढूंढा। उसे प्रिंसिपल कार में जाती नजर आई। वह महिला प्रिंसिपल की कार के सामने पहुंच गया। उसने दरवाजा खोलकर उन्हें निकाला और फिर बाल्टी मे लाया पेट्रोल उनपर डाल दिया और लाइटर से आग लगा दी, फिर तिंछा फाल की ओर भाग गया। यह पूरा घटनाक्रम सोचा समझा हुआ था।
महिला प्रिंसिपल ने भी मौत से पहले दिया है बयान
महिला प्रिंसिपल ने भी मौत से पहले पुलिस को बयान दिया है कि- वह जब कार से घर की ओर लौट रही थी, तब छात्र कार के सामने आ गया, मुझे बाहर निकाला और पेट्रोल डालकर आग लगा दी। वह मुझ पर दबाव बना रहा था कि प्रोफेसर विजय पटेल उससे चाकूबाजी मामले में राजीनामा कर लें। मैं पहले ही उसे इस बारे में मना कर चुकी थी।
आरोपी छात्र ने भी कबूली वारदात
घटना वाले दिन आरोपी छात्र लगातार पुलिस को यह कहता रहा कि वह आत्महत्या करने गया था। महिला प्रिंसिपल उसे बचाने के लिए आगे आई, जिसमें उन्हें आग लग गई, उसने उन्हें नहीं जलाया। लेकिन पुलिस की जांच और सभी तथ्यों के आपस में जुडने के साथ ही महिला प्रिंसिपल के बयान के बाद सच्चाई सामने आ गई है। बीएम कॉलेज सिमरोल में 20 फरवरी को यह घटना 4.15 बजे हुई थी। पुलिस चालान में आया है कि आरोपी छात्र वहां के सीसीटीवी फुटेज में दिखा है। एक फुटेज में 4.18 बजे दोपहर में महिला प्रिंसिपल जलकर भागती हुई दिख रही है। वहां के स्टॉफ ने उनपर कपड़ा डालकर आग बुझाई और फिर उन्हीं की कार में एक निजी अस्पताल ले गए, फिर वहां से रेफर कर चोइथराम अस्पताल ले जाया गया, जहां मौत से जंग लड़ते हुए 25 फरवरी की सुबह उनकी मौत हो गई।
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थाने में कई बार हुई शिकायतें लेकिन नहीं हुई कार्रवाई
पुलिस को आरोपी छात्र द्वारा महिला प्रिंसिपल को फरवरी से जून 2022 के बीच किए गए कई धमकी वाले मैसेज भी मिले हैं, जो चालान में लगाए गए हैं। इसमें महिला प्रिंसिपल को श्राप देने, उनके मर जाने, उनके बुरा चाहने जैसी कई बाते कही गई है। महिला प्रिंसिपल और कॉलेज ने कई शिकायतें सिमरोल थाने में छात्र के खिलाफ की थी, लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं की गई। इस मामले में एसपी ग्रामीण पहले ही सिमरोल थाने के वर्तमान और पूर्व टीआई को अटैच कर चुका है।