DAMOH. मध्यप्रदेश के दमोह जिले में गुरुवार 13 अप्रैल को एक बीएससी फाइनल ईयर की छात्रा ने खुद को आग के हवाले कर दिया। उसकी चीख सुनकर पड़ोसियों ने आग बुझाई। उसे गंभीर हालत में जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। छात्रा ने अस्पताल में अपनी मां को बताया कि कॉलेज का प्रोफेसर पिछले एक साल से उसे परेशान करता और छेड़खानी करता था। इतना ही नहीं छात्रा को धमकी भी देता था, कि यदि वह उससे मेल जोल नहीं बढ़ाएगी तो उसे परीक्षा में नुकसान पहुंचाएगा।
टीचर का कहना- वरिष्ठों से करें बात
गुरुवार दोपहर हुई घटना की जानकारी जैसे ही परिजनों के पास पहुंची, वैसे ही वह आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थाने पहुंच गए। तेंदूखेड़ा टीआई के मुताबिक छात्रा का बयान दर्ज करने के लिए एक सब इंस्पेक्टर को जबलपुर मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं आरोपी प्रोफेसर अरुण पटेल ने इस मामले से पल्ला छाड़ते हुए कहा कि-आप हमारे वरिष्ठों से बात करो, जो कुछ होगा देखा जाएगा।
प्रताड़ना की कहानी मां की जुबानी
छात्रा की मां ने बताया कि गुरुवार दोपहर मैं अपने आंगनबाड़ी केंद्र जा रही थी। बेटी परीक्षा देने गई थी। जब वह लौटकर आई तो घर पर कोई नहीं था। उसने खुद को आग के हवाले कर दिया। उसकी चीख सुनकर वहां पड़ोसियों ने बेटी को बचाया। उन्होंने मुझे कॉल कर बताया। मैं भी दौड़े-दौड़े घर पहुंची, तब तक पुलिस भी पहुंच गई थी।
ये भी पढ़े...
घर पर बताया तो कॉलेज बर्बाद हो जाएगा
युवती ने अपनी मां को बताया कि कॉलेज के प्रोफेसर अरुण पटेल एक साल से उसे प्रताड़ित कर रहा था। वह उसके साथ छेड़खानी करता है और मेल-जोल बढ़ाने के लिए दबाव बना रहा है। उसने कई बार मना किया, लेकिन वह नहीं मान रहा था। उसने धमकाया था कि यदि घर पर बताया तो तेरा कॉलेज बर्बाद हो जाएगा। इसी डर से वह अब तक चुप रही। प्रोफेसर का साथ कॉलेज की एक महिला टीचर भी देती थी। युवती जब भी कॉलेज जाती थी, सर और मैडम उसे देखकर गंदी गंदी बात करते थे। इस कारण वह कॉलेज कम जाती थी।
प्रोफेसर घर के लगाता था चक्कर
पीड़ित की मां ने आगे बताया कि- अरुण घर के आसपास से निकलता था। मुझे लगा सभी निकलते हैं तो वह भी आता-जाता होगा, जबकि उसका हमारे मोहल्ले से कोई लेना-देना नहीं है। वह कहीं और रहता है। मैंने कभी ध्यान नहीं दिया।
चैकिंग के दौरान किया बैड टच
घायल युवती ने मां को बताया कि-फिजिक्स के पेपर के दिन जब वह क्लास रूम पहुंची तो प्रोफेसर चैकिंग के दौरान बैड टच कर रहे थे। जबकि चैकिंग करने का अधिकार सिर्फ महिला टीचर को होता है। वह पेपर दे ही रही थी कि करीब 15 मिनट बाद उसका पेपर छीन लिया और कहा कि अब कॉलेज मत आना।