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SINGRAULI. बैन के बावजूद नाम बदलकर कारोबार कर रही चिटफंड कंपनी- एलजेसीसी यानी लस्टीनेस जनहित क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड बैन लगा दिया गया है। सिंगरौली कलेक्टर (जिला मजिस्ट्रेट) ने इस संबंध में शुक्रवार, 21 अप्रैल को आदेश जारी किए हैं। और बताया गया कि निर्दोष लोगों को फर्जी योजनाओं का शिकार होने से बचाने के लिए ऐसा किया गया है। आदेश में इस बात का भी जिक्र है कि चिटफंड कंपनी ना तो नवीन खाता खोल सकेगी और ना ही आम लोगों से जमा राशि स्वीकार कर सकेगी। साथ ही प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि इस कंपनी की किसी भी शाखा में कोई भी धनराशि जमा ना करें और यदि पैसा जमा भी किया है तो उसे तत्काल निकाल लें। कंपनी जमा पैसा देने में आनाकानी करे तो पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं।
पहले भी लग चुका कंपनी पर बैन
इससे पहले भी जिला प्रशासन ने 2021- 2022 में चिटफण्ड कंपनी में किसी भी धनराशि को जमा करने पर बैन लगाया था, लेकिन बैन के बाद चिटफण्ड कंपनी ने नाम बदलकर दूसरे नाम से कारोबार शुरू किया और लोगों को लुभावने ऑफर देकर धनराशि जमा करा रही थी।
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नाम बदलकर कारोबार कर रही यह चिटफंंड कंपनी
सिंगरौली जिले में एक लंबे समय से नाम बदलकर-बदलकर यह कंपनी कारोबार कर रही है। शुरुआती दौर में यह ऑप्शन वन के नाम से सिंगरौली जिले में अपना कारोबार शुरू किया और यहां की भोली-भाली आम लोगों को लुभावने ऑफर देकर करोड़ों की राशि जमा करा लिया। इसके बाद जब मेच्योरिटी देने का वक्त आया तो यह कंपनी अपना नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद मल्टी स्टेट क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी के नाम से पंजीयन कराकर कारोबार शुरू कर दी। ऑप्शन वन कंपनी के भी खातेदारी थे, अपना पैसा वापस लेने के लिए कई अधिकारियों के दफ्तरों का चक्कर लगा कर थक हारकर भूल गए की हमने कभी पैसा भी जमा किया था। स्वामी विवेकानंद मल्टी स्टेट क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी पर भी जिला प्रशासन ने कारोबार करने से बैन लगा दिया। जिसके बाद फिर इस कंपनी ने एक नए नाम LJCC से पंजीयन कराकर काम शुरू कर दिया।
कंपनी का मालिक एनजीओ भी चलाता है
लोगों को डबल पैसा कमाने और अन्य तरह के लुभावने ऑफर देकर पैसा जमा कराने लगी। हैरानी की बात यह है कि नाम बदलकर कारोबार करने वाले एक ही नाम का व्यक्ति है जो लंबे अर्से से इस कारोबार में लिप्त है। नाम है अनुराग बंसल। इसके कारोबार में इसकी पत्नी आरती बंसल भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसके साथ ही जिले के लोगों की हमदर्दी जितने के लिए इसने एनजीओ भी संचालित कर रहा है। एनजीओ के जरिए यह कभी गांव मोहल्ले की बस्तियों में जाकर चावल दाल की थैली तो कभी जिला प्रशासन की नजरों में भी इसकी पैठ बनी रहे जिसके लिए हॉस्पिटल में एक एम्बुलेंस की सुविधा भी दे रखी है। सोशल मीडिया में भी यह काफी सुर्खियों में रहता है। फिलहाल जिला मजिस्ट्रेट ने शुक्रवार, 21 अप्रैल को एक आदेश जारी कर इस कंपनी के कारोबार पर बैन लगा दिया है। जिला प्रशासन ने लोगों से अपील किया है कि इस कंपनी में अब कोई भी धनराशि जमा ना करें। और जो पूर्व में राशि जमा की हो वह अपनी राशि निकाल लें, अगर देने में आनाकानी करे तो पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराएं।