SIDHI.सीधी में जनसुनवाई में आए एक आवेदक को कलेक्टर ने जमकर धमकाया। आवेदक कि सिर्फ इतनी गलती थी वह अपनी बात को जोर जोर से बोलकर बता रहा था। कलेक्टर ने उसकी बात भी सुनी, लेकिन कोई समाधान नहीं बताया और ना उसे ऐसा कोई आश्वासन दिया, जिससे उसे कोई राहत का भरोसा होता। मामला, बिगड़ता गया और फिर कलेक्टर ने आवेदक को हॉल से बाहर करने के निर्देश दिए। अब पूरे मामले का वीडियो वायरल हो रहा है।
सड़क की समस्या लेकर पहुंचा था जनसुनवाई में
मंगलवार, 28 मार्च को जनसुनवाई चल रही थी। इसी दौरान आवेदक उपेंद्र तिवारी ने कलेक्टर को बताया कि उसके ग्राम पंचायत रामपुर को जोड़ने वाली दो किमी की सड़क दो साल में भी नहीं बन सकी है। जबकि स्वीकृत हुए कई साल हो गए हैं। उसने बताया कि इस मामले में आपको कलेक्टर भी कई बार शिकायत कर चुका हूं। सड़क नहीं बनने से गांव के बच्चों को स्कूल जाने के लिए एक किमी तक पैदल चलना पड़ता है। बहुत परेशानी हो रही है। आवेदक ऐसा लग रहा था, कलेक्टर को कम जनवार्इ्र में आए लोगों को ज्यादा बता रहा था। कलेक्टर ने काफी देर तक आवेदक की बात सुनी और उसे कोई उचित समाधान नहीं बताया। फिर कलेक्टर और आवेदक में विवाद हो गया। इसी दौरान कलेक्टर ने एसपी को बुलाने की बात कही। और कहा इसे आगे से यहां नहीं आने देना। यानी उसके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया।
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मंजूर सड़क बनने में गड़बड़झाला
आवेदक उपेंद्र तिवारी ने बताया कि सीधी जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत रामपुर को जोड़ने वाली दो किमी स्वीकृत सड़क बनवाने के लिए कलेक्टर से लेकर सीईओ, विधायक और सांसद से भी आग्रह कर चुका हूं। 2019 से सड़क मंजूर है। कोई काम नहीं हुआ है। गांववालों को काफी परेशानी हो रही है। यहां का प्रशासन कोई काम नहीं करता है। यहां जो भी कलेक्टर आते हैं, पता नहीं क्यों इतने आवेदनों के बाद भी सुनवाई नहीं करते हैं। सब गड़बड़झाला चल रहा है। जारी वीडियो में आवेदक यह कहता हुआ भी नजर आ रहा है कि हमारी इतनी औकात नहीं ही हम सीधे सीएम या किसी मंत्री तक पहुंच सकें। मैं तो कलेक्टर की जनसुवाई में ही आता रहूंगा जब तक समस्या का समाधान नहीं हो जाता।
कलेक्टर ने यह कहा
पूरे मामले पर सीधी कलेक्टर साकेत मालवीय ने कहा कि सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। आवेदक को महोदय बोलते हुए कलेक्टर ने कहा, कोई मामला है तो उसके बेसिक तथ्य तो बताने ही पड़ेंगे और अगर कोई राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता है तो उसका भी हल है। आकर चिल्लाने से तो समस्या का हल नहीं हो सकता। एक पन्ने के आवेदन पर समाधन नहीं हो सकता। किसी ने कह दिया मर्डर हो गया और कहने मात्र से उसे फांसी पर नहीं चढ़ाया जा सकता।