भोपाल की बर्खास्त असिस्टेंट इंजीनियर हेमा मीणा के 30 प्रोजेक्ट की जांच करेगी कमेटी, 15 दिन में सौंपेगी रिपोर्ट

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Neha Thakur
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भोपाल की बर्खास्त असिस्टेंट इंजीनियर हेमा मीणा के 30 प्रोजेक्ट की जांच करेगी कमेटी, 15 दिन में सौंपेगी रिपोर्ट

BHOPAL. मध्यप्रदेश में पुलिस हाउसिंग कॉपोर्रेशन की बर्खास्त असिस्टेंट इंजीनियर हेमा मीणा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। दरअसल, लोकायुक्त पुलिस और पुलिस हाउसिंग कॉपोर्रेशन साथ मिलकर हेमा के सुपरविजन में हुए कामों की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में इंदौर के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर किशन विधानी और प्रोजेक्ट इंजीनियर ज्ञानेश्वर यादव को रखा गया है। कमेटी अब 15 दिनों में हेमा मीणा द्वारा भोपाल और इसके आसपास कराए गए  30 प्रोजेक्ट की गुणवत्ता की जांच करेगी। वहीं, इसकी रिपोर्ट सौंपेगी। आपको बता दें कि इस मामले में हेमा के बॉस जनार्दन सिंह का नाम शामिल होने के बाद उसे भी बर्खास्त कर दिया गया है।



जर्नादन की कड़िया हेमा की प्रॉपर्टी से जुड़ी



पुलिस हाउसिंग कॉपोर्रेशन द्वारा की गई जांच में हेमा मीणा के साथ विभाग के प्रोजेक्ट इंजीनियर जनार्दन सिंह का नाम सामने आने के बाद 18 मई को गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सस्पेंड करने का आदेश जारी किया। हेमा मीणा पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन में असिस्टेंट इंजीनियर थीं, जिन्हें पहले नौकरी से हटाया जा चुका है। हेमा की सैलरी 30 हजार थी और उनके पास सैलरी से 332% ज्यादा संपत्ति का पता लगा था। संपत्ति में 40 कमरों वाला बंगला, 10 लग्जरी गाड़ियां और 30 लाख का टीवी मिला था।



8 दिन बाद भी खातों की जानकारी नहीं जुटा पाई टीम



लोकायुक्त पुलिस ने हेमा के ठिकानों पर 11 मई की सुबह रेड की थी। इस दौरान हेमा के भोपाल में 3 और रायसेन में 2 खातों की जानकारी मिली थी। लेकिन, 8 दिन बाद भी टीम खातों की पूरी जानकारी नहीं जुटा पाई है। इसके साथ ही हेमा के घर से मिले 450 सामान की असल कीमत की भी जांच अब तक पूरी नहीं हुई है। इस मामले में इंजीनियर जनार्दन सिंह का नाम आने के बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया। निलंबन आदेश के मुताबिक हेमा जनार्दन के अधीनस्थ काम करती थी। ऐसे में हेमा का पर्यवेक्षण करना उनकी ड्यूटी थी, जो उन्होंने ठीक ढंग से नहीं निभाई। सूत्रों के मुताबिक हेमा के वेयर हाउस और डॉग फार्म समेत तीन प्रॉपर्टी का निर्माण जनार्दन के जरिए हुआ।



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3 प्रॉपर्टी का काम कराकर ठेकेदार की रोकी पेमेंट

लोकायुक्त जांच द्वारा ठेकेदार अमर पंडित से पूछताछ करने पर बताया कि हेमा और जनार्दन ने उनसे 3 प्रॉपर्टी पर काम कराया। जनार्दन रोज फोन कॉल्स और वॉट्सऐप पर इनका अपडेट लेता था, लेकिन निर्माण कार्य का 53 लाख रुपए नहीं दिया। इस संबंध में डीजीपी और सीएम तक जनार्दन और हेमा के नाम से शिकायत की, पर कार्रवाई नहीं हुई। हालांकि, जनार्दन ने इससे इंकार किया है।



हर तरह से जांच कर रही टीम



मामले के बाद लोकायुक्त की टीम हेमा मीणा के कनेक्शन को खंगाल रही है। जनार्दन ने पूछताछ में माना है कि हेमा और उसके पारिवारिक रिश्ते हैं। बता दें कि हेमा पहले शंभू नाम के एक पेट्री कॉन्ट्रैक्टर के साथ लिव इन में रहती थी। 2015-16 में शंभू और हेमा के रिश्तों में दरार आ गई। शंभू का आरोप था कि जनार्दन के चलते ही उसका रिश्ता टूटा था।



सोलर पैनल सुधारने के बहाने बंगले में घुसी टीम



लोकायुक्त SP मनु व्यास और उनकी टीम सुबह 6 बजे हेमा के बिलखिरिया स्थित बंगले पर पहुंची। टीम को हेमा के कर्मचारियों ने रोकने की कोशिश की। तब टीम ने बताया कि वह पशु विभाग से हैं। सोलर पैनल चेक करना है। इस पर कर्मचारियों ने बंगले में टीम को जाने दिया। अंदर हेमा मिली। उसे जांच की बात कहकर एक कमरे में बैठा दिया गया। उसके मोबाइल रख लिए। लोकायुक्त टीम के अलावा राजस्व, पशुपालन की 50 लोगों की टीम जांच कर रही है। उसके ऑफिस से भी दस्तावेज बरामद किए हैं।

 


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