Vidisha. मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की मनमानी का यह आलम है कि लोगों को शिकायत के लिए इतने जतन करने पड़ जाते हैं कि क्या ही कहें। ताजा मामला विदिशा का है जहां एक जमीन विवाद के मामले में अदालत स्टे दे चुकी है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि स्टे के बावजूद पटवारी ने उक्त जमीन की नापजोख शुरू कर दी। तहसीलदार को शिकायत की गई तो उसने कोई मदद नहीं की, मजबूरन फरियाद लेकर फरियादियों ने तपती धूप में सड़क पर लोटकर प्रदर्शन किया और कलेक्टर से शिकायत करने पहुंचे।
कलेक्टर से लगाई न्याय की गुहार
फरियादियों का कहना है कि अब उनके लिए कलेक्टर ही भगवान है और इसलिए वे सड़कों पर लोटते हुए गुहार लगाई है। दरअसल उनकी जमीन पर स्टे लगा हुआ था फिर भी पटवारी उनकी जमीन को जबरदस्ती नाप लिया। वहीं जब स्थानीय तहसीलदार से इसकी शिकायत की तो वहां पर भी उन्हें कोई सहयोग नहीं मिला। साथ ही उन्हें जेल में बंद करने की धमकियां दी जा रही है। जिससे परेशान होकर आज तपती दोपहर में करीब 1 किलोमीटर लोटते हुए दो व्यक्ति आवेदन लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे।
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हाथों में पड़ गए फफोले
विदिशा में आज तापमान 41 डिग्री सेल्सियस से ऊपर था, ऐसे में सड़क पर लोटने के कारण फरियादियों के हाथ में फफोले तक पड़ गए। लोटते हुए कलेक्ट्रेट जा रहे फरियादियों को देखकर तहसीलदार ने उन्हें रोका और अपनी गाड़ी से कलेक्ट्रेट पहुंचाया। कलेक्टर ने फरियादियों की शिकायत सुनी और कहा कि जिस जमीन की फरियादी बात कर रहे हैं, वह उनकी बहन के नाम पर थी, बहन की मौत के बाद उसका नामांकन पति के नाम पर हो गया है। जिसे पति ने किसी और को बेच दिया है।
फिलहाल कलेक्टर ने मामला जांच में लिया है, स्टे होने के बावजूद पटवारी ने जमीन का नापजोख क्यों किया। इस पर जांच कराने की बात कही जा रही है।