BHOPAL. एक इन्फ्रा कंपनी से एक करोड़ रुपए लेने और कंपनी को फायदा पहुंचाने के आरोपों से घिरे रियायर्ड आईएएस राधेश्याम जुलानिया ने अपने खिलाफ लोकायुक्त में दर्ज शिकायत को झूठा और मनगढ़ंत बताया है। उनका कहना है कि उन्होंने सरकार की अनुमति लेकर ही नियमानुसार आवासीय प्लॉट बेचा और खरीदा है। साथ ही उनकी बेटी लावण्या ने न कभी मेंटाना कंपनी में जॉब किया है और न ही उन्होंने इस कंपनी को कोई लाभ पहुंचाया है। उनका कहना है कि अपनी ही पैसा बैंक में जमा कराना और निकालना अपराध नहीं है।
व्यक्तिगत वैमनस्यता से कराई गई शिकायत
बता दें कि सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद से रिटायर हुए राधेश्याम जुलानिया पर जल संसाधन विभाग में पदस्थ रहते हुए अर्नी इंफ्रा नामक कंपनी से 99 लाख रुपए अपने बैंक खाते में डिपॉजिट कराने के आरोप लगाते हुए लोकायुक्त में शिकायत की गई है। इस मामले में शिकायत के आधार पर लोकायुक्त संगठन ने उनके खिलाफ जांच प्रकरण दर्ज किया है। लोकायुक्त में शिकायत दर्ज होने के बाद द सूत्र से चर्चा में जुलानिया ने स्पष्ट किया ‘मेरे खिलाफ लोकायुक्त में की गई शिकायत झूठी और बोगस है। इसी तरह की शिकायत को लेकर पत्रकार रवींद्र जैन और उनके बेटे के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दिल्ली में चल रहा है। सिविल मुकदमे में न्यायालय ने स्टे ऑर्डर पास किया है। इसी के बाद छद्म आदमी (नेमीचंद जैन) के नाम पर शिकायत की गई। हकीकत में न तो किसी कंपनी से मेरे खाते में कोई पैसा आया है। न ही करप्शन की कोई गुंजाइश है। मेरी बेटी ने कभी इस कंपनी में काम नहीं किया है। जिस मेंटाना कंपनी को ब्लैक लिस्ट होना बताया गया, वो कंपनी कभी ब्लैक लिस्ट हुई ही नहीं। व्यक्तिगत वैमनस्यता से ये शिकायत कराई गई है।’
शिकायत में पत्नी एवं बेटी को भी आरोपी बनाने की मांग
गौरतलब है कि लोकायुक्त में 02 अगस्त को भोपाल निवासी नेमीचंद जैन के नाम से की गई शिकायत में दावा किया गया कि जुलानिया रिटायरमेंट के बाद भोपाल के जिस बंगले में रहते हैं, वो जमीन उन्होंने स्वयं और पत्नी अनिता जुलानिया के नाम से खरीदी है। ये जमीन खरीदने के लिए रकम अर्नी इंफ्रा के अलग-अलग बैंक खातों से जुलानिया के अकाउंट में भेजी गई है। शिकायतकर्ता ने इसके प्रमाण भी लोकायुक्त को सौंपे है ।नेमीचंद ने शिकायत में बताया कि जनवरी 2021 में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने अर्नी इंफ्रा के मालिक आदित्य त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला था कि अर्नी इंफ्रा मुखौटा फर्म है। जल संसाधन विभाग का सबसे बड़ा ठेकेदार राजू मेंटाना है। वह अधिकारियों की मिलीभगत से ठेका हासिल करता है। इसके बाद सबलेट कंपनियों को ठेका दे देता है। शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त को दस्तावेज सौंपते हुए राधेश्याम जुलानिया, उनकी पत्नी अनिता और बेटी लवण्या को भी आरोपी बनाने की मांग की है।
सरकार की अनुमति से ही प्लॉट बेचा और खरीदा
जुलानिया ने शिकायत में लगाए गए सभी आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि सरकार की अनुमति लेकर ही मैंने प्लॉट बेचा था। इसी की राशि मेरे बैंक खाते में आई थी। इसके बाद इसी राशि से मैंने सरकार की अनुमति लेकर ही दूसरा आवासीय पलॉट खरीदा। अर्नी इन्फ्रा से न तो मैंने कोई ट्रांजेक्शन किया और न ही इससे मेरे खाते में कोई पैसा आया। न ही मैंने मेंटाना कंपनी की कोई मदद की है।