भोपाल. अगस्त के शुरुआती 10 दिनों में मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के कई हिस्सों में तेज बारिश हुई। इसकी वजह से सड़कों की हालत खस्ता हो गई है। 250 से ज्यादा छोटे-बड़े पुल टूट गए। 471 किलोमीटर की सड़कें बर्बाद हो गई हैं। अब इन्हें ठीक करने के लिए तुरंत 400 करोड़ रुपये चाहिए। सबसे ज्यादा नुकसान भोपाल संभाग (Bhopal Division) के विदिशा समेत 10 जिलों में हुआ है।
नेशनल हाईवे को भी नुकसान
विदिशा-राजगढ़ सड़कें तबाह हो गई हैं। नेशनल हाईवे को भी नुकसान पहुंचा है, इन्हें ठीक करने के लिए 18 करोड़ रुपये चाहिए। इन सड़कों और पुलों को सुधारने के लिए लोक निर्माण विभाग (PWD) ने राज्य सरकार से कहा है कि वो बचत मद से 161 करोड़ रुपये दे। PWD मंत्री गोपाल भार्गव (Gopal bhargav) ने प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई और ईएनसी अखिलेश अग्रवाल से हालात की समीक्षा की।
बाढ़ में बहे पुल की नई डिजाइन
रतनगढ़ का पुल नई डिजाइन में बनेगा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि रतनगढ़ में बाढ़ में बहे पुल को नई डिजाइन से बनाया जाएगा। नए कंसलटेंट तय होंगे। PWD ने सरकार को जो रिपोर्ट भेजी है उसमें बताया है कि 23 बड़े और 293 छोटे पुलों को नुकसान हुआ है। 7 बड़े पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हैं। सड़कों में ज्यादा नुकसान मुख्य जिला मार्ग को हुआ है। यह कुल क्षतिग्रस्त सड़कों का 70% है।
ये हुए तबाह
रतनगढ़ माता मंदिर के पास सिंध नदी का पुल, यहां अभी वैकल्पिक मार्ग बनाना।
रतनगढ़ ब्रिज
इंदरगढ़-पिछौर रोड। दतिया-उन्नाव मार्ग।
अशोक नगर-पिपरई रोड। मुंगावली-बीन-कंजिया रोड।
संबलगढ़-विजयपुर मार्ग।
कैलारस-पहाड़गढ़ मार्ग, सेंमई-विजयपुर मार्ग।
विजयपुर-इकलौद मार्ग। विजयपुर-सेमई रोड।
श्योपुर-खातौली रोड का मजबूतीकरण आदि।
सबसे ज्यादा 117 किमी सड़कें ग्वालियर में खराब हुईं।