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अजय छाबरिया, BHOPAL. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा से सदस्यता खत्म हो गई है। जिसे लेकर कांग्रेस में आक्रोश है। देशभर में कई जगह विरोध प्रदर्शन शुक्रवार (24 मार्च) से ही नजर आने लगा था। राहुल गांधी के समर्थन में शनिवार (25 मार्च) को भोपाल में पीसीसी कार्यालय के सामने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मुंह पर ताला लगाकर धरना-प्रदर्शन किया। महिला कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। लोगों के मुंह पर ताला लगाना चाहती है। इतना ही नहीं केंद्र सरकार संविधान से मिली, बोलने की आजादी को पूरी तरह से छीनने का काम कर रही है।
यात्रा से बीजेपी में बौखलाहट
कांग्रेस महिला कार्यकर्ता का कहना है की राहुल गांधी की यात्रा से बीजेपी घबराई हुई है। जिसकी वजह से बीजेपी में बौखलाहट है। राहुल गांधी ने जब जनता की आवाज सदन में उठाई, तो उनका माइक बंद कर दिया गया और अब मोदी सरकार सबके मुंह बंद करने का काम कर रही है।
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आवाज उठाने वाले खतरे में हैं
कांग्रेस प्रवक्ता स्वदेश शर्मा का कहना है की बीजेपी जब से केंद्र की सत्ता में आई है। तब से देश में आवाज उठाने वाले खतरे में हैं। रेप का खुलासा करने वाले उत्तर प्रदेश के पत्रकर को मनीलॉन्ड्रिंग के केस में फंसा दिया था और अब राहुल गांधी ने जब करोड़ों के घोटालेबाजों का नाम खोला, तो उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई।
क्या है पूरा मामला
राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक में मंच से भाषण के दौरान मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? इसके बाद यह बयान सूरत कोर्ट तक पंहुचा और मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने गुरुवार (23 मार्च) दोपहर में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। इसी मामले में शुक्रवार (24 मार्च) को उनकी सदस्यता खत्म करने का फैसला आ गया।
क्यों हुई सदस्यता खत्म
सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 को अपने फैसले में कहा था कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगा। इसी फैसले के आधार पर राहुल गांधी की लोकसभा सदस्य की सदस्यता को खत्म कर दिया गया है।