RAIPUR. छत्तीसगढ़ के कोण्डागांव की नगर पंचायत केशकाल में सोमवार 8 मई को हुए अविश्वास प्रस्ताव में आखिर कार कांग्रेस के अध्यक्ष रोशन जमीर खान की कुर्सी बच गई है। अध्यक्ष के पक्ष में 7 पार्षदों ने मतदान किया है। जबकि उपाध्यक्ष पद हेतु अभी भी मतदान होना बाकी है। इस फैसले के बाद कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई है। वहीं केशकाल नगर पंचायत में अविश्वास प्रस्ताव के बाद कांग्रेस के 4 पार्षद निष्कासित कर दिए गए हैं। पार्षदों को 6 साल के लिए निष्कासित किया गया है। कांग्रेस के खिलाफ मतदान करने पर कार्रवाई हुई है। पीसीसी संगठन महामंत्री रवि घोष ने इसका आदेश जारी कर दिया है।
हाई कोर्ट में याचिका दायर
बता दें कि केशकाल नगर पंचायत में कांग्रेसी पार्षदों के द्वारा ही कांग्रेस के ही अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने से नगर का राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ था। हालांकि, नगर पंचायत अध्यक्ष रोशन जमीर खान व उपाध्यक्ष बिहारीलाल शोरी ने इस अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर 5 बिंदुओं पर शिकायत की थी। जिस पर न्यायालय ने कोंडागांव कलेक्टर को सभी बिंदुओं की जांच के निर्देश दिए थे।
कांग्रेस ने षड्यंत्र का लगाया आरोप
गौरतलब है कि केशकाल नगर में इन दिनों राजनीति गरमाई हुई है। बीजेपी कांग्रेस एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। अविश्वास प्रस्वाव को लेकर कांग्रेस का कहना था कि ये बीजेपी का षड्यंत्र है। पार्षदों को दिग्भ्रमित कर अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं। जिसमें कभी कामयाब नहीं होंगे। वहीं बीजेपी ने भी कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि साढ़े 3 साल में किसी भी प्रकार का विकास कार्य नहीं हुआ है। पार्षदों को भरोसे पर लेकर नहीं चलने के कारण ही आज कांग्रेसी पार्षदों ने ही अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। जिसको हम लोगों ने समर्थन दिया।
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पीसीसी महामंत्री बनाए गए पर्यवेक्षक
इस मामले में पीसीसी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेशाध्यक्ष अमीन मेमन ने बताया था कि इस चुनाव हेतु पीसीसी महामंत्री रवि घोष पर्यवेक्षक बनाए गए हैं। यदि किसी कांग्रेसी पार्षद के द्वारा संगठन की मंशा के विरुद्ध वोट दिया जाता है, तो उनके खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई की जाएगी। बहरहाल फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस अपने पार्षदों को पुनः अपने पाले में लेकर अविश्वास प्रस्ताव निरस्त करने में सफल हो गई है।