बीजेपी के गढ़ रीवा में कांग्रेस ने नहीं कर पा रही मुकाबला, विपक्ष के पास बड़ा चेहरा नहीं, 25 साल से लहरा रहा है भगवा

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Vivek Sharma
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बीजेपी के गढ़ रीवा में कांग्रेस ने नहीं कर पा रही मुकाबला, विपक्ष के पास बड़ा चेहरा नहीं, 25 साल से लहरा रहा है भगवा

REWA. सफेद शेरों के लिए मशहूर रीवा की पहचान देश ही नहीं दुनिया में भी खास है। वर्तमान में जहां भी सफेद शेर हैं, उन सबका डीएनए विंध्य और रीवा से जुड़ा हुआ है। इसी इलाके से पहला सफेद शेर मोहन के पकड़े जाने का दावा है। इस इलाके के जलप्रपात भी काफी सुंदर हैं। प्रदेश का एकमात्र सैनिक स्कूल भी इसी इलाके में है।



सियासी मिजाज 



 2003 से पहले तक रीवा विधानसभा कांग्रेस  के अभेद किले से कम नहीं थी लेकिन 2003 में हुए चुनाव के बाद से यहां लगातार बीजेपी ही जीत दर्ज करती आ रही है। पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक राजेंद्र शुक्ल यहां से लगातार 5 वीं बार विधायक चुने गए। एक तरह से इसे अब बीजेपी का गढ़ कहा जा सकता है। 2003 के चुनाव के बाद से यहां कांग्रेस का लगभग सफाया ही हो चुका है। बीजेपी के पास राजेंद्र शुक्ल जैसा दमदार चेहरा है तो वहीं कांग्रेस के पास चेहरे की तलाश जारी है।



सियासी समीकरण 



 कांग्रेस के पास जहां कोई बड़ा चेहरा नहीं है तो वहीं बीजेपी यहां दो गुटों में बंटी नजर आती है... पहला गुट दिव्यराज सिंह  समर्थक है और दूसरा गुट पूर्व मंत्री और विधायक राजेंद्र शुक्ल को सपोर्ट करता है जिसकी वजह से बीजेपी यहां थोड़ी कमजोर पड़ती नजर आ रही है। कांग्रेस में गुटबाजी तो नहीं है क्योंकि यहां कांग्रेस के पास चेहरे की ही तंगी है।



जातिगत समीकरण



रीवा जिले में कुल 8 विधानसभा सीट है। इन सभी सीटों पर वर्तमान में बीजेपी का कब्जा है। रीवा विधानसभा में  ब्राह्मणों का खासा दखल है। रीवा में 59 प्रतिशत सामान्य वर्ग के मतदाता हैं...जिसमें 38 फीसदी ब्राह्मण, 10 फीसदी राजपूत और 11 फीसदी अन्य वर्ग के वोटर हैं तो वहीं 18 फीसदी आबादी ओबीसी, 11 फीसदी अजा, और 6 फीसदी अजजा मतादात है।



मुद्दे 



इलाके में अच्छी शिक्षा, बिजली, पानी, खराब सड़कें  यहां सबसे बड़ा मुद्दा है। इस इलाके में बेरोजगारी भी बड़ा मुद्दा है। रोजगार नहीं होने से लोग यहां से पलायन कर रहे हैं। विकास कार्यों की खराब गुणवत्ता और उसमें हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर भी इलाके में चर्चा है तो वहीं इलाके की खराब कानून व्यव्स्था और पीने का पानी लोगों को न मिल पाना भी इलाके की बड़ी समस्याओं में से एक है।



इन तमाम मुद्दों पर जब हमने राजनीतिक पार्टियों के नुमाइंदों से बात की तो वो क्या बोले आइए आपको बताते हैं



इसके अलावा द सूत्र ने इलाके के प्रबुद्धजनों, वरिष्ठ पत्रकारों और आमजनता से बात की तो कुछ सवाल निकलकर आए।




  •  इलाके में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, इसके लिए आपने क्या प्रयास किए?


  •  खराब सड़कें और पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है, आपने क्या प्रयास किए ?

  •  पिछले 4 साल में इलाके में करवाए कोई 4 बड़े काम बताएं ?

  •  विकास कार्यों में भारी अनियमित्ताएं हैं, आपने इसकी जांच करवाई ?

  •  इलाके में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत खराब है, इसे ठीक करने आपने क्या कोशिश की ?



  • रीवा की जनता का मूड जानने के लिए क्लिक करें.. रीवा विधानसभा सीट पर क्या है जनता का मिजाज, आज हुए चुनाव तो जीतेगा कौन ?



    इन सवालों के जवाब में विधायक राजेंद्र शुक्ल क्यो बोले आइए आपको सुनवाते हैं...




    • यहां पहले डिस्पेंसरी थी उसे अपग्रेड कर अस्पताल बनवाया


  • डायलिसिस, सीटी स्कैन, एमआरआई तक होने लगी

  • हार्ट, न्यूरो, किडनी जैसी गंभीर बीमीरियों का इलाज होने लगा

  • विकास कार्यों में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ

  • रोजगार देशव्यापी समस्या है, फिर भी हम प्रयासरत हैं

  • रीवा में व्यापारिक गतिविधियां पहले से तेज हुई

  • बाणसागर परियोजना से इलाके में विकास हुआ



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